स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 6 January 2022 01:50:49 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की 19वीं बैठक में कहा हैकि बाघों के संरक्षण केलिए सक्रिय प्रबंधन जरूरी है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की विभिन्न पहलों के बारे में एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया। बैठक में सांसद दीया कुमारी, राजीव प्रताप रूडी और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर, सचिव लीना नंदन, डीजीएफ चंद्र प्रकाश गोयल एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने हर साल अप्रैल, अगस्त और दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की कम से कम तीन बैठकें करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहाकि बाघ एक लुप्तप्राय प्रजाति बना हुआ है, ऐसी स्थिति में बाघों के संरक्षण केलिए सक्रिय प्रबंधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि बाघों की आबादी के प्रभावी प्रबंधन केलिए टाइगर रिज़र्व और लैंडस्केप स्तरपर बाघों की संख्या का विश्वसनीय अनुमान होना अनिवार्य है।
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहाकि देशभर में वर्तमान में चल रहे अखिल भारतीय बाघ अनुमान का 5वां चक्र सही नीतिगत निर्णय लेने में मदद करेगा। उन्होंने कहाकि हमारे पास देश में 51 टाइगर रिज़र्व हैं और अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि टाइगर रिज़र्व सिर्फ बाघों केलिए नहीं है, क्योंकि इन क्षेत्रों से 35 से अधिक नदियां निकलती हैं, जो जल सुरक्षा केलिए भी महत्वपूर्ण हैं। भूपेंद्र यादव ने अवैध शिकार का जिक्र करते हुए कहाकि पूर्वोत्तर राज्यों में एयर गन की समस्या एक ऐसा मुद्दा है, जिसे मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जागरुकता कार्यक्रम की सलाह दी है, ताकि लोग अपनी एयर गन को आत्मसमर्पण करें। टाइगर रिज़र्व में पर्यटन गतिविधि के प्रभावी नियमन के हिस्से के रूपमें उन्होंने कहाकि एक कोर क्षेत्र होना चाहिए, जो एक तरफ से अलंघनीय यानी जिसे पार नहीं किया जा सके और वाहनों की आवाजाही सुरक्षित तरीके से हो सके।
भूपेंद्र यादव ने कहाकि भारतीय संदर्भ में बाघ संरक्षण के प्रयासों के केंद्रबिंदु में समुदाय है, इसलिए संरक्षण और पारिस्थितिकी पर्यटन गतिविधियों में स्थानीय समुदायों की भागीदारी केलिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बतायाकि 14 टाइगर रिज़र्व को सीएटीएस के तहत मान्यता दी गई है और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण अन्य टाइगर रिज़र्व को सीएटीएस के तहत मान्यता प्राप्त करने केलिए काम कर रहा है। भूपेंद्र यादव ने कहाकि बाघों की बेहतरी और संरक्षण को सुनिश्चित करने केलिए दूरदर्शी योजना की आवश्यकता है, इसके लिए सुझाव दियाकि छह समितियों का गठन किया जाए, ताकि वे 2 टाइगर रिज़र्व का दौरा कर सकें एवं बेहतर नीति तैयार करने में मदद करने केलिए विभिन्न पहलुओं और समस्याओं का अध्ययन कर सकें। भूपेंद्र यादव ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले 5 साल में 50 चीते सहित 7 बड़ी बिल्लियों के संरक्षण और सुरक्षा के इच्छुक हैं, जिन्हें विभिन्न पार्कों में पुनर्वास केलिए रखा जाएगा। बैठक में भारत में चीते के पुनर्वास केलिए एक कार्ययोजना का भी अनावरण किया गया।
वन मंत्री ने एक वाटर एटलस भी जारी की, जिसमें भारत के बाघों वाले क्षेत्रों में सभी जल निकायों का नक्शा तैयार किया गया है। इस वाटर एटलस में भू-दृश्यवार जानकारी को रेखांकित किया गया है, इसमें शिवालिक पहाड़ियां और गंगा का मैदानी परिदृश्य, मध्य भारतीय परिदृश्य और पूर्वी घाट, पश्चिमी घाट परिदृश्य, उत्तर पूर्वी पहाड़ियां और ब्रह्मपुत्र बाढ़ के मैदान और सुंदरबन शामिल हैं। भूपेंद्र यादव ने बतायाकि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय आजादी के अमृत महोत्सव तत्वावधान में 'इंडिया फॉर टाइगर्स: ए रैली ऑन व्हील्स' को बड़ी सफलता मिली है, रैली में विभिन्न हितधारकों जैसे वन अधिकारियों, स्कूल-कॉलेज के छात्रों, मीडियाकर्मियों, स्थानीय समुदायों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों आदि की सक्रिय भागीदारी देखी गई।