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Thursday 13 February 2014 01:47:48 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कहा है कि हमारे शिक्षा संस्थानों में सुधार के लिए बदलाव लाने वाले विचारों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रभावी प्रबंधन के लिए पूर्व छात्रों की विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाया जाना चाहिए। राष्ट्रपति हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शाहपुर में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे वार्षिक सम्मेलन में बोल रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय रचनात्मक कार्यों और नवीनतम तकनीकी विकास का केंद्र बनें, कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इनोवेशन क्लबों के खुलने से इसकी शुरुआत हो भी चुकी है, अब आवश्यकता इस बात की है कि ये इनोवेशन क्लब आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थानों के इनोवेशन संचालकों के साथ मिलकर काम करें, ताकि उस क्षेत्र के जमीन से जुड़ इनोवेटर्स के नवीनतम और उपयोगी विचारों को बढ़ावा दिया जा सके।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह चिंता की बात है की विश्व के 200 प्रमुख विश्वविद्यालयों की सूची में एक भी भारतीय संस्थान का नाम शामिल नहीं है, हालांकि हमारे कुछ इंजीनियरिंग संस्थानों और विश्वविद्यालयों के परिणाम काफी अच्छे रहते हैं। उन्होंने देश के छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता में शीघ्र सुधार किये जाने की आवश्यकता जताते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रतियोगिता और सहयोग का वातावरण विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस मौके पर राष्ट्रपति ने जाने-माने अर्थशास्त्री और प्रशासक डॉ विजय केलकर को ऑनोरिस कॉजा प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के अविष्कारक और उद्यमियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।