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Thursday 14 January 2021 05:44:19 PM
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना का तटीय रक्षा अभ्यास सी विजिल 12 और 13 जनवरी 2021 को हुआ, जिसकी अवधारणा और भौगोलिक विस्तार में देश की तटरेखा और एक्सेल इकोनॉमिक ज़ोन शामिल थे। इस दौरान शांति से लेकर युद्धकाल तक के अभ्यास किए गए। तटीय सुरक्षा में किसी भी तरह के उल्लंघन के मामले में तट पर ही उससे निपटने के तरीकों का अभ्यास किया गया। अभ्यास में तटीय सुरक्षा तंत्र की तैनाती की गई थी, साथ ही इसमें भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की 110 से अधिक जमीनी संपत्तियों को शामिल किया गया था। बड़ी तादाद में मरीन पुलिस और सीमा शुल्क विभाग की परिसंपत्तियों की भी तैनाती की गई थी।
भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के विमानों ने तटवर्ती क्षेत्र की निगरानी की। हेलीकॉप्टरों को अपतटीय प्लेटफॉर्मों पर काम करने वाले विशेष परिचालन कर्मियों की सेवा में लगाया गया था। चूंकि बंदरगाह समुद्र के जरिए होने वाले व्यापार का प्रमुख केंद्र होता है, इसलिए अभ्यास के दौरान बंदरगाहों की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया, आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी बंदरगाहों की संकट प्रबंधन योजनाओं का मूल्यांकन किया गया। राज्य पुलिस दल, भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडो को समुद्री आतंकवाद संबंधी वारदातों से निपटने के लिए अभ्यास कराया गया।
तटीय रक्षा अभ्यास में राष्ट्रीय कमान, नियंत्रण, संचार एवं खुफिया नेटवर्क तकनीकी निगरानी बुनियादी ढांचे को भी मान्यता प्रदान की है। गुरुग्राम के सूचना प्रबंधन एवं विश्लेषण केंद्र और भारतीय नौसेना एवं तटरक्षक बल के स्टेशनों पर अभ्यास के विभिन्न नोड्स का उपयोग निगरानी और सूचना प्रसार तंत्र के समन्वय के लिए किया गया था। इसमें शामिल विभिन्न एजेंसियों के बीच सहयोग और समन्वय तटीय रक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति का एक आश्वस्त करने वाला संकेत है, जो समुद्री क्षेत्र में तटीय रक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को बेहतर करने के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।