स्वतंत्र आवाज़
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उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने झंडा फहराया

बाल विधानसभा में जाकर बच्चों का हौसला भी बढ़ाया

देश में तरक्की हुई, लेकिन चरित्र का ह्रास भी हुआ-कुंजवाल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 27 January 2014 07:03:15 PM

hoisting the flag of assembly

देहरादून। गणतंत्र दिवस पर उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने विधानसभा में ध्वजारोहण किया। उन्होंने विधानसभा अधिकारियों, कर्मचारियों व प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए शुभकामनाएं दीं। गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि हमें गणतंत्र व लोकतंत्र को बचाए रखना होगा तभी हम आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि 65 वर्ष में देश ने हर क्षेत्र में तरक्की की है, लेकिन अगर आज कोईह्रास हुआ है तो वह चरित्र का हुआ है, जो चिंताजनक है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जो जिस क्षेत्र मे कार्य कर रहा है, उसे ईमानदारी से अपने कार्य का संकल्प लेना और चारित्रिक विकास करना होगा। उन्होंने लोकतंत्र व जनतंत्र को बचाए रखने हेतु एकजुट होकर ईमानदारी से कार्य करने का आह्वान किया। गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपने यमुना कालोनी आवास में भी ध्वजारोहण किया।
विधानसभा के ध्वजारोहण समारोह में विधायक व संसदीय सचिव मनोज तिवारी, हेमेश खर्कवाल, हरीश धामी, अल्मोड़ा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रशांत भैसोड़ा, पीसीसी सदस्य दीवान सिंह भैसोड़ा, विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र, अपर सचिव विष्णुचक्र थपलियाल, संयुक्त सचिव मदन कुंजवाल, मार्शल प्रदीप कुमार गुणवंत, वरिष्ठ निजी सचिव चंद्र मोहन गोस्वामी सहित विधानसभा के अधिकारी, कर्मचारी व पुलिसकर्मी मौजूद थे।
देहरादून में बाल विधानसभा
गोविंद सिंह कुंजवाल ने गणतंत्र दिवस पर होटल अकेता में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बाल विधानसभा के एक दिवसीय शीतकालीन सत्र का उद्घाटन भी किया। उन्होंने आयोग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बाल विधानसभा आयोजित कर लोकतंत्र को बचाने तथा आम जनता सहित बच्चों को लोकतंत्र के प्रति जागरूक करने का यह अच्छा काम है। उन्होंने कहा कि देहरादून उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी है और अस्थाई राजधानी में आयोग ने यहां बाल विधानसभा आयोजित की है। उन्होंने बाल आयोग को सुझाव दिया कि वह अगले वर्ष गैरसैण में इसे आयोजित करे तो वह स्वयं उसमें पूरी तरह शिरकत करेंगे तथा बाल विधानसभा में होने वाली चर्चा को भी देखेंगे।
गोविंद सिंह कुंजवाल ने बाल विधानसभा में विधानसभा संचालन की नियमावली, जनसमस्याओं को उठाने के तरीके, पक्ष-विपक्ष की बहस, नेता प्रतिपक्ष के सवाल, नेता सदन के समस्याओं के समाधान व विधानसभा अध्यक्ष के संवैधानिक अधिकारों, सरकार को दिशा-निर्देश देने सहित की बाल विधायकों को बारीकी से जानकारी देते हुए आयोग को यह भी सुझाव दिया कि वह बाल विधानसभा संचालन हेतु नियमावली भी तैयार करे। उन्होंने कहा कि नियमावली न होने पर अराजकता की स्थिति पैदा होती है। उन्होंने कहा कि आयोग ने बाल विधानसभा में कई छिपे बिंदुओं को उजागर किया गया है, जो सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों का हर हाल में संरक्षण होना चाहिए, देश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ होना बाकी है।
प्राथमिक शिक्षा की गिरती दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर बल दिया। बाल आयोग के अध्यक्ष अजय सेतिया ने आयोग के क्रियाकलापों व उद्देश्यों की जानकारी देते हुए विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि बाल विधानसभा में समाज कल्याण, शिक्षा, श्रम, गृह व आपदा से संबंधित विभागों के पांच प्रस्ताव पास कर विधानसभा अध्यक्ष को भेजे जाएंगे। उन्होंने बाल संरक्षण हेतु केंद्र द्वारा स्वीकृत धनराशि का समाज कल्याण विभाग द्वारा अभी तक उपयोग न किये जाने की शिकायत रखते हुए विधानसभा अध्यक्ष से इसमें हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। अजय सेतिया ने विधानसभा अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि अगली बाल विधानसभा गैरसैंण में ही आयोजित की जायेगी। इस बाल विधानसभा में पूरे प्रदेश के 70 बाल विधायकों ने प्रतिभाग किया।

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