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स्‍नातक ई-सामग्री पाठ्यक्रम सॉफ्टवेयर जारी

भारत में शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत-पल्‍लम राजू

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 29 January 2014 04:24:30 PM

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नई दिल्‍ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ एमएम पल्‍लम राजू ने 7 स्‍नातक विषयों के ई-सामग्री पाठ्यक्रम सॉफ्टवेयर का किया आज उद्घाटन किया। इस मौके पर पल्‍लम राजू ने राज्‍यों के शिक्षा बोर्डों से कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षा और उससे संबंधित बुनियादी ढांचे में सुधार करने की जिम्‍मेदारी उठाएं। नई दिल्‍ली में शैक्षिक संचार संघ (सीईसी) के परिसर में उन्‍होंने कहा कि भारत में शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा में सुधार करने और इसके ढांचे को उन्‍नत बनाने की आवश्‍यकता है। इन्‍हीं के साथ विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग के उपाध्‍यक्ष प्रोफेसर देवराज ने भी शिक्षा में नई प्रौद्योगिकी पर आधारित सेवा प्रदाता तंत्र की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इससे वास्‍तव में एक विश्‍व के युग की शुरूआत हो चुकी है, हमारी शिक्षा व्‍यवस्‍था को इस नई स्थिति से निपटने के लिए तैयार होना चाहिए।
शैक्षिक संचार संघ ने शिक्षा को एक सेवा प्रदाता तंत्र का रूप देने के लिए इसके गूढ़ लेखन के कार्य में अग्रणी भूमिका निभाई है, जो भविष्‍य के लिए उपयोगी है और देश तथा दुनिया में शिक्षा के क्षेत्र के भावी तंत्र को दर्शाता है। शैक्षिक संचार संघ ने सात विषयों-मानव शास्‍त्र, अंग्रेजी, हिंदी, गणित, फोटोग्राफी, पर्यावरण अध्‍ययन और इतिहास के लिए ई-सामग्री पाठ्यक्रम सॉफ्टवेयर तैयार किये हैं। वनस्‍पति शास्‍त्र पर ई-सामग्री पहले ही जारी की जा चुकी है। ये मोड्यूल संघ के वेब पोर्टल www.cec-ugc.nic.in और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पोर्टल www.sakshat.ac.in. पर उपलब्‍ध हैं। शैक्षिक संचार संघ ने सूचना संचार प्रौद्योगिकी से संबंधित राष्‍ट्रीय शिक्षा मिशन के अंतर्गत ई-सामग्री तैयार करनी शुरू की थी, जो केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परियोजना है।
शैक्षिक संचार संघ अपने 22 मीडिया केंद्रों के साथ मिलकर स्‍नातक छात्रों के लिए विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग के पाठ्यक्रमों के अनुरूप विभिन्‍न विषयों पर ई-सामग्री पाठ्यक्रम तैयार करता है। यह डिजीटल सामग्री है, जिसे विश्‍व भर में कंप्‍यूटर नेटवर्क पर भेजा जा सकता है और कहीं भी कभी भी इंटरनेट पर इसे देखा जा सकता है। ई-सामग्री मोड्यूल समग्र पाठ्यक्रम के प्रतिरूप हैं, जिनमें विषय, इसके उद्देश्‍य, पूरा आलेख पाठ्य सामग्री, अभ्‍यास सामग्री, संदर्भ सामग्री, बार-बार पूछे जाने वाले वाले प्रश्‍न आदि हैं और इन्‍हें आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। इस समय शैक्षिक संचार संघ विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग के लगभग 90 विषयों की ई-सामग्री तैयार करने में लगा हुआ है। इस अवसर पर शैक्षिक संचार संघ की पुस्तिका भी जारी की गई, जिसमें विभिन्‍न विषयों की संक्षिप्‍त जानकारी है। डॉ पल्‍लम राजू ने मीडिया केंद्रों के निर्देशकों के साथ वेब सम्‍मेलन सत्र में भी भाग लिया।
विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग ने अपने 1956 के अधिनियम की धारा 12 (सीसीसी) के अंतर्गत 26 मई 1993 को एक अंतर-विश्‍वविद्यालय केंद्र के रूप में शैक्षिक संचार संघ की स्‍थापना की थी। यह एक स्‍वायत्‍त केंद्र है, जिसे केंद्रीय विश्‍वविद्यालय का दर्जा प्राप्‍त है। यह राष्‍ट्रीय स्‍तर की शीर्ष एजेंसी है, जिसका कार्य देश में उच्‍च शिक्षा की आवश्‍यकताओं के लिए सूचना संचार प्रौद्योगिकी के व्‍यापक इस्‍तेमाल से तथा टेलीविजन, एजुसेट नेटवर्क और इंटरनेट आदि जैसे विभिन्‍न साधनों के माध्‍यम से शैक्षिक कार्यक्रमों का उत्‍पादन और प्रसार करना है। इसका उद्देश्‍य सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से दूर-दराज क्षेत्रों तक पहुंच बनाना है, जहां छात्रों के लिए गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा सुविधाएं उपलब्‍ध नहीं हैं।

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