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Tuesday 17 June 2014 09:13:02 PM
श्रीनगर। रक्षामंत्री अरुण जेटली ने अपनी पहली दो दिवसीय कश्मीर घाटी यात्रा में भ्रमण के बाद स्पष्ट कर दिया है कि जबतक सीमा पार से पाकिस्तान की तरफ से वारदातें पूरी तरह बंद नहीं हो जाती तबतक पाकिस्तान से वार्ता का कोई मतलब नहीं है। अरुण जेटली14 जून को कश्मीर घाटी में पहुंचे थे, उनके साथ सेना प्रमुख जनरल विक्रम सिंह भी थे। घाटी में पहुंचने पर रक्षामंत्री ने उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा और चिनार कोर्पस कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से हालात का जायजा लिया।
रक्षामंत्री ने चिनार कोर्पस मुख्यालय का दौरा भी किया, जहां उन्हें घाटी में सुरक्षा की पूरी जानकारी दी गई। इसमें नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ से मुकाबला और प्रभावित क्षेत्रों में आतंकवाद से मुकाबला भी शामिल था। अरूण जेटली ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी नेहरू अतिथि गृह में मुलाकात की। तत्पश्चात रक्षामंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल एन वोहरा से भेंट की। पंद्रह जून को रक्षामंत्री का कार्यक्रम नियंत्रण रेखा के साथ लगे अगले क्षेत्रों का दौरा करना था, जहां पर उन्होंने सेना की टुकड़ियों और उनके प्रमुखों से विचार-विमर्श किया। उनका कार्यक्रम श्रीनगर में एक विशेष संयुक्त मुख्यालय बैठक में शामिल होने का भी रहा।