Wednesday 19 March 2014 02:25:29 AM
नरेश शर्मा
बिजनौर। भारत निर्वाचन आयोग ने जिले में अपना प्रशासन कायम कर दिया है। यहां लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2014 की चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक जन सामान्य, राजनीतिक दलों और संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के पालन में चूक या अवहेलना महंगी साबित हो सकती है। आयोग की सख्ती किसी एक पक्ष के लिए नहीं है, बल्कि इसमें सभी शामिल हैं। निर्वाचन आयोग के आदेशों की आड़ में मनमानी करने वालों पर भी आयोग की तीखी नज़र है और शिकायत की पुष्टि होते ही आयोग का ‘कलम’ चल पड़ेगा। बिजनौर में निर्वाचन आयोग ने अपने तेवर दिखाते हुए कहा है कि अधिकारी हों या खास-औ-आम, गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
निर्वाचन आयोग के व्यय प्रेक्षक राजेश शर्मा ने चुनाव प्रक्रिया संबंधित अधिकारियों को बिल्कुल स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित कराने के लिए जो भी टीमें क्षेत्र में निर्वाचन से संबंधित वीडियोग्राफी तथा वाहन चैंकिंग आदि हेतु नियुक्त की गयी हैं, वे अपने कार्य के दौरान व्यापारी वर्ग और जनसामान्य को अनावश्यक परेशान न करें, चैकिंग के वक्त शालीनता हो और आयोग के दिशा-निर्देशों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने राजनैतिक पार्टियों के पदाधिकारियों से भी कहा कि वे किसी भी बड़े कार्यक्रम के आयोजन की सूचना कम से कम तीन दिन पहले दें, ताकि जिला प्रशासन समयपूर्वक सुरक्षा व्यवस्था आदि का व्यापक प्रबंध कर सके।
चुनाव प्रेक्षक ने कलक्ट्रेट सभागार में राजनैतिक पार्टियों के पदाधिकारियों एवं निर्वाचन के विभिन्न कार्यों में लगे अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और शांतिपूर्वक कराने के कड़े दिशा-निर्देश हैं, जिनमें यह स्पष्ट किया गया है कि जन सामान्य से चुनाव प्रक्रिया का पालन कराने में किसी को अनावश्यक रूप से परेशान या प्रताड़ित नहीं किया जाएगा और ऐसा पाए जाने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सब के लिए यह भी आवश्यक है कि राजनैतिक पार्टियों और जिला प्रशासन में परस्पर सहयोग बना रहे। उन्होंने किसी भी बड़ी जनसभा अथवा रैली के स्थान व समय सहित आयोजन की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने को कहा, साथ ही निर्वाचन संबंधी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे राजनैतिक रैलियों एवं सभाओं की वीडियोग्राफी सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि गाड़ियों की चैकिंग के दौरान राजनैतिक दल के वाहन में यदि 50 हजार से ज्यादा धनराशि पायी जाये तो उसे तत्काल जब्त कर लिया जाये और व्यापारियों एवं जनसामान्य के वाहनों की चैकिंग के दौरान यदि मानक से अधिक धनराशि पायी जाये तो पहले उसकी जांच पड़ताल कर ली जाये और संतुष्ट होने के बाद उसे जाने दिया जाये। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यापारी अथवा सामान्य व्यक्ति मानक से अधिक धनराशि के संबंध में संतोषजनक अभिलेख अथवा प्रमाण न दे सके तो उसे जब्त कर जमा कराने की कार्रवाई अमल में लायी जाए। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वाहनों की चैकिंग अथवा तलाशी के दौरान पूरी तरह शालीनता बरती जाये और किसी भी स्तर से किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाए।
प्रेक्षक राजेश शर्मा ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी किसी भी बैंक में अपना या अपने द्वारा नियुक्त अभिकर्ता का नया खाता खुलवाएं और समस्त व्यय का लेन-देन उसी खाते से करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने चुनाव कार्यों में प्रयोग होने वाली सामग्री आदि की रेट लिस्ट जारी कर दी है, अत: उसी के अनुसार व्यय का हिसाब किया जाएगा, निर्वाचन के दौरान जो भी खर्च होगा, उसके वाऊचर भी प्रत्याशी को उपलब्ध कराने होंगे। उन्होंने वीडियोग्राफी एवं सर्विलांस टीम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्याशियों की जनसभाओं और रैलियों के आयोजन के दौरान पंडाल, शामियाना आदि की भी ध्यानपूर्वक वीडियोग्राफी की जाए और प्रयुक्त वाहनों के नंबर और उसमें मौजूद लोगों की भी वीडियोग्राफी की जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी भवानी सिंह खंगारौत, अपर जिलाधिकारी रामाश्रय, वरिष्ठ कोषाधिकारी अनवर अहमद, मीडिया प्रमाणन के प्रमोद कुमार सहित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।