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अनंग ताल पर अनूठी विरासत की सैर

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने विश्व विरासत दिवस मनाया

संरक्षित स्मारक घोषित नहीं हुआ तो यह समाप्त हो जाएगा!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 20 April 2022 02:17:38 PM

a unique heritage walk around the lake historic anang tal

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने विश्व विरासत दिवस पर वर्ष 1052 ईस्वी में दिल्ली के संस्थापक राजा अनंगपाल तोमर की महरौली में निर्मित 11वीं शताब्दी की ऐतिहासिक मिनी झील अनंग ताल के आसपास एक अनूठी विरासत की सैर का आयोजन किया। विरासत की सैर करनेवालों में कई पुरातत्वविद, इतिहासकार, विश्वविद्यालयों में अनुसंधान करनेवाले शोधार्थी शामिल थे। ज्ञातव्य हैकि तोमर हिंदू राजवंश का दिल्ली पर शासन रहाहै और दिल्ली का नामही ढिल्लिकापुरी से आया है। इस संदर्भ में जनरल कनिंघम ने ब्रिटिश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षणकाल केदौरान पत्थरों के कई शिलालेख पाए थे। विरासत की सैर का नेतृत्व प्रसिद्ध पुरातत्वविद् और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व अपर महानिदेशक डॉ बीआर मणि और राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष तरुण विजय ने किया।
दिल्ली के मुख्य सचिव विजयकुमार देव ने झंडी दिखाकर विरासत सैर का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी डॉ कृष्ण गोपाल ने इस मौकेपर विशेष प्रेरक भाषण दिया। उन्होंने राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना की और ऐसे और भी स्मारकों का पता लगाने की अपील की। डॉ बीआर मणि ने कहाकि उन्होंने वर्ष 1993-1995 केबीच एएसआई के अंतर्गत इस स्थल की खुदाई की थी। अनंग ताल में अभीभी कुछ पानी बचा है, लेकिन समय केसाथ धीरे-धीरे मिनी झील सिमटती जारही है। विरासत की सैर में शामिल होनेवालों की संख्या लगभग 150 थी। इनमें भारतभूषण भारत प्रकाशन के प्रबंध निदेशक, हितेश शंकर संपादक पांचजन्य, डॉ रवींद्र कुमार डीन स्कूल ऑफ हेरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट डॉ अंबेडकर विश्वविद्यालय भी शामिल हुए। डॉ बीआर मणि ने विरासत की सैर में भागलेने वालोंको समझाया कि यदि इसे संरक्षित स्मारक घोषित नहीं किया गया तो आनेवाले वर्षों में इसका कोई अस्तित्व नहीं बचेगा।
तरुण विजय ने कहाकि अनंग ताल सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों मेसे एक है, जो हमें दिल्ली की शुरुआत से जोड़ता है। उन्होंने कहाकि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार विश्व विरासत दिवस मना रहे हैं और अनंग ताल के गौरव और दिल्ली के महान हिंदूराजा से संबंधित स्मारकों को फिरसे स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि महाराजा अनंगपाल तोमर के स्मारकों को पुनर्जीवित करना एक प्रमुख आंदोलन है, जिसे राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने शुरू किया है। उन्होंने कहाकि संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी ने राजा अनंग पाल और उनसे संबंधित स्मारकों के बारेमें गहरी रुचि ली है, इसलिए हमें यकीन हैकि इस महान ऐतिहासिक मिनी झील और अनंग ताल को पुनर्जीवित किया जाएगा और राजधानी में सबसे अधिक देखे जानेवाले स्मारक बन जाएंगे।
तरुण विजय ने कहाकि वह मुगलों को हराने और दो साहिबजादों की मौत का बदला लेने वाले पंजाब के महान शासक वीरबंदा सिंह बहादुर की शहादत स्थल पर विरासत की सैर कीभी योजना बनारहे हैं, बादमें मुगलों ने उनकी बर्बरतापूर्वक हत्याकर दी थी। महरौली में उनकी स्मृति से संबंधित उस स्थान पर एक गुरुद्वारा बनाया गया है। उन्होंने कहाकि हमारा कर्तव्य हैकि वीर बंदासिंह बहादुर के सर्वोच्च बलिदान का स्मरण करें और उस स्मारक को सुंदर ढंग से और सम्मान केसाथ रखा जाए, जिसका वह हकदार है। दिल्ली के मुख्य सचिव विजयकुमार देव ने कहाकि यह उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और रोमांचकारी विरासत सैर है, जिसने दिल्ली के गौरवशाली अतीत में एक नई अंतर्दृष्टि प्रदान की है। उन्होंने क्षेत्र को साफ-सुथरा बनाने और इसे पर्यटकों और शोधकर्ताओं केलिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहाकि हमें अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने इस सैर के आयोजन केलिए तरुण विजय को बधाई दी।

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