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Thursday 20 February 2014 07:17:18 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उड़िया भाषा को शास्त्रीय भाषा के तौर पर वर्गीकृत करने को स्वीकृति दे दी है। शास्त्रीय भाषा घोषित की गई भाषाओं के अंतर्गत जो लाभ दिए जाते हैं वो इस प्रकार हैं-संबंधित भाषा में प्रतिष्ठित विद्वानों के लिए प्रतिवर्ष दो बड़े अंतर्राष्ट्रीय सम्मान। शास्त्रीय भाषाओं में अध्ययन के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा सकता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से निवेदन किया जा सकता है कि कम से कम केंद्रीय विश्वविद्यालयों में संबंधित भाषाओं में विशेषज्ञता प्राप्त शोधार्थियों के लिए शास्त्रीय भाषाओं की कुछ निश्चित सीटें शुरू की जाएं। यह मांग की जा रही थी कि उड़िया, जो कि सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है और जिसकी हिंदी, संस्कृत, बंगाली, तेलुगु आदि से कोई समानता नहीं है, को एक शास्त्रीय भाषा घोषित किया जाए। अभी तक संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा दिया गया है।