स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 8 March 2014 07:35:12 PM
कुआलालंपुर। मलेशिया एयरलाइंस का यात्री विमान एमएच 370 बीजिंग जाते हुए दुर्घटनाग्रस्त होकर वियतनाम के समुद्र में गिर गया। विमान में 14 देशों के 227 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। मलेशिया एयरलाइंस के अधिशासी अधिकारी अहमद जौहरी याहिया ने दुर्घटना की पुष्टि करते हुए जानकारी दी कि इस हादसे में कोई भी जीवित नहीं बचा है। विमान में सबसे ज्यादा 162 चीनी यात्री, 38 मलेशिया, 12 इंडोनेशियाई, 7 ऑस्ट्रेलिया, 5 भारतीय, 3 फ्रांस, 3 अमेरिका, 2 न्यूजीलैंड, 2 यूक्रेन, 2 कनाडा, 1 रूस,1 इटली, 1 ताइवान, 1 नीदरलैंड और 1 ऑस्ट्रियाई यात्री सवार थे। विमान में सवार भारतीयों के नाम हैं-चेतना कोलेकार, स्वानंद कोलेकार, सुरेश कोलेकार, चंद्रिका शर्मा और प्रहलाद श्रेष्ठा। लापता विमान दुर्घटना का कई घंटे बाद पता चला।
कुआलालंपुर से विमान ने शनिवार को 12.41 बजे बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी। विमान को बीजिंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 6.30 बजे उतरना था। सुबंग एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने मलेशिया के स्थानीय समय के अनुसार करीब 2.40 बजे विमान से संपर्क टूटने के बारे में सूचना दी थी। संपर्क टूटने के बाद से ही एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी विमान का पता लगाने में जुटे हुए थे। एमएच370 बोइंग बी 777-200 का एयरक्राफ्ट है। मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार विमान वियतनाम के फू क्यूओक द्वीप पर दुघर्टनाग्रस्त होते हुए समुद्र में गिरा। वियतनामी अखबार त्यू ओई त्रे ने वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारी एडमिरल नेगो वान फात के हवाले से यह जानकारी दी।
एडमिरल नेगो वान फात ने कहा कि घटना के समय उस क्षेत्र में कोई भी वियतनामी नौसैनिक नाव नहीं थी, इसलिए हमने फू क्यूओक से नौकाओं को बचाव कार्य के लिए भेजने को कहा। अभी भी यह पता नहीं चल पाया है कि विमान का मलबा कहां है। मलेशियाई अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है, क्योंकि चीनी मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि हो सकता है कि विमान दक्षिण चीन सागर में गिरा हो। बताया जाता है कि हादसे के समय विमान 36 हजार फुट की ऊंचाई पर था। विमान को वर्ष 2002 से सेवा में लिया गया था। मलेशिया के पास इस श्रृंखला के 15 विमान हैं। मलेशिया एयरलाइंस के अधिशासी अधिकारी अहमद जौहरी याहिया ने बताया कि विमान को कैप्टन जाहिरी अहमद शाह उड़ा रहे थे, जिन्हें 18,365 घंटे की उड़ान का अनुभव था। वह 1981 में एयरलाइंस से जुड़े थे। मलेशिया और वियतनाम संयुक्त रूप से बचाव कार्य में जुटे हैं। चीन ने भी दो नौवाहन बचाव पोत मदद के लिए दक्षिण चीन सागर में भेजे हैं।