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Sunday 12 January 2014 05:24:37 PM
नई दिल्ली। बांग्लादेश व पाकिस्तान में बार-बार हो रहे हिंदुओं के भयानक उत्पीड़न के विरुद्ध विश्व हिंदू परिषद दिल्ली के कृष्ण मुरारी जिले ने प्रदर्शन कर भारत के उदासीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए विहिंप दिल्ली के उपाध्यक्ष अशोक कपूर ने कहा कि बांग्लादेश व पाकिस्तान में यूं तो वर्षों से हिंदू उत्पीड़न की घटनाएं होती रही हैं, किंतु पिछले कुछ वर्षों में इनमें बेतहाशा वृद्धि हुई है। कुछ समय पहले बांग्लादेश की यात्रा गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लौटने पर उम्मीद की जा रही थी कि वहां रह रहे हिंदुओं पर हमले तथा मंदिरों को तोडे़ जाने की घटनाओं पर अंकुश लगेगा, किंतु ऐसा नहीं हुआ, बल्कि ये घटनाएं बढ़ी ही हैं, जो बेहद चिंतनीय है। उन्होंने मांग की कि भारत सरकार इस मामले को बांग्लादेश व पाकिस्तान के साथ राजनयिक स्तर पर उठा कर हिंदुओं के जान माल की रक्षार्थ आगे आए।
दिल्ली के बी ब्लाक जहांगीर पुरी स्थित स्टेट बैंक चौक पर प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुए विहिप के जिला मंत्री राम निवास अत्री व बजरंग दल संयोजक जसवीर सिंह चौहान ने कहा कि पाकिस्तान से जान बचा कर भारत लौटे हिंदुओं की दयनीय हालात पर अनेक बार देश व दिल्ली की सरकारों से गुहार लगाई जा चुकी है, किंतु किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगती है और वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं, जबकि उच्च न्यायालय ने भी उन सभी को नागरिक सुविधाएं देने के निर्देश दिए थे। प्रदर्शनकारियों में आकाश गुप्ता, अश्विनी श्रीवास्तव, हरिओम साहू, जगत मेहता, गुलशन गोस्वामी, सुरेंद्र विरमानी व भागीरथ ठाकुर भी शामिल थे।
उधर विहिंप दिल्ली के उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने पाकिस्तान से आए हिंदुओं को दक्षिण पश्चिम दिल्ली स्थित बिजवासन में घर गृहस्थी का जरूरी सामान, गरम कपडे़ तथा राशन का सामान दिया, जिससे वे अपना गुजारा कर सकें। उनके साथ भारत विकास परिषद, लाल सांई मंदिर जनकपुरी के पदाधिकारियों के अलावा प्रसिद्ध समाजसेवी ईश चड्ढा, श्रीराम धन, सुमित व विहिंप दिल्ली के संरक्षक चौधरी राम किशन सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। विहिंप दिल्ली के मीडिया प्रमुख विनोद बंसल ने बताया कि सामग्री में खाना पकाने हेतु सत्ताईस सैट गैस के चूल्हे, सिलेंडर इत्यादि, इतने ही सैट बर्तनों के, जो एक परिवार की आवश्यकता होती है, भयंकर शीत से बचाने हेतु गरम कपडे़ तथा राशन का सामान दिया गया। इस मौके पर मांग की गई कि दिल्ली सरकार इन पीड़ित भरतवंशियों को अविलंब नागरिक सुविधाएं प्रदान करे, जिससे ये पाकिस्तान की प्रताड़नाओं को भूलकर अपना नया जीवन प्रारंभ कर सकें और अपने बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोटी, कपड़ा और मकान प्रदान कर सकें।