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Saturday 18 January 2014 02:37:48 PM
नई दिल्ली। ब्रिटेन-भारत, शिक्षा एवं शोध पहल ढांचे-यूकेआईईआरआई के अंतर्गत सहयोग बढ़ाने के लिए ब्रिटेन के व्यापार नवाचार कौशल-बीआईएस और भारत के श्रम एवं नियोजन मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। नई दिल्ली में ब्रिटेन के कौशल एवं उद्यम विकास मंत्री मैथ्यूहैनकॉक और भारत के श्रम एवं नियोजन राज्य मंत्री के सुरेश की अध्यक्षता में प्रतिनिधि स्तर की द्विपक्षीय वार्ता के बाद इस पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौते के मुख्य बिंदु हैं-सहमति पत्र में कौशल विकास और रोज़गार सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग और साझेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सहमति पत्र, दिशा निर्देश मसौदे का काम करेगा, जिसके तहत इन कार्यों में मदद दी जाएगी-कौशल विकास और रोज़गार सेवाओं में लगे ब्रिटेन और भारत के अधिकारियों और संस्थानों में संस्थागत क्षमता निर्माण। तकनीकी विशेषज्ञता साझा करना, कौशल विकास और रोज़गार सेवाओं में संपर्क बनाना तथा इनमें कमी की पहचान करना, पाठयक्रम में सुधार, आकलन के लिए न्यूनतम मानदंड स्थापित करना तथा प्रमाणन और प्रशिक्षण विधियां तय करना। ब्रिटेन के नेशनल कैरियर सर्विस की तर्ज़ पर भारत में रोज़गार सेवाओं के विकास में मदद करना। कौशल विकास और रोज़गार सेवाओं के क्षेत्र में परस्पर सहमति से अन्य लाभप्रद योजनाओं पर काम करना।
यूकेआईईआरआई पहला कदम उठाते हुए ब्रिटेन के मौजूदा कैरियर (पेशा) सेवाओं के साथ भारतीय पक्षों को सहयोग की सुविधा उपलब्ध करायेगा। भारतीय मॉडल विकसित करने में मदद के लिए ब्रिटेन के व्यावहारिक तौर तरीकों को श्रम एवं नियोजन मंत्रालय तथा अन्य हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा। भारत और ब्रिटेन कौशल विकास की मांग को पूरा करने के लिए पहचान किए गए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में संबंधित परिषदों के साथ साझेदारी करेगा। इसके तहत पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन, अध्ययन सूची में बदलाव, अध्यापन और अध्ययन अभ्यास में बेहतर तौर तरीकों की पहचान और उन्हें विकसित करना प्रशिक्षकों का गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, मूल्यांकन व्यवस्था स्थापित करना और रोज़गार प्रशिक्षण में बेहतरी लाना इत्यादि है।
यूकेआईईआरआई, श्रम एवं नियोजन मंत्रालय तथा ब्रिटेन के राष्ट्रीय कौशल शिक्षण के केंद्रों में संस्थागत साझेदारी के जरिए 10 क्षेत्रों में ब्रिटेन के विशेषज्ञ मुहैया कराएगा। प्रत्येक साझेदारी के लिए श्रम एवं नियोजन मंत्रालय तथा यूकेआईईआरआई को संयुक्त मदद दी जाएगी। भारतीय खर्च का वहन श्रम एवं नियोजन मंत्रालय तथा यूकेआईईआरआई, ब्रिटेन की ओर से इससे संबंधित खर्च का वहन करेगा।