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Monday 1 May 2023 11:57:38 AM
लंदन/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई विभागों के राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने ब्रिटेन में इंपीरियल कॉलेज लंदन का दौरा किया और कॉलेज में भारतीय छात्रों से बातचीत की। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की युवा केंद्रित नीतियों की श्रृंखला के कारण यह समय भारत के युवाओं और छात्रों के करियर केलिए सर्वोत्तम है। इंपीरियल कॉलेज लंदन में डॉ जितेंद्र सिंह की यात्रा के अवसर पर कॉलेज प्रबंधन ने भारतीय छात्रों केलिए 400,000 ब्रिटिश पौंड की छात्रवृत्ति की घोषणा की है, जिसमें से 50 प्रतिशत छात्रवृत्ति भारत की छात्राओं को दी जाएगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने उल्लेख कियाकि इंपीरियल कॉलेज लंदन यूरोप के सर्वाधिक प्रगतिशील विश्वविद्यालयों में से एक प्रमुख विश्वविद्यालय है, जिसने विश्व को होनहारों के अतिरिक्त पेनिसिलिन, होलोग्राफी और फाइबर ऑप्टिक्स दिए हैं।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 वर्ष में शिक्षा क्षेत्र की कई बाधाओं को दूर किया है और कई बोझिल नियमों को हटाया है तथा एक सक्षम वातावरण बनाया गया है, जहां युवा अपनी आकांक्षाओं को अनुभव कर सकते हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी प्रतिभागियों केलिए खोला गया है, अब अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सैकड़ों स्टार्टअप हैं। उन्होंने कहाकि स्टार्टअप आंदोलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूपसे बढ़ावा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप यह आंकड़ा 100 से अधिक यूनिकॉर्न केसाथ 350 से बढ़कर 90000 से अधिक हो गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि जिस बायोटेक क्षेत्र को पहले उपेक्षा की जाती थी, मोदी सरकार ने उसपर विशेष ध्यान दिया है और कोरोना वैक्सीन की सफलता की कहानी केबाद छात्र इसमें रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने कहाकि 2014 में 50 स्टार्टअप थे, अब देश में लगभग 6000 बायो स्टार्टअप हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने छात्रों को बातचीत में बतायाकि भारत तीसरे सबसे बड़े वैश्विक स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूपमें उभरा है और यह 12-15 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। डॉ जितेंद्र सिंह ने उल्लेख कियाकि प्रधानमंत्री ने बार-बार भारतीय छात्रों से अगले 25 वर्ष केलिए तैयारी करने का आह्वान किया है, क्योंकि स्वतंत्र भारत अब 100वें वर्ष की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा अन्य क्षेत्रों में रुचि रखने वाले छात्रों की वापसी और भविष्य में अनुसंधान के क्षेत्र में भविष्य बनाने वाले इच्छुक छात्रों केलिए देश में नए अवसर सृजित किए गए हैं। इंपीरियल कॉलेज लंदन इंग्लैंड में एक सार्वजनिक अनुसंधान विश्वविद्यालय है, यह ब्रिटेन में अनुसंधान, पर्यावरण अनुसंधान और रसेल समूह विश्वविद्यालयों में अनुसंधान प्रभाव केलिए प्रथम श्रेणी में गिना जाता है। यह एमएस और पार्किंसंस का ऊतक बैंक, कई स्क्लेरोसिस पार्किंसंस रोग और संबंधित स्थितियों वाले व्यक्तियों के दान किएगए केंद्रीय तंत्रिका तंत्र ऊतकों के नमूनों का संग्रह भी है।
इंपीरियल कॉलेज लंदन, ब्रिटेन के सबसे बड़े ब्रेन बैंक के संग्रह का हिस्सा है, यहां दुनियाभर के 100 से अधिक विभिन्न संस्थानों में अनुसंधान परियोजनाओं में उपयोग किए जारहे अंगों के नमूनों केसाथ लगभग 1650 नमूने -80ºC पर संग्रहीत किए जाते हैं। बीते पांच वर्ष में इंपीरियल के विद्यार्थियों ने 300 से अधिक भारतीय संस्थानों में भागीदारों केसाथ 1200 से अधिक शोध प्रकाशनों में लेखन में साझेदारी की है। अनुसंधान भागीदारों में भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान शामिल हैं। कॉलेज में वर्तमान में 700 भारतीय छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और भारत में इंपीरियल कॉलेज से शिक्षा पानेवाले 3000 से अधिक छात्रों का एक समुदाय है।