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Tuesday 25 February 2014 10:56:34 PM
नई दिल्ली। हॉवर्ड बिजनेस स्कूल के 'रियूनियन ऑफ ऑनर प्रेसिडेंट मैनेजमेंट प्रोग्राम' के प्रतिभागियों ने 23 फरवरी को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने इन अतिथियों का स्वागत करते हुए मुंबई में 2006 से शुरू हॉवर्ड बिजनेस स्कूल के भारतीय शोध केंद्र के प्रदर्शन की सराहना की। यह केंद्र शीर्ष उद्यमियों और शिक्षाविदों के साथ मिलकर अब तक 55 से ज्यादा शोध कार्यक्रमों पर काम कर चुका है।
राष्ट्रपति ने कहा कि तेज आर्थिक विकास दर समावेशी और दीर्घकालिक प्रवृत्ति की है, यह भारत की आसन्न सच्चाई है, भारत में मध्यवर्गीय उपभोक्ताओं की लगातार बढ़ती तादात के साथ बाजार द्वारा शीर्ष उद्यमियों को और अधिक लुभाने की उम्मीद है, भारत के आर्थिक बुनियादी तत्वों की तरह इसकी आर्थिक विकास की कहानी भी बदस्तूर जारी है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के स्थूल बुनियादी तत्व मजबूत रहे हैं, संबंधित तथ्य इसकी पुष्टि करते हैं।
उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में कुल सार्वजनिक ऋण वर्ष 2003-04 के 85.9 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2012-13 में 66 प्रतिशत हो गया है, भारत का विदेशी ऋण सकल घरेलू उत्पाद का केवल 21.2 प्रतिशत है, हमारा 292 बिलियन डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी क्षेत्र से किसी भी तरह की अल्पावधि की विषमता से निपटने की पर्याप्त सक्षमता प्रदान करता है, भारत का चालू खाता घाटा वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान घटकर 3.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है और आगे विदेशी क्षेत्र से निकट भविष्य में सहारा मिलने पर यह 2.5 प्रतिशत पर लाने का प्रयत्न होगा।