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Monday 9 June 2014 02:01:27 PM
नई दिल्ली। विविध प्रकार के प्रदूषण के दुष्प्रभावों से पर्यावरण को बचाना है तो विश्व को भारतीय संस्कृति की ओर लौटना होगा। “पर्यावरण की रक्षा और भारतीय संस्कृति” विषय पर बोलते हुए विश्व हिंदू परिषद दिल्ली के मीडिया प्रमुख विनोद बंसल ने कहा कि विश्व भर में बढ़े भौतिक बाजारवाद, अनियंत्रित औद्योगिकीकरण तथा मद्य-मांस के सेवन से उपजी प्रदूषण की घातक समस्या से यदि बचना है तो दैनिक अग्निहोत्र (हवन), वेदों का पाठ, गौ, गंगा और प्रकृति की रक्षा के साथ पृथ्वी के अतिशय दोहन पर नियंत्रण की ओर चलना होगा।
विश्व पर्यावरण रक्षा और भारत के सर्वांगीण विकास के लिए प्रार्थना करते हुए विश्व हिंदू परिषद व आर्य समाज संतनगर ने पर्यावरण रक्षा यज्ञ का आयोजन भी किया। दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट आफ़ कैलाश स्थित आर्य समाज मंदिर-संतनगर में आयोजित इस यज्ञ के उपरांत बोलते हुए वैदिक विदुषी विमलेश आर्या ने कहा कि यूं तो वेदों में प्रतिदिन दो बार (सुबह-सायं) हवन करने का विधान है, किंतु प्रत्येक देशवासी यदि एक बार भी यज्ञ में आहुति देकर वेद मंत्रों का पाठन आरंभ कर दें तो हम अपने पर्यावरण के खोए हुए स्वरूप को पुन: प्राप्त कर लेंगे।
इस अवसर पर आर्य समाज मंदिर के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सूद,संरक्षक जगदीश गांधी, जसवंत राय, विहिंप के सह प्रखंड मंत्री संजय सिकरिया व समाज सेवी अरुण होरा के अलावा राज कुमारी, कल्पना शर्मा, चंद्र ज्योति और कुमारी ओजस्वी सहित अनेक लोगों ने यज्ञ में आहुतियां लगा कर विश्व पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने की प्रार्थना की।