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Tuesday 15 January 2013 09:33:34 AM
मुंबई। मुंबई में चार जनवरी को हुए एक साहित्य संगम में जाने माने कवि विनोद कुमार शुक्ल को साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था 'परिवार' ने परिवार पुरस्कार -2012 से नवाज़ा। समारोह के ज़रिए साहित्य जगत की दो मूर्धन्य हस्तियों को एक साथ एक मंच पर देखने का सुअवसर भी मिला। विनोद कुमार शुक्ल को यह पुरस्कार समारोह अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कवि विष्णु खरे के हाथों प्रदान किया गया। पुरस्कार स्वरूप शुक्ल को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह के साथ एक लाख रुपए की धनराशि भेंट की गई।
वैसे तो इस समारोह में कई जाने माने साहित्यकार उपस्थित थे, परंतु एक ही मंच पर साहित्य क्षेत्र की दो महान हस्ती विष्णु खरे और शुक्ल को एक साथ देखना वाकई एक सुखद अनुभव था। इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए विष्णु खरे ने विनोद कुमार शुक्ल की रचनाओं को निम्न मध्यम वर्ग की त्रासदी, दुःख, यातना और हास्य बोध को अर्थपूर्ण तरीके से अभिव्यक्त करने का ज़रिया बताया। प्रारंभ में निर्णायक मंडल के प्रतिनिधि के तौर पर नंदलाल पाठक ने शुक्ल को कविता के माध्यम से व्यक्ति की स्वतंत्रता और महत्ता को रेखांकित करने वाला कुशल कवि बताया। वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ सचदेव ने विनोद कुमार शुक्ल को सादगी से गहरी बात कहने वाला कवि बताया। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार एवं कथाकार धीरेंद्र अस्थाना विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।
विनोद कुमार शुक्ल ने इस सम्मान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और अपनी चुनिंदा कविताएं सुना कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर संस्था के महामंत्री सुरेश चंद्र शर्मा के संपादन में प्रकाशित परिवार काव्य स्मारिका का भी विमोचन किया गया। प्रारंभ में समारोह के संचालक कवि देवमणि पांडेय ने विनोद कुमार शुक्ल की साहित्यिक उपलाब्धियों का ब्यौरा पेश किया। कवि एवं पत्रकार हरि मृदुल ने विनोद कुमार शुक्ल के कृतित्व पर आलेख प्रस्तुत किया। परिवार के संस्थापक अध्यक्ष रामस्वरूप गाड़िया ने आभार व्यक्त किया। सोमा बैनर्जी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। निर्मल झुनझनूवाला, सुरेंद्र गाड़िया, राकेश मुरारका, अशोक अग्रवाल, राजेंद्र शाह और राजीव नौटियाल ने अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में मुंबई महानगर के प्रमुख लेखक, कवि, पत्रकार और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
परिवार काव्य उत्सव संपन्न
मुंबई की कला, साहित्य और संस्कृति की प्रतिनिधि संस्था परिवार की ओर से 5 जनवरी को काव्य उत्सव का भी आयोजन किया गया। बिरला मातुश्री सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कवियों ने विविधतापूर्ण रचनाएं पेश कीं। इनके माध्यम से समाज में व्याप्त दिक्कतों पर हमला किया गया। हरिओम पंवार (मेरठ), तेजनारायण शर्मा बेचैन (मुरैना), देवमणि पाण्डेय (मुंबई) और डॉ अनु सपन (भोपाल) ने गीत-ग़ज़ल, हास्य-व्यंग्य और समसामयिक कविताओं का पाठ किया। श्रोताओं ने देर रात तक इस कवि सम्मलेन का लुत्फ़ उठाया। काव्य उत्सव का संचालन देवमणि पाण्डेय ने किया।