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Sunday 5 January 2014 06:59:50 PM
नई दिल्ली। पंचायती राज मंत्री वी किशोर चंद्रदेव ने बताया है कि संविधान के अनुच्छेद 243 के अनुसार उन सभी राज्यों में जहां संविधान का भाग IX लागू है, ग्राम, मध्यवर्ती एवं जिला स्तरों की त्रिस्तरीय पंचायतें गठित की जानी हैं तथापि, बीस लाख से कम आबादी वाले राज्य मध्यवर्ती स्तर की पंचायतें गठित नहीं कर सकते हैं। कुल मिलाकर देश की पंचायती राज व्यवस्था संविधान के संबंधित प्रावधानों के अनुसार आकार ले चुकी है।
उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 243 के अंतर्गत यह उपबंधित है कि एक राज्य की विधायिका अपनी पंचायतों को विधि द्वारा ऐसी शक्तियां व अधिकार प्रदान कर सकती है, जो उन्हें स्व-सरकार की संस्थाओं के तौर पर कार्य करने में समर्थ बनाने के लिए अनिवार्य हों। इसमें संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में अंतर्निहित 29 विषय भी शामिल हैं। ग्यारहवीं अनुसूची में लघु वन उत्पाद भी शामिल हैं, तथापि पंचायतों को शक्तियां अंतरित करने का अधिकार राज्य सरकारों को सौंपा गया है। पांचवी अनुसूची वाले क्षेत्रों के लिए, पंचायतें (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 यह उपबंधित करता है कि एक राज्य की विधायिका सुनिश्चित करेगी कि उपयुक्त स्तर की पंचायतें एवं ग्राम सभा को लघु वन उत्पाद पर विशेष रूप से स्वामित्व प्रदान किया जाए।