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Monday 1 February 2021 02:54:05 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर कहा शुभ आर्शीवाद! इस तरह वर्ष 2021 के राष्ट्रीय पोलियो प्रतिरक्षण दिवस की पोलियो मुक्त अभियान से शुरुआत हो गई है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय पोलियो प्रतिरक्षण दिवस को 'पोलियो रविवार' भी कहा जाता है। पहले दिन की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 89 लाख बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई। करीब सात लाख बूथों पर पोलियो खुराक दी गई, जिनमें लगभग 12 लाख टीकाकरण कार्यकर्ताओं और 1.8 लाख पर्यवेक्षकों ने पोलियो मुक्त भारत अभियान को अंजाम दिया।
राष्ट्रीय पोलियो प्रतिरक्षण दिवस के पहले दिन बूथों पर पोलियो खुराक लेने नहीं आ सके बच्चों की पहचान कर उनका अगले दो से पांच दिन तक घर-घर जाकर टीकाकरण किया जाएगा। बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और जल मार्गों पर भी टीकाकरण दलों को तैनात किया गया है, जिससे यात्रा कर रहे बच्चों को पोलियो खुराक देकर यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा जीवनरक्षक पोलियो खुराक से वंचित नहीं है। कोविड-19 महामारी को देखते हुए सुरक्षित टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए इसके अनुकूल सभी कदम उठाए गए हैं, जैसेकि बूथों पर भीड़ जमा न होने देना, दो मीटर की दूरी बनाकर रखना, मास्क पहनना, हाथ धोना और हवादार वातावरण में पोलियो खुराक पिलाना।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इस अवसर पर एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया और कहा कि दस वर्ष तक पोलियो मुक्त दर्जा बनाए रखना भारत के जनस्वास्थ्य के इतिहास में बहुत बड़ी उपलब्धि है। स्वास्थ्य मंत्री ने सरकार के नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने के प्रयासों और कार्यों को रेखांकित किया। ज्ञातव्य है कि भारत एक दशक से पोलियो मुक्त बना हुआ है। भारत में पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को सामने आया था, भारत की सबसे बड़ी चिंता पड़ोसी देश अफगानिस्तान और पाकिस्तान से पोलियो वायरस के देश में दोबारा प्रवेश करने को लेकर है, जिसपर लगातार सतर्कता बरती जा रही है। भारत प्रत्येक वर्ष पोलियो के लिए एक देशव्यापी राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस और दो उप-राष्ट्रीय स्तर के राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस आयोजित करता है।