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Wednesday 20 January 2021 02:00:46 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रीय परिषद यानी एनसीएचएमसीटी की आम सभा की बैठक में शामिल हुए। सन 1998 के बाद हुई इस बैठक में आईएचएम के 83 प्राचार्यों और 11 राज्यों के सचिव स्तर के अधिकारी उपस्थित थे। भारत सरकार के अंतर्गत इस निकाय का उद्देश्य भारत में एक सोसायटी के रूपमें समन्वित विकास और सामान्य पाठ्यक्रम, सामान्य प्रवेश प्रणाली, सामान्य परीक्षा और डिग्री, डिप्लोमा और अन्य विशेष सम्मान के माध्यम से भारत में आतिथ्य शिक्षा के विकास के लिए काम करना है।
पर्यटन राज्यमंत्री राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष हैं और इनकी अध्यक्षता में यह बैठक हुई। वर्तमान में एनसीएचएमसीटी के अधीन 88 संस्थान कार्यरत हैं इनमें-21 केंद्रीय आईएचएम, 26 राज्य आईएचएम, 1 पीएसयू आईएचएम, 26 निजी संस्थान और 14 एफसीआई प्रमुख हैं। पर्यटन राज्यमंत्री ने कहा कि होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रीय परिषद के साथ-साथ संस्थानों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में आतिथ्य पाठ्यक्रम की समीक्षा करनी चाहिए, जिससे स्टार्ट-अप को प्राथमिकता दी जा सके एवं आवश्यक हो तो कार्यबल का भी गठन किया जाए। उन्होंने सभी सदस्यों से वर्ष में कम से कम एक बार सोसायटी की बैठक करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर और गांधीनगर जैसे संस्थानों के अपनाए गए मॉडल एवं फूड एग्रीगेटर के सहयोग से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पाया जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर टास्क फोर्स का गठन किया जा सकता है।
आम सभा की बैठक दो दशक के लंबे अंतराल के बाद हुई, जिसके दो सत्र आभासी मोड के माध्यम से आयोजित किए गए, पहले सत्र में संस्थाओं के प्रधानों ने भाग लिया, दूसरे सत्र में प्रमुख सचिव एवं राज्य सरकारों के पर्यटन सचिव, राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में महत्वपूर्ण और उपयोगी सुझाव दिए गए इनमें-नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम की समीक्षा पर एक कार्यबल का गठन, स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यबेशन सेंटर की स्थापना, संस्थानों में व्यावहारिक कक्षाएं शुरु करके कोरोना दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्राथमिक आधार पर टीकाकरण की संभावना को तलाशना, संस्थान प्रतिष्ठित स्थलों, पुस्तकालयों, स्मारकों की पहचान करना, ताकि उन स्थानों पर स्टार्ट-अप पहल के रूपमें खानपान प्रतिष्ठान चल सकें, जिसमें संस्थान के छात्र शामिल हो सकते हैं।
पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री ने कहा कि हमारा पाठ्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए, ताकि छात्रों को प्लेसमेंट मिलने में कोई सीमा न हो, विदेश में रोज़गार पाने वाले छात्रों के लिए भाषा की बाधा को दूर करने के लिए संस्थान विभिन्न भाषाओं पर लघु कार्यक्रम शुरु कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आईएचएम को भारत सरकार के लोकल फॉर वोकल सपने को पूरा करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रीय परिषद को शीघ्र ही एक डिग्री देने वाले निकाय में अपग्रेड किया जाएगा, ताकि सभी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।