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Sunday 23 March 2014 08:03:16 PM
लखनऊ। बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंत्री बनाने के काफी दिनों बाद लोकसभा चुनाव के दौरान उन मंत्रियों को विभाग बांटने के लिए समाजवादी पार्टी की आलोचना की है और कहा है कि सपा की इस प्रकार की हरकत वास्तव में उसकी घोर हताशा और निराशा को जग-जाहिर करती है। मायावती ने कहा कि सपा इस प्रकार से राजनीतिक पैंतरेबाजी करके सर्वसमाज में खासकर ब्राह्मण व अन्य पिछड़े वर्ग एवं मुस्लिम समाज के लोगों को वरगलाने व गुमराह करने का प्रयास कर रही है।
मायावती ने कहा कि यह हकीकत अब कहीं भी छिपने वाली नहीं है कि सपा सरकार अपराध-नियंत्रण, कानून-व्यवस्था, जनहित व विकास के मामलों में बुरी तरह से नाकाम हो गयी है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार दो वर्ष के शासनकाल में सपा और भाजपा की मिली-भगत से सांप्रदायिक सौहार्द की स्थिति इतनी ज्यादा खराब हुई कि लोग सपा को भी धर्मनिरपेक्ष पार्टी मानने से लोग इंकार करने लगे इन वर्षों में अनेक घटनाक्रमों से यह स्पष्ट हो गया है कि सपा और भाजपा एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं और दोनों ही पार्टियां मिली-भगत के कारण चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम कर रही हैं और एक-दूसरे को संरक्षण भी दे रही हैं।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि गुजरात राज्य में सन् 2002 के भीषण सांप्रदायिक दंगे के लिए बदनाम भाजपा के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर, शामली में सांप्रदायिक दंगा नहीं रुकवा पाए सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव के बीच सांठ-गांठ है, जो दोनों पूर्वी उत्तर प्रदेश में पड़ोसी लोकसभा सीट वाराणसी और आजमगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं, यह राजनीतिक सांठ-गांठ का द्योतक है, जिससे उत्तर प्रदेश की जनता को बहुत सावधान रहने की जरूरत है, भाजपा व सपा की अंदरूनी मिलीभगत लोगों की जान-माल व मजहब की अपूर्णीय क्षति कर सकती है, जिससे लोगों को बहुत ही सावधान व सजग रहने की आवश्यकता है।