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Friday 4 April 2014 04:32:22 PM
लखनऊ। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सपा के चुनाव घोषणा-पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी के लोकसभा चुनाव 2014 के घोषणा-पत्र में आशा के अनुरूप अनेक प्रकार के लुभावने वायदों की झड़ी लगा दी गयी है, परंतु इस पर विश्वास किसी को भी नहीं है, क्योंकि सपा और उत्तर प्रदेश में इसकी सरकार ने दु:खदायी कारनामों से समाज के सभी वर्गों की जनता का विश्वास पूरी तरह से खो दिया है, आज सर्वसमाज के लोगों को घोर पछतावा है कि उन्होंने कैसी निकम्मी व जंगलराज देने वाली सरकार को अपने सर पर बिठा लिया है।
मायावती ने एक बयान में कहा है कि सपा के घोषणा-पत्र में खासतौर से मुस्लिम समाज के लोगों से तरह-तरह के प्रलोभन व लुभावने वायदे किये गए हैं, परंतु जिस प्रकार से सपा सरकार में उनके जान-माल, मजहब को नुकसान हुआ है, उसकी मिसाल मिलनी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि क्या मुस्लिम समाज के लोग करेली (इलाहाबाद) मदरसा बलात्कार कांड, करनैलगंज (गौंडा) सांप्रदायिक दंगा व अभी हाल में बड़े पैमाने पर मुजफ्फरनगर व शामली जिले में हुए भयंकर सांप्रदायिक दंगों में नुकसान एवं शरणार्थी जीवन को कैसे भूलकर सपा सरकार को माफ कर सकते हैं? सपा सरकार एक दरोगा व डीएसपी तो नियुक्त कर नहीं सकती है, परंतु जियाउल हक जैसे डीएसपी की हत्या करवा कर मुस्लिम समाज को आघात जरूर पहुंचा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार पीड़ित परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़कने के लिए अनेक प्रकार के बेतुके बयान जारी करती रहती है, जबकि बीएसपी का यह कहना है कि मुस्लिम समाज के लोगों के लिए सपा के इस प्रकार के वादों के छलावे में आना काफी महंगा पड़ सकता है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि इसी प्रकार समाज के अन्य वर्ग के लोगों से भी लगभग वही सारे वायदे किये गये हैं, जो सपा ने अपने पिछले घोषणा-पत्र में किए थे, परंतु इस सपा सरकार का दो वर्ष से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद उन वादों पर रत्तीभर भी अमल नहीं हुआ है, इतना ही नहीं उन पर अनेक प्रकार से जुल्म-ज्यादती भी लगातार की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो थोड़ा बहुत लैपटाप कुछ खास लोगों को दिए गए हैं, वह भी अब रद्दी साबित हो रहे हैं, क्योंकि वे लैपटाप ठीक से काम नहीं करने के कारण मरम्मत के लिए काफी बड़ी संख्या में कंपनी को लौटाए जा रहे हैं, इस प्रकार सपा सरकार में न केवल जंगलराज है और विकास ठप्प है, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है, बल्कि यहां पर सब कुछ छलावा ही छलावा साबित हो रहा है।