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Tuesday 12 October 2021 03:03:17 PM
नई दिल्ली। साइबर सुरक्षा की वैश्विक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और साइबर स्वच्छता के महत्व को स्वीकार करते हुए नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन तथा यूएन वुमैन इंडिया ने संयुक्त रूपसे राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरुकता माह समारोह के साथ 'महिलाओं एवं लड़कियों केलिए साइबर सुरक्षा' विषय पर वेबिनार आयोजित किया। वेबिनार में महिलाओं और लड़कियों केलिए सुरक्षित एवं समान ऑनलाइन स्पेस उपलब्ध कराने हेतु 'भारत के डिजिटल दृष्टिकोण तथा साइबर सुरक्षा' के व्यापक विषय के तहत नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन और यूएन वुमैन इंडिया की संयुक्त पहल का उल्लेख किया गया। वेबिनार के पैनलिस्टों ने समाज में बढ़ते साइबर अपराधों और हिंसा की गंभीरता तथा महिलाओं एवं लड़कियों केलिए सुरक्षित और समान ऑनलाइन स्पेस को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता को स्वीकार किया।
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हुए वेबिनार में माईगॉव के अध्यक्ष एवं सीईओ, एनईजीडी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा प्रबंध निदेशक अभिषेक सिंह ने साइबर सुरक्षा जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सभी नागरिकों केलिए डिजिटल रूपसे स्मार्ट होना जरूरी है, ताकि वे साइबर धोखाधड़ी, उत्पीड़न, शोषण, साइबर और लिंग आधारित हिंसा के शिकार न हो पाएं। उन्होंने भारत सरकार के विभिन्न प्रयासों को रेखांकित किया और कहा कि फरवरी 2021 में अधिसूचित किए गए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के माध्यम से भारत सरकार आम तौरपर उपयोग किए जानेवाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों में समझदारी ला रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि सभीके अधिकारों विशेषकर महिलाओं एवं लड़कियों के अधिकारों की रक्षा की जाए।
भारत में यूएन वुमैन इंडिया की प्रतिनिधि सुसान फर्ग्यूसन ने कहा कि श्री शक्ति चैलेंज 2021 संस्करण जैसी विभिन्न पहलों से महिलाओं के अधिकारों केलिए एमईआईटीवाई केसाथ यूएन वुमैन इंडिया की दीर्घकालिक साझेदारी है और यूएन वुमैन इंडिया भारत में महिलाओं एवं लड़कियों केलिए सुरक्षित तथा समान साइबर स्पेस से बेहतर वातावरण बनाने हेतु एनईजीडी के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। वेबिनार में पैनलिस्टों ने महिलाओं एवं लड़कियों के साथ साइबर अपराध की घटनाओं के गंभीर प्रभावों पर सुझाव मांगते हुए कहा कि पीड़ितों की सहायता कैसे की जाए? संयुक्तराष्ट्र महिला भारत में कंसल्टेंट वृंदा भंडारी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन हिंसा पांच व्यापक कारकों के कारण चिंता का एक गंभीर विषय है-गुमनामी, पहुंच, शाश्वतता, दूरी पर कार्रवाई और स्वचालन। उन्होंने कहा कि साइबर हिंसा के शिकार व्यक्ति की सहायता केलिए चार चरणों की आवश्यकता होती है जैसे-पीड़ित की सहायता करना, घटना को रिकॉर्ड करना, अपराधी को ब्लॉक करना और जुर्म तथा अपराधी की रिपोर्ट करना।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में साइबर कानून एवं ई-सुरक्षा वरिष्ठ निदेशक तथा समूह समन्वयक राकेश माहेश्वरी ने विशेष रूपसे महिलाओं और लड़कियों केलिए साइबर सुरक्षा के कानूनी एवं तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर 2021 के बाद सरकार आईटी नियम 2021 में उपलब्ध सुरक्षा, संरक्षा और जवाबदेही को बड़े पैमाने पर प्रचारित करने जा रही है। उन्होंने कहा कि हम इस विशेष दस्तावेज़ पर अक्सर पूछे जानेवाले प्रश्नों के एक सेट के साथ यह सुनिश्चित करेंगे कि लोग इसे सरल भाषा में समझ सकें। गौरतलब है कि दुनियाभर में अक्टूबर का महीना साइबर सुरक्षा को समर्पित है और भारत में इसे राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरुकता माह के रूपमें मनाया जाता है। एनसीएसएएम 2021 की थीम डू योर पार्ट है। #BeCyberSmart विषय की परिकल्पना है। वेबिनार में साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल और नागरिकों केलिए साइबर धोखाधड़ी तथा लिंग आधारित साइबर हिंसा की रिपोर्ट करने केलिए उपलब्ध सरल एवं आसान शिकायत प्रक्रिया की भी जानकारी दी गई।