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Tuesday 21 September 2021 03:09:09 PM
नई दिल्ली। महिलाओं की स्वतंत्रता और उनके रोज़गार केलिए एक प्रयास के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्नातक तथा स्नातकोत्तर छात्राओं के लिए एक देशव्यापी क्षमता निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास पाठ्यक्रम शुरु किया है। आयोग केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के साथ व्यक्तिगत क्षमता निर्माण, व्यावसायिक करियर कौशल और डिजिटल साक्षरता एवं सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग पर सत्र आयोजित करने केलिए सहयोग कर रहा है, ताकि छात्राओं को नौकरियों में प्रवेश के लिए तैयार किया जा सके। आयोग ने हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहयोग से अपना पहला पाठ्यक्रम शुरू किया, जिसका आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि हमें महिला नेतृत्वकर्ताओं की जरूरत है और आयोग का पाठ्यक्रम महिलाओं को अच्छा नेतृत्वकर्ता बनने के लिए तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम काबिल महिला नेतृत्वकर्ता और दूसरी महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।
राष्ट्रीय महिला आयोग इस पाठ्यक्रम से छात्राओं को अपना बायोडाटा तैयार करने और साक्षात्कार का सामना करने सहित उनके रोज़गार की दिशा में हर कदम पर मदद करेगा तथा उन्हें आत्मविश्वास के साथ चुनौतियों का सामना करने केलिए भी तैयार करेगा। यह पाठ्यक्रम रोज़गार क्षमता बढ़ाने केलिए सहज, तार्किक और गहन सोच, संचार एवं पारस्परिक कौशल सीखने तथा उनके उपयोग को लागू करने पर केंद्रित होगा। पाठ्यक्रम को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है-व्यक्तिगत क्षमता निर्माण, व्यावसायिक करियर कौशल और डिजिटल साक्षरता एवं सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग। व्यक्तिगत क्षमता निर्माण सत्र छात्राओं की समय प्रबंधन, तनाव प्रबंधन और संचार जैसे कौशल बढ़ाने में मदद करेगा, जिसका उद्देश्य विविधता का सम्मान करके और अच्छे श्रवण कौशल को अपनाकर महिला शिक्षार्थियों को प्रभावी संचार से जोड़ना है। यह छात्राओं की साथियों और हितधारकों के साथ बेहतर संबंधों के लिए पारस्परिक कौशल का अभ्यास करने में मदद करेगा, साथ ही महत्वपूर्ण विचारों एवं कार्य बिंदुओं के दस्तावेजीकरण के महत्व को समझने में भी मदद करेगा। छात्राओं को प्रभावी समय प्रबंधन कौशल सीखने में मदद करेगा, जिससे वे खुद को बेवजह के तनाव से बचा सकें।
व्यावसायिक करियर कौशल सत्र करियर अवसरों की पहचान करने, बायोडाटा तैयार करने और प्रस्तुति संबंधी कौशल का निर्माण करने तथा छात्राओं को उनकी सहज शक्तियों और कमजोरियों को देखते हुए खुद केलिए करियर अवसरों की खोज करने में सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। डिजिटल साक्षरता और सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग से जुड़े तीसरे सत्र का उद्देश्य इंटरनेट एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सुरक्षित उपयोग के बारे में महिलाओं में जागरुकता पैदा करना है। यह महिलाओं में साइबर अपराधों को लेकर जागरुकता बढ़ाएगा और उन्हें साइबर अपराधों को रोकने और उनसे निपटने केलिए उपलब्ध संसाधनों के बारे में सलाह देगा। छात्राओं की माईगोव के माध्यम से एक ऑनलाइन क्विज में विषय से जुड़ी उनकी समझ की जांच की जाएगी। परीक्षा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण सत्रों पर आधारित होगी। प्रतिभागियों को क्विज के पूरा होने पर प्रमाणपत्र दिए जाएंगे और शीर्ष 25 प्रतिभागियों को एनसीडब्ल्यू, माईगोव और संस्थान के प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित 'सर्टिफिकेट ऑफ कमेंडेशन’ यानी प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाएगा।