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कांग्रेस का पाप ढोने को मोदी मजबूर

वित्‍त मंत्री ने आम बजट में देश का गुस्‍सा संभाला

अच्‍छे दिनों के लिए देश को अभी करनी होगी प्रतीक्षा

दिनेश शर्मा

Thursday 10 July 2014 06:18:13 PM

arun jaitley and nirmala sitharaman

नई दिल्‍ली। भाजपा के नेतृत्‍व में एनडीए गठबंधन की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश को अपने पहले बजट में सावधान कर दिया है कि वह अच्‍छे दिनों के लिए थोड़ा धैर्य रखे। देश की अर्थव्‍यवस्‍था बहुत ही नाजुक है और सच्‍चाई यह है कि यदि इसे छिपाकर जनता को खुश रखने के फैसले ले लिए जाएं तो ऐसा समय आने में देर नहीं होगी, जब देश की जनता महंगाई से और ज्‍यादा त्राहिमाम कर उठेगी। भगवान भी धरती पर उतर आएं तो भी मौजूदा हालात में वे भी कुछ नहीं कर पाएंगे। मोदी सरकार ने इस खराब अर्थव्‍यवस्‍था का दंश, सरकार की आलोचना और जनता में सरकार के विरोध के रूप में अपने ऊपर लिया है। मोदी सरकार ने अब तक जो कुछ किया है, वह जनता को असहनीय महंगाई से बचाने की ही कोशिश है। आगे देखना, देश की अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने में मोदी सरकार के पसीने छूट जाएंगे। मोदी सरकार को जनता में अपना विश्‍वास बनाए रखना आसान नहीं होगा। जनता को इस बात से मतलब नहीं है कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था कैसी है और ये क्‍या बला है। उसने अच्‍छे दिनों के लिए नरेंद्र मोदी को वोट दिया है, इसलिए मोदी सरकार सबसे पहले तो महंगाई काबू में करे। मोदी सरकार की मजबूरी यह है कि यह फिलहाल संभव नहीं है और इसको संभव बनाने के लिए ही उसे अप्रिय कदम उठाने होंगे। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में देश का गुस्‍सा संभालने की काफी कोशिश की है।
वास्‍तव में यह महंगाई कांग्रेस का पाप है, जो मोदी सरकार को ढोना पड़ेगा। देश की आर्थिक खस्‍ता हालत पर शर्म करने बजाय कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उनकी मंडली को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद हा‌सिल करने की चिंता है। इस आम बजट से यह बात साफ है कि यदि कोई राजनीतिक दल देश की अर्थव्‍यवस्‍था का सच बताकर चुनाव मैदान में जाना चाहे तो जनता तो उसके सारे प्रत्‍याशियों की जमानत भी जब्‍त करा देगी। जनता इस बात से पूरी तरह अनभिज्ञ है कि वह सरकार से जो आशा करती है, मौजूदा हालात में वह कोई भी सरकार पूरी नहीं कर सकती, जब तक कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था खतरे के निशान से बाहर नहीं निकलती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्‍यवस्‍था का सच जानते ही बोल दिया था कि देश के आर्थिक हालात बहुत गंभीर हैं, जिन्‍हें ठीक करने के लिए असहनीय फैसले लेने होंगे, कड़वी दवा लेनी होगी और ऐसा समय भी आ सकता है कि प्‍यार से मोदी-मोदी करने वाली जनता जब मोदी के खिलाफ हो जाए, किंतु जब जनता सच्‍चाई समझ लेगी तो वह फिर मोदी-मोदी करेगी, क्‍योंकि तब देश की स्‍थिति बेहतर होगी और बेहतर होती जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने जनता से जो धैर्य बनाए रखने की अपील की है वह सही है और सरकार ने जो प्रारंभिक उपाय किए हैं, वे पहले अर्थव्‍यवस्‍था को संभालने के हैं और जब अर्थव्‍यवस्‍था संभलेगी तभी अच्‍छे दिन आएंगे।
वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आम बजट पेश करते हुए कहा है कि देश में लगातार दो वर्ष तक वृद्धि दर 5 फीसदी से कम रहने के कारण सरकार की चुनौतियां बढ़ी हैं। कई उभरती अर्थव्यवस्थाएं लगातार मंदी से प्रभावित हैं, हमें दीर्घ अवधि में 7 से 8 फीसदी की विकास दर पर ध्यान केंद्रित करना होगा। गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित रहेगा। चालू वित्त वर्ष में 4.1 फीसदी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य कठिन है, लेकिन मैंने इसे चुनौती के तौर पर स्वीकार किया है। वित्त मंत्री ने काले धन को अर्थव्यवस्था के लिए अभिशाप बताया और कहा कि इसे खत्म करने के लिए कई कड़े कदम उठाने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि लोक व्यय प्रबंध आयोग का गठन किया जाएगा। करों का पिछले प्रभाव से संशोधन नहीं किया जाएगा, कर प्रणाली भरोसेमंद होगी और निवेशकों के अनुकूल कर प्रणाली लाई जाएगी। घरेलू कंपनियों को भी एडवांस टैक्स रूलिंग की सुविधा देने का बजट में प्रस्ताव है।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार दलितों-आदिवासियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करेगी। रक्षा क्षेत्र में मंजूरी की शर्त के साथ 49 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रस्ताव है। किफायती आवास निर्माण को प्रोत्साहन दिया जाएगा। बैंकों में सरकार की मेजोरिटी बनाए रखने के साथ जनता को शेयर बेचे जाएंगे और उनकी स्वायत्तता बढ़ाई जाएगी। देश में पांच नए आईआईटी और पांच नए आईआईएम संस्थान खोलने का प्रस्ताव है। पहले बजट में 7060 करोड़ रुपये नए शहरों के लिए रखे गए हैं और 1,000 करोड़ रुपये से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरूआत की जा रही है, इसके साथ 2019 तक स्वच्छ भारत अभियान के तहत सभी घरों में शौचालय सुविधा होगी। दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के तहत बिजली उपलब्ध कराने के लिए 500 करोड़ रुपये के साथ शुरूआत होगी। आदिवासियों के लिए 100 करोड़ रुपये की वन बंधु कल्याण योजना है। सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की प्रतिमा के लिए 200 करोड़ रुपये रखे गए हैं। बीमा क्षेत्र में एफडीआई 26 से बढ़ाकर 49 फीसदी किए जाने का प्रस्ताव है। ईपीएफ योजना के तहत श्रमिकों के लिए न्यूनतम 1000 रुपये की पेंशन होगी।
वित्‍त मंत्री वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटा कम करके 3 फीसदी पर लाएंगे। करों का पिछले प्रभाव से संशोधन नहीं किया जाएगा, कर प्रणाली भरोसेमंद होगी। संस्थान बदलने पर भी कर्मचारियों का ईपीएफ खाता नंबर समान ही रहेगा। दृष्टिबाधितों के लिए कम से कम 15 ब्रेल लिपि प्रेस स्थापित करने में राज्य सरकारों को सहायता दी जाएगी। बड़े नगरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय 150 करोड़ रुपये देगा। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरूआत की जा रही है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए करीब 14500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमों के लिए 100 करोड़ रुपये रखे गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आवासों के लिहाज से राष्ट्रीय आवास बैंक कार्यक्रम के लिए 8000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। पानी में आर्सेनिक की उपस्थिति वाले प्रभावित क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के लिए 3600 करोड़ रुपये रखे गए हैं। आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के विदर्भ और पूर्वांचल में चार नए एम्स संस्थान खोलने का विचार है। खाद और पेट्रोलियम सब्सिडी की समीक्षा होगी। लखनऊ और अहमदाबाद में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। मलिन बस्तियों में सुधार अब कंपनियों की सामाजिक कल्याण योजना में शामिल होगा। केंद्र सरकार निजी और किसान कृषि मंडियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर प्रोत्साहन देगी। समय पर कृषि ऋण लौटाने वालों को 3 फीसदी की ब्याज छूट इस साल भी जारी रहेगी। महंगाई रोकने के लिए 500 करोड़ रुपये का बाजार स्थिरीकरण कोष होगा।
बजट में बीमा क्षेत्र के लिए एफआईपीबी रूट से 49 प्रतिशत एफडीआई का प्रस्ताव है। वर्ष 2014-15 में 8 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण देने का लक्ष्य और किसान टेलीविजन के लिए 100 करोड़ रुपये होंगे। किसानों को मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए 100 करोड़ रूपए से योजना की शुरूआत की जा रही है। इलाहाबाद से हल्दिया तक गंगा के जलमार्ग में नौवहन के लिए 4200 करोड़ रुपये होंगे। राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों के लिए 37850 करोड़ रूपए का प्रावधान है, जिसमें 3000 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए हैं। अत्याधुनिक सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 400 करोड़ रुपये, अत्याधुनिक ताप विद्युत प्रौद्योगिकी की तैयारी के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। कृषि भंडारण के लिए 5000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। ऋण की वसूली ना होना चिंता का विषय, छह नए रिकवरी अधिकरण बनाए जाएंगे। चिटफंड कंपनियों पर कानूनी शिकंजा कड़ा किया जाएगा। हर परिवार के कम से कम एक सदस्य का बैंक खाता खुलवाने का प्रस्ताव है। पीपीएफ खाते में साल भर में डेढ़ लाख रूपए तक जमा कर सकते हैं। वन रैंक, वन पेंशन के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। रक्षा क्षेत्र के लिए पूंजीगत बजट में 5000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। देश में समुद्री पुलिस स्टेशन खोले जाएंगे। दिल्ली स्थित प्रिंसेस पार्क में युद्ध स्मारक बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं और राष्ट्रीय पुलिस स्मारक भी बनाने की योजना है।
नदियों को जोड़ने की योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान है। हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, कानपुर, दिल्ली और इलाहाबाद में घाटों और नदियों के सौंदर्यकरण के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। देश के अलग-अलग हिस्सों में राष्ट्रीय खेल अकादमियां बनाई जाएंगी। जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पोर्ट्स सुविधाओं के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं। एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के प्रशिक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये रखे गए हैं। मणिपुर में खेल विश्वविद्यालय होगा। विस्थापित कश्मीरियों के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान है। सरहदी इलाकों में रेल लाइनों के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उत्तराखंड में हिमालई अध्ययन केंद्र बनाया जाएगा। पूर्वोत्तर राज्यों में अरूण प्रभा नाम से नया भाषाई चैनल होगा। दिल्ली को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का शहर बनाने के लिए पानी और बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए 700 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है। वित्त वर्ष 2014-15 में 26 प्रतिशत वृद्धि के साथ योजना व्यय 5,75000 करोड़ रुपए होगा। देश में 2.5 लाख तक की सालाना आय कर मुक्त कर दी गई है और वरिष्ठ नागरिकों की 3 लाख रूपए तक की आय कर मुक्त रहेगी। विभिन्न योजनाओं में अब 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर कर में रियायत मिलेगी, अभी यह सीमा एक लाख रूपए है। विनिर्माण कंपनियों को निवेश में कर में छूट होगी। बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन कंपनियों को 10 साल का कर अवकाश मिलेगा।
वित्‍त मंत्री ने बताया कि आवास ऋण के 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर छूट होगी। फिलहाल यह सीमा 1.5 लाख है। रेडीमेट कपड़े और आयातित सौंदर्य प्रसाधन महंगे होंगे। सिगरