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Thursday 9 January 2014 09:47:46 PM
नई दिल्ली। परिपालन निदेशालय ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के साथ विदेशी मुद्रा वसूली आंकड़ों के बारे में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इन आंकड़ों को ई-बीआरसी (इलेक्ट्रॉनिक बैंक रियलाइजेशन सर्टिफ़िकेट) आंकड़ा भी कहते हैं। इस सर्टिफ़िकेट की जरूरत निर्यात जिम्मेदारी निभाने और विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत प्रोत्साहन लेने के समय पड़ती है। इसके अलावा निर्यात आमदनी की मात्रा का आकलन करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें डॉ राजन कटोच निदेशक परिपालन, वित्त मंत्रालय और महानिदेशक विदेश व्यापार डॉ अनूप के पुजारी ने विदेश व्यापार वसूली संबंधी आंकड़ों के आदान-प्रदान संबंधी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। वित्त सचिव सुमित बोस, वाणिज्य सचिव एसआर राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी हस्ताक्षर होने के समय मौजूद थे।
इस अवसर पर आनंद शर्मा ने कहा कि सरकारी विभागों के बीच आंकड़ों के आदान-प्रदान से पारदर्शिता बढ़ेगी, मानवीय हस्तक्षेप कम होगा और भारत के साथ व्यापार करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि ई-बीआरसी परियोजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे निर्यातकों की लागत संबंधी लेन-देन में काफी किफायत लाने में मदद मिलेगी।