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Friday 7 March 2025 06:27:30 PM
तक्कोलम (तमिलनाडु)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज तक्कोलम में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की 56वीं स्थापना दिवस परेड की सलामी ली। अमित शाह ने कहाकि वर्ष 2019 में तय किया गया थाकि सीआईएसएफ का स्थापना दिवस देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाएगा, इसीके तहत तक्कोलम में सीआईएसएफ क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में स्थापना दिवस समारोहपूर्वक आयोजित किया गया है। गृहमंत्री ने कहाकि तमिलनाडु की संस्कृति ने अनेक प्रकार से भारत की संस्कृति को मजबूत करने का काम किया है, चाहे प्रशासनिक सुधार हो, आध्यात्मिक ऊंचाई प्राप्त करनी हो, शिक्षा के मानक गढ़ने हों या देश की एकता एवं अखंडता का संदेश हो, हर क्षेत्रमें तमिलनाडु ने भारतीय संस्कृति को बहुत मजबूत किया है। उन्होंने कहाकि तमिल भाषा, संस्कृति और परंपराएं भारत की संस्कृति का अनमोल गहना हैं और संपूर्ण देश यह स्वीकार करता है। अमित शाह ने कहाकि इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए तक्कोलम में सीआईएसएफ क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का नाम चोल वंश के महान योद्धा राजादित्य चोल के नाम पर रखने का निर्णय किया गया है, जो गौरव की बात है। उन्होंने कहाकि राजादित्य चोल इसी भूमि पर पराक्रम और बलिदान की अनेक गाथाएं गढ़कर वीरगति को प्राप्त हुए और चोल साम्राज्य की महान परंपराओं को आगे बढ़ाया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि अबतक क्षेत्रीय भाषाओं में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की भर्ती परीक्षाएं देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले के अनुसार हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अब युवा तमिल सहित संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में सीआईपीएफ की भर्ती परीक्षाएं दे सकते हैं। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन से अनुरोध कियाकि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तरह वे भी जल्द से जल्द तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम भी शुरू करें, इससे मातृभाषा के रूपमें तमिल मजबूत होने केसाथ ही तमिल माध्यम के छात्रों को इसका फायदा मिलेगा, इससे न केवल मातृभाषा मजबूत होगी, बल्कि तमिल माध्यम में शिक्षित बच्चों को आगे सामान अवसर मिल सकेंगे। अमित शाह ने कहाकि बीते 56 साल में सीआईएसएफ ने न केवल देश को सुरक्षित रखा है, बल्कि देश के विकास, प्रगति और आवाजाही के सुचारू संचालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहाकि पोर्ट, एयरपोर्ट, व्यापारिक, पर्यटन एवं शोध संस्थान सहित देश के औद्योगिक विकास प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की कल्पना सीआईएसएफ के बगैर नहीं की जा सकती। अमित शाह ने कहाकि सीआईएसएफ कर्मियों की अटूट निष्ठा, कठोर परिश्रम और समर्पण से ही देश औद्योगिक विकास के क्षेत्रमें सुरक्षित होकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि सीआईएसएफ कर्मियों ने ढेर सारे सामाजिक कार्यों में भी रुचि लेकर उन्हें बढ़ावा दिया है। अमित शाह ने कहाकि भारत को दुनिया में हर क्षेत्रमें सर्वप्रथम बनाने के संकल्प की सिद्धि में सीआईएसएफ का योगदान बहुत बड़ा है।
