स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 4 February 2014 11:17:58 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने एम्स में जच्चा–बच्चा खंड और शल्य चिकित्सा खंड की आधारशिला रखी। शल्य चिकित्सा खंड और जच्चा–बच्चा खंड क्रमश: शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के क्षेत्र में उन्नत शिक्षा और अनुसंधान उपलब्ध्ा कराने तथा जच्चा–बच्चा को उत्तम जांच और स्वास्थ्य देखभाल संबंधी सेवाएं प्रदान करने में शीर्ष केंद्र के रूप में कार्य करेंगे। ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि सरकार ने काफी कम समय में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी संख्या में परियोजनाएं शुरू की हैं, उन्हें विकसित तथा पूरा किया है। जच्चा–बच्चा खंड और शल्य चिकित्सा खंड इसी दिशा में उठाए गए प्रयासों में से एक है।
नौ मंजिलों वाला जच्चा–बच्चा खंड 45,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनेगा। इसमें 400 बिस्तर, 12 ऑपरेशन थियेटर, सघन जांच इकाईयां और संगोष्ठी कक्ष होंगे। इस खंड में बाल-चिकित्सा विभाग के साथ-साथ प्रसूति और स्त्री रोग चिकित्सा विभाग के लिए पर्याप्त सुविधाएं होंगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 200 करोड़ रूपये है, जिसे पूरा होने में लगभग दो वर्ष का समय लगेगा। शल्य चिकित्सा खंड करीब 17,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनेगा। आधुनिक उपकरणों के अलावा इसमें 200 बिस्तर, 12 ऑपरेशन थियेटर, एक राष्ट्रीय एंडोस्कोपी केंद्र और प्रत्यारोपण सुविधाएं होंगी। इस पर लगभग 55 करोड़ रूपये का खर्च आएगा और इसके अप्रैल 2015 तक पूरा होने की उम्मीद है।
ग़ुलाम नबी आज़ाद ने देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास पर जोर दिया और कहा कि चार साल के अंदर 97 नये मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। एमडी सीटों में 75 प्रतिशत और एमबीबीएस सीटों में 55 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है, देश में स्वास्थ्य परिदृश्य को सुधारने के लिए सरकार ने एमसीआई नियमों में भी बदलाव किए हैं, मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2013 में 71 नए कैंसर संस्थानों के लिए भी स्वीकृति दी है। इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव सीके मिश्रा, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक जगदीश प्रसाद, एम्स के निदेशक डॉ एमसी मिश्रा तथा अन्य डॉक्टर भी मौजूद थे।