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Monday 17 January 2022 04:42:23 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने भारत के राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की पहली वर्षगांठ पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार और केंद्रीय संचार राज्यमंत्री देवुसिंह चौहान केसाथ एक वर्चुअल कार्यक्रम में कोविड-19 वैक्सीन पर स्मारक डाक टिकट जारी किया है। स्मारक डाक टिकट के डिज़ाइन में एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को कोविड-19 वैक्सीन केसाथ एक वरिष्ठ नागरिक को टीका लगाते हुए दिखाया गया है, इसमें 'कोवैक्सीन' शीशी की छवि भी है। यह डाक टिकट देशभर में हमारे अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों और वैज्ञानिक समुदाय के लोगों को कोविड महामारी से बचाने केलिए किए गए उल्लेखनीय कार्य को दर्शाता है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने इस अवसर पर कहाकि यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के एक वर्ष पूरा होने पर डाक टिकट जारी किया जा रहा है, जिसे पिछले साल भारत में 16 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था। उन्होंने कहाकि एक वर्ष की अवधि के भीतर 156 करोड़ से अधिक कोविड टीके लगाए गए हैं। उन्होंने कहाकि हमारा टीकाकरण कार्यक्रम वैश्विक समुदाय केलिए एक आदर्श है और जन भागीदारी के कारण ही भारत यह उपलब्धि हासिल कर पाया है। उन्होंने सभी स्वास्थ्य देख-रेख पेशेवरों, वैज्ञानिक समुदाय, वैक्सीन निर्माताओं और सभी लोगों को कोविड महामारी से लड़ने में उनकी अथक मेहनत और समर्पण केलिए धन्यवाद दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहाकि विश्व समुदाय कोविड महामारी से लड़ने में हमारे प्रयासों से हैरान है, देश में जनसंख्या का उच्च घनत्व होने के बावजूद हम कोविड-19 वैक्सीन के 156 करोड़ से अधिक खुराक देने में सक्षम रहे हैं।
डॉ मनसुख मंडाविया ने कहाकि भारत ने इस यात्रा के दौरान विभिन्न चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन यह 135 करोड़ से अधिक लोगों के संकल्प और समर्पण से संभव हो पायाकि हम हर चुनौती से निपट सके, इसका श्रेय हमारे स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास और टीकों का सुव्यवस्थित उत्पादन तथा वितरण में लगे लोगों को जाता है। उन्होंने कहाकि आलोचना और अविश्वास के माहौल केबीच देश ने अपनी आत्मिक ऊर्जा को एकजुट किया और उन लोगों का सामना किया, जिन्होंने स्वदेशी टीकों को लेकर संदेह और गलत सूचना फैलाना चाहा तथा टीका लगवाने को लेकर आम लोगों केबीच हिचकिचाहट पैदा करने की कोशिश की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहाकि भारत का टीकाकरण कार्यक्रम देश की अद्वितीय यात्रा की कहानी है, यह हमारे भारतीय मॉडल और देश के नागरिकों की छिपी क्षमता तथा इन क्षमताओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अडिग भरोसे से निर्देशित हमारे देश की असाधारण उपलब्धि को प्रदर्शित करता है।
डॉ मनसुख मंडाविया ने कहाकि कोविड की अत्यधिक संक्रामक प्रवृति को समझना और देशभर में समग्र स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता महत्वपूर्ण थी। उन्होंने कहाकि भारत ने यह सुनिश्चित करने केलिए मौजूदा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में रणनीतिक बदलाव किया हैकि जमीनी स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाली स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने बतायाकि सक्रिय, अग्रिम और चरणबद्ध तरीके से पूरी सरकार और पूरे समाज के स्तर पर की गई कोशिशें भारत में कोविड-19 से निपटने की पहचान है। उन्होंने कहाकि इससे पहले किसी टीके केलिए अनुसंधान प्रक्रिया से लेकर आम लोगों तक उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने में कई साल लग जाते थे, लेकिन यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूरदर्शी नेतृत्व ही है कि इसे केवल नौ महीने में हासिल कर लिया गया है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री ने हमेशा हमारी वैज्ञानिक बिरादरी को प्रोत्साहित किया है और रिकॉर्ड समय में स्वदेशी कोविड टीकों का विकास उनके मजबूत विश्वास का ही नतीजा है।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने स्वदेशी टीकों के विकास को प्रमुख चुनौतियों मेंसे एक बताया। उन्होंने कहाकि सरकार ने कम से कम अवधि में स्वदेशी कोविड टीका कोवैक्सीन का विकास और निर्माण करके इस चुनौती पर जीत हासिल की। उन्होंने बतायाकि अब तक कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक लगभग 93% पात्र आबादी और दूसरी खुराक लगभग 69.8% पात्र आबादी को दी जा चुकी है। आईसीएमआर की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराते हुए डॉ भारती प्रवीण पवार ने कहाकि आईसीएमआर ने समय-समय पर डायग्नोस्टिक किट विकसित करके और जरूरी दिशा-निर्देश जारी करते हुए टीकाकरण अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इतने कम समय में स्वदेशी टीके विकसित करने केलिए आईसीएमआर और भारत बायोटेक टीम दोनों को बधाई दी, इनके बनाए टीके को दुनियाभर में स्वीकृति भी मिली है।
संचार राज्यमंत्री देवुसिंह चौहान ने डाक विभाग की कोवैक्सिन पर डाक टिकट जारी करने की पहल की सराहना की। उन्होंने अग्रिम पंक्ति के सभी कार्यकर्ताओं को उनकी कड़ी मेहनत केलिए बधाई दी। डीएचआर के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहाकि भारत के टीकाकरण कार्यक्रम की पहली वर्षगांठ पर स्मारक डाक टिकट जारी करना वास्तव में हम सबके लिए एक सम्मान है, हमें अपनी विरासत पर गर्व है और हम चिकित्सा अनुसंधान में नवाचार करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहाकि स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन का विकास भारत की वैज्ञानिक क्षमता में एक उल्लेखनीय मील का पत्थर है। इस दौरान डाक विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक कुमार पोद्दार, भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा एला और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।