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Monday 3 February 2014 03:27:20 PM
बंगलूरू। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार संस्थान, विज्ञान प्रसार ने संस्कृति मंत्रालय और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के साथ मिलकर बंगलूरू में 29 जनवरी से 1 फरवरी तक विशवेश्वरैया औद्योगिक और प्रौद्योगिकी संग्रहालय में चौथे राष्ट्रीय विज्ञान चलचित्र मेले और प्रतियोगिता का आयोजन किया। राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव (एनएसएफई) विज्ञान फिल्म निमाताओं और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास के विषय पर फिल्म निर्माण में लगे विश्वविद्यालयों और मीडिया समूहों के लिए उत्साह प्रदान करता है।
विशवेश्वरैया औद्योगिक और प्रौद्योगिकी संग्रहालय के सभागार में दो फरवरी को सुबह साढ़े दस बजे आयोजित समारोह में एक लाख रुपये का गोल्डन बीवर, 50 हजार रुपए का सिल्वर बीवर और 30 हजार रुपए का कांस्य बीवर का नकद पुरस्कार विजेता प्रतिभागियों को दिया गया। इसके अलावा, नकद पुरस्कार ट्राफियां और प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। प्रतियोगिता विभिन्न श्रेणियों में आयोजित की गई थी। 'लोकप्रिय विज्ञान कार्यक्रम' (20 मिनट से अधिक), 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर लघु फिल्म (20 मिनट से कम) और 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर फिल्म या वीडिया में ऐनिमेशन, ग्राफिक्स, स्पेशल इफेक्ट', 'विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर फिल्म' विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर उल्लेखनीय फिल्म के लिए अलग से 40 हजार रुपए का नकद पुरस्कार, ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र विशेष निर्णायक मंडल पुरस्कार के लिए दिया गया।
प्रतियोगिता का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़ी फिल्मों, वीडियो के निर्माण में विज्ञान फिल्म निर्माताओं आदि के योगदान और उत्साह को मान्यता प्रदान करना और उन्हें सम्मानित करना था। प्रतियोगिता में देश के जाने-माने विज्ञान और प्रौद्योगिकी वीडियो फिल्म निर्माता शामिल हुए और उन्होंने उत्कृष्टता के नए मानदंड स्थापित किए। समारोह में पुरस्कार घोषित करने और प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय निर्णायक मंडल के अध्यक्ष भारतीय फिल्म उद्योग केएम नासिर और भारतीय विज्ञान संस्थानों, भारतीय आईआईए, आकाशवाणी, दूरदर्शन राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय और विज्ञान परिसर के जाने-माने प्रमुख शिक्षक, वैज्ञानिक और विज्ञान संचारक उपस्थित थे।