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Monday 13 January 2014 04:55:08 PM
जयपुर। विश्व भर में जब भारत को किसी भी प्रकार सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता था, ऐसे में स्वामी विवेकानंद ने अपने को सभ्य और सुसंस्कृत समझने वाले पश्चिम के देशों को अपने तेजस्वी विचारों से जीत कर भारत की सोच, दर्शन एवं सत्य सनातन भारतीय सभ्यता, संस्कृति और आध्यात्म की थाती से परिचित कराया। ऐसे युग पुरूष स्वामी विवेकानंद की सार्धशती वर्ष का वर्ष भर आयोजन संपूर्ण भारत में अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से हुआ। ऐसे युवा सन्यासी विवेकानंद के 151 वें जयंती दिवस पर कल शहर में जन-जन तक उनके संदेश को पंहुचाने का स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह समिति ने प्रयास किया।
जयपुर में स्वामी विवेकानंद जयंती दिवस को सार्धशती वर्ष के समापन के रूप में मनाया गया। देशभर में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। जयपुर में प्रत्येक बस्ती स्तर तक लगभग 500 स्थानों पर उनके चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि अर्पित की गई। शहर में अनेक संस्थाओं, विद्यालयों, महाविद्यालयों, मंदिरों तथा सार्वजनिक स्थानों पर पुष्पांजलि के कार्यक्रम आयोजित किये गये। समाज के प्रत्येक वर्ग को जोड़ने के उद्देश्य से शहर की हर बस्ती में पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जयपुर में गोविंद देवजी मंदिर पर प्रात: 9 बजे से तथा बड़ी चौपड़ पर प्रात: 11 बजे से पुष्पांजलि के कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहा।