स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 12 February 2014 04:00:20 PM
नई दिल्ली। रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज लोकसभा में अंतरिम रेल बजट पेश किया और रेलयात्रा को रियायतों के साथ भरपूर प्रोत्साहन दिया। उन्होंने रेल में सुरक्षा के उपाय सुविधा और विस्तार पर रेलवे के प्रस्ताव रखे और एक तरह से कांग्रेस की लोकसभा चुनाव की तैयारियों को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि रेल में सुविधाओं और कड़े वित्तीय अनुशासन के कारण आर्थिक स्थिति संतोषजनक है, जिससे रेलवे ने रेल सेवाओं के विस्तार के साथ अपने कर्मचारियों के वेतन सुख सुविधाओं की बढ़ोत्तरी का भी प्रयास किया है। उन्होंने रेल अधिकारियों और कर्मचारियों को और ज्यादा मेहनत और निष्ठापूर्वक सेवा करने को प्रेरित करते हुए लोकसभा में चार माह के लिए लेखानुदान पेश किया।
रेलमंत्री ने कहा है कि रेलवे की ओर से सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और कई अन्य कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत पिछले पांच वर्षों के दौरान कुल 5400 मानव रहित समपार समाप्त किए गए, 2,310 समपारों पर चौकीदार की तैनाती और 3,090 समपारों को बंद, विलय, ऊपरी, निचली सड़क पुलों के निर्माण किए गए। कुछ अन्य सुरक्षा उपाय भी किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं-फील्ड परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद भारतीय रेलवे पर स्वदेश निर्मित गाड़ी टक्कर रोधी प्रणाली (टीसीएएस) को शामिल करने की योजना। गाड़ी के पहुंचने से पूर्व सड़क उपयोगकर्ताओं को चेतावनी देने के लिए दृश्य-श्रव्य माध्यम से उन्नत सुरक्षा प्रणाली की व्यवस्था करना। टक्कर दुर्घटना के दुर्भाग्यपूर्ण मामले में उच्च प्रभाव भार वहन करने वाले सक्षम “क्रैशवर्दी” संरचनात्मक डिजाइन का विकास करना। पिछले पाचं वर्षों के दौरान समूह ग श्रेणी में 1 लाख से ऊपर और पूर्व समूह घश्रेणी में 1.6 लाख कर्मियों को रोज़गार देना। सभी बिजली एवं डीज़ल चालित गाड़ियों में गाड़ी चालक की चौकसी एवं निगरानी करने एवं गाड़ी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता नियंत्रक उपकरण (वीसीडी) का प्रावधान। कॉम्प्रिहेंसिव फायर और स्मोक डिटेक्शन सिस्टम दो राजधानी एक्सप्रेस गाड़ियों में परीक्षण के आधार पर लगाया गया है। इनकी सफलता के आधार पर इस प्रणाली को अन्य महत्वपूर्ण यात्री गाड़ियों में भी लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, गाड़ियों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न उपाए किए गए हैं-यात्री डिब्बों में आग रोधी सामग्रियों का उपयोग, बिजली सर्किट के लिए मल्टी टियर सुरक्षा, वातानुकूलित डिब्बे, गार्ड-सह-लगेज ब्रेकवेन, पेंट्री कार और इंजनों में पोर्टेबल अग्निशामक का प्रावधान करना, पेंट्री कारों में एलपीजी के स्थान पर बिजली इंडक्शन आधारित कुकिंग उपकरणों का प्रावधान करना और पार्सल यान और गार्ड-सह-लगेज ब्रेक यानों में विस्फोटक एवं ज्वलनशील सामग्री के प्रति गहन जांच।
रेल सेवाएं यात्रियों के अनुकूल
रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेल के टिकटों की ई-बुकिंग में आशातीत सफलता हासिल हुई है और यात्रियों को अपने घरों और कार्यालयों के आरामदायक माहौल से रेलवे से संपर्क करने का एक सुविधाजनक माध्यम मुहैया कराया है। गाड़ियों के चालन की सही स्थिति का पता ऑनलाइन भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा, जनता भोजन की बिक्री के लिए रेलवे स्टेशनों पर 51 जन-आहार आउटलेट स्थापित किए गए हैं, यात्रियों के लिए 48 एस्केलेटर चालू किए गए हैं और 61 स्थानों पर लगाए जा रहे हैं, मुंबई क्षेत्र में जुलाई 2014 तक वातानुकूलित ईएमयू सेवा आरंभ की जा रही है, अगले स्टेशन और प्रत्याशित आगमन समय का संकेत देने के लिए महत्वपूर्ण गाड़ियों में पैसेंजर इन्फॉर्मेशन डिस्पले सिस्टम मुहैया कराया जा रहा है। वर्ष 2006 में चालू की गई यात्रियों के अपग्रेडेशन की योजना को द्वितीय श्रेणी सिटिंग, एसी चेयर कार और एक्ज़ीक्यूटिव चेयर कार के यात्रियों तक विस्तार करने का प्रस्ताव है। इससे उच्चतर श्रेणी के खाली स्थानों का उपयोग किया जा सकेगा और निम्न श्रेणियों की मांग को भी अधिकाधिक पूरा किया जा सकेगा।
रेल टैरिफ प्राधिकरण की स्थापना
रेलमंत्री ने बताया कि लीक से हटकर किए गए निर्णय के अनुसार सरकार को किराया और मालभाड़ा निर्धारित करने के संबंध में सलाह देने के लिए एक स्वतंत्र रेल टैरिफ प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। अब दरों का निर्धारण करना पर्दे के पीछे का कार्य नहीं होगा, जहां उपयोगकर्ता गुप्त रूप से ही पता लगा सकते थे कि दूसरी ओर क्या हो रहा है। रेल टैरिफ प्राधिकरण रेलवे की आवश्यकताओं पर ही विचार नहीं करेगा, बल्कि एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सभी हितधारकों को भी शामिल करके एक नई कीमत निर्धारण व्यवस्था आरंभ करेगा। इससे किराया और मालभाड़ा अनुपात को बेहतर बनाने के लिए किराए और माल संरचनाओं को युक्तिसंगत बनाने का दौर आरंभ होगा और धीरे-धीरे विभिन्न क्षेत्रों के बीच क्रॉस सब्सिडाइजेशन को कम किया जा सकेगा। उम्मीद है कि इससे रेलवे की वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी और राजस्व प्रवाह की अस्थिरता कम करके स्थिरता लाई जा सकेगी।
राज्यों के साथ रेल परियोजना
रेलमंत्री ने बताया कि देशभर में रेल के बुनियादी ढांचे के समग्र विकास के लिए कर्नाटक, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और हरियाणा की राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में विभिन्न रेल परियोजनाओं की लागत में भागीदारी पर सहमति जताई है। भारतीय रेलवे के विकास के लिए महत्वपूर्ण वित्त सहायता प्रदान करने के सरकारी प्रयास जारी रहने के अलावा रेलवे के बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निवेश किये जायेंगे, क्योंकि सकल बजटीय सहायता, आतंरिक रेलवे विकास और बाजार ऋण के माध्यम से इन आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता, इसलिए रेलवे इस अंतर को दूर करने के लिए रेल बुनियादी ढांचे में निजी निवेश के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम उठा चुकी है।
नई रेल लाइनों का सर्वेक्षण
रेलमंत्री ने बताया कि वर्ष 2014-15 के दौरान 19 नई रेल लाइनों का सर्वेक्षण किया जायेगा। इस वर्ष के दौरान पांच मौजूदा लाइनों के दोहरीकरण का भी सर्वेक्षण करने का प्रस्ताव है। नई लाइनें हैं-तिपतुर-डुड्डा, नीमच-सिंगोली-कोटा, दाहोद-मोडासा, कराड-कडेगांव-लेनारे-ख्यारसुंडी-अट्टापाडी-डिगांची-महूद-पंढरपुर, एटा-अलीगढ़, करनाल-यमुना नगर बरास्ता असांडीह, पुडुचेरी तक टिंडीवनम-नागरी नई लाइन का विस्तार, चल्लीकेरे-हिरीयूर-हुलीयूर-चिक्कानायकनहल्ली-केबी क्रॉस-तुरूवेकेरे-चन्ननारायण पटना, बेतूल-चांदुरबाजार-अमरावती, चकिया-केसरिया (कैठवालिया), मिरज-कावठेमनखल-जठ बीजापुर, पुणे-बारामती बरास्ता सास्वद, जेजूरी, मोरेगांव, इटावा-ओरैया-भोगनीपुर-घाटमपुर-जहानाबाद-बाकेवर-बिंदकी रोड, हलदौर-धामपुर, बेलगाम-हुबली बरास्ता किटटुरू, पुणे-अहमदनगर बरास्ता केगडाउन कस्ती, बेल्लारी-लिंगासुगुर बरास्ता श्रीगुप्प, सिंधनौर, घाटनंदौर-श्रीगोंडा रोड दौड बरास्ता कैज, मंजरसुम्भा, पटोदा और जामखेड औरबिरारी-महातोनी-मारवाडा-मंदनपुर-ध्णामोनी-सागर। जिनका दोहरीकरण होना है वे हैं-लातूर रोड-कुर्डुवाडी, पुणे-कोल्हापुर, इलाहाबाद-प्रतापगढ़, सेलम-ओमालूर और परभनी-पर्ली रेल मार्ग।