गृहमंत्री ने कहाकि सीआईएसएफ में पिछले वर्ष 14 हजार से अधिक पदों पर भर्ती पूरी की गई है, अगर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की बात करें तो एक लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी गई है और 50 हजार युवाओं की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। गृहमंत्री ने कहाकि सीआईएसएफ ने हमेशा सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, सीआईएसएफ के जवान देश के पोर्ट, एयरपोर्ट, मेट्रो सहित कई स्थानों में लगभग एक करोड़ लोगों की आवाजाही को हर खतरे से सुरक्षित करने का काम करते हैं। अमित शाह ने कहाकि सीआईएसएफ जवानों की निगरानी में देश के पोर्ट, एयरपोर्ट और मेट्रो सुरक्षित हैं और गर्व की बात हैकि देश के नए संसद भवन की सुरक्षा जिम्मेदारी भी सीआईएसएफ के जवान संभाल रहे हैं। अमित शाह ने कहाकि बंदरगाहों की सुरक्षा में भी सीआईएसएफ की जिम्मेदारी बढ़ने वाली है, सरकार ने सीआईएसएफ को अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया है। उन्होंने कहाकि कई एयरपोर्टों पर डिजी यात्रा के कारण सुरक्षा जांच में कम से कम समय लग रहा है। उन्होंने कहाकि सीआईएसएफ ने एयरपोर्ट सुरक्षा में अंतर्राष्ट्रीय मानकों को न केवल अपनाया है, बल्कि इनमें रिकॉर्ड कायम करने के भी काफी नजदीक है। उन्होंने कहाकि इंटरनल क्वालिटी कंट्रोल यूनिट स्थापित की गई है, जिसके माध्यम से लगातार प्रशिक्षण के जरिये सुरक्षा सुनिश्चित की जारही है। सीआईएसएफ ने ड्रोनरोधी क्षमताओं केलिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि उत्तर प्रदेश का जेवर और महाराष्ट्र का नवी मुंबई एयरपोर्ट जल्दही सीआईएसएफ की निगरानी में होंगे, इसके लिए गृह मंत्रालय ने पिछले वर्ष तीन नई बटालियन की स्थापना को मंजूरी दी है, जिसमें एक बटालियन पूर्णतः महिला बटालियन होगी। गृहमंत्री ने देश की सुरक्षा में सर्वोच्च बलिदान देनेवाले सीआईएसएफ के 127 जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहाकि इन जवानों ने अलग-अलग हिस्सों में सुरक्षा की जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने इन जवानों के परिजन से कहाकि उनके परिवार के सदस्य के बलिदान के कारणही देश आज ऊंचे मस्तक केसाथ दुनिया के सामने खड़ा है। अमित शाह ने स्थापना दिवस कार्यक्रम में 10 जवानों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, 2 को जीवन रक्षा पदक और 10 को वीरता पदक से सम्मानित किया। अमित शाह ने कहाकि इन जवानों ने सीआईएसएफ की उत्कृष्ट परंपरा को आगे बढ़ाया है। गृहमंत्री ने सीआईएसएफ कर्मियों के स्वास्थ्य, सुचारू कर्तव्य निर्वहन और सुविधाएं बढाने केलिए 88 करोड़ रुपए की लागत से 6 विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और एसएसजी नोएडा में नवनिर्मित जिम एवं पप हॉल का लोकार्पण किया। गृहमंत्री ने झंडी दिखाकर सीआईएसएफ साइक्लोथॉन 2025 की भी वर्चुअल शुरुआत की। उन्होंने सीआईएसएफ की वार्षिक पत्रिका का विमोचन किया।
अमित शाह ने कहाकि सीआईएसएफ साइक्लोथॉन देश के समुद्र तट के हर गांव को कवर करते हुए कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचेगी, इस दौरान सीआईएसएफ जवान तटीय गावों में न केवल सुरक्षा की दृष्टि से जागृति फैलाएंगे, बल्कि गांवों के लोगों को विकास से जुड़े विषयों के बारेमें जागरुक भी करेंगे, साथही सुरक्षा और गांव के विकास से जुड़े सुझाव भी एकत्रित करेंगे। गृहमंत्री ने कहाकि सीआईएसएफ ने पिछले पांच वर्ष में पांच लाख से अधिक पेड़ लगाए हैं और अगले एक वर्ष में उसे तीन लाख से ज्यादा पेड़ लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान केतहत सीआईएसएफ का आह्वान कियाकि हर एक जवान अपनी मां केप्रति आभार व्यक्त करने केलिए एक पेड़ जरूर लगाए। अमित शाह ने कहाकि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कर्मियों के कल्याण केलिए कई कदम उठाए गए हैं, आयुष्मान सीएपीएफ केतहत 31 लाख से अधिक कार्ड जारी किए गए हैं, 13 हजार घरों और 113 बैरक का निर्माण किया गया है, ई-आवास पोर्टल केतहत यह सुनिश्चित किया गया है कि एकभी आवास खाली न रहे। अमित शाह ने कहाकि महिला जवानों केलिए विशेष बैरक बनाए हैं, अनुग्रह राशि भी बढ़ा दी गई है। सीआईएसएफ के स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय मंत्री डॉ एल मुरुगन और सीआईएसएफ के महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी भी उपस्थित थे।