माल आमदनी बढ़ने पर लक्ष्य बढ़ाया
रेलमंत्री ने बताया कि रेल में लदान संबंधी आशाजनक झुकाव को देखते हुए 1047 मिलियन टन बजटीय लक्ष्य को बढ़ाकर लगभग 1052 मिलियन टन कर दिया गया है। हालांकि माल यातायात की औसत गमन दूरी कम होती जा रही है और इसके निर्धारित 644.5 किलोमीटर की तुलना में 622 किलोमीटर होने की संभावना है। रेलवे को विश्वास है कि माल आमदनी के निर्धारित लक्ष्य से अधिक लदान होगा, जिसे बजट अनुमान में 93,554 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 94,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यात्री आमदनियों के रूझान पर विचार करते हुए 37,500 करोड़ रुपए का संशोधित लक्ष्य रखा गया है। इनपुट लागत पर, विशेषकर एचएसडी तेल और विद्युत ऊर्जा दोनों इंधनों की लागत पर मुद्रास्फीति का दबाव निरंतर बना हुआ है। अनेक सुरक्षा श्रेणियों में बड़ी संख्या में नई भर्ती, रेल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त महंगाई भत्ता और रेलवे पेंशनधारियों के लिए महंगाई राहत के कारण रेलवे पर अनुमान से अधिक बोझ पड़ा है। इसके बावजूद, कठोर एवं गहन निगरानी के परिणामस्वरूप साधारण संचालन व्यय के अंतर्गत वृद्धि 560 करोड़ रुपए तक ही सीमित रखी गई है। बहरहाल, पेंशन आवंटन संबंधी आवश्यकताओं में 2,000 करोड़ रुपए की भारी वृद्धि हुई है। सामान्य राजस्व का लाभांश भुगतान 4% से 5% की दर से बढ़कर 1,591 करोड़ रुपए हो गया है। आमदनी और व्यय के रूझान पर विचार करते हुए संशोधित योजना परिव्यय 59,359 करोड़ रुपए रखा गया है। रेलवे का परिचालन अनुपात 87.8% के बजट लक्ष्य की तुलना में 90.8% रहने की संभावना है। वर्ष 2012-13 का खुशनुमा माहौल जारी है और पिछले दो वर्षों में उल्लेखनीय सुधार होने से चालू वर्ष में रेलवे के पास अधिशेष होगा और शेष निधियां चालू वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में 2,391 करोड़ रुपए से बढ़कर मार्च 2014 के अंत तक 8,018 करोड़ रुपए हो जाएंगी। यह मुख्यत: लागू किए गए कड़े वित्तीय अनुशासन के कारण ही संभव हुआ है।
वैष्णो देवी तक रेल सेवा बहुत जल्द
वैष्णो देवी तक तीर्थयात्रियों को ले जाने के लिए उधमपुर–कटरा खंड पर शीघ्र ही रेल सेवा प्रारंभ होगी। देशभर के लाखों तीर्थयात्रियों को सीधे वैष्णो देवी दरबार पहुंचाने के लिए उधमपुर-कटरा खंड पर निर्माण का कार्य पूर्ण होने को है और इस खंड पर ट्रायल सेवा भी शुरू कर दी गई है।
रेलमंत्री ने लोकसभा में बताया कि तीर्थ यात्रियों के लिए जल्द ही इस खंड पर सेवा प्रारंभ होने की संभावना है। कश्मीर की राष्ट्रीय परियोजना के अंतर्गत एक प्रमुख उपलब्धि के तौर पर पिछले वर्ष जून में बनिहाल से काजीगुंड के बीच सुरंग के माध्यम से 11.2 किलोमीटर लंबी घाटी को जोड़ने वाली रेल लाइन संचालित की गई। इस सुरंग के माध्यम से अभियांत्रिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य का प्रदर्शन करते हुए 35 किलोमीटर लंबे मार्ग को घटाकर 17.5 किलोमीटर कर दिया गया है। स्थानीय लोगों के लिए यह सुविधा हर मौसम में उपलब्ध है और घाटी के निवासियों के लिए वरदान साबित हो रही है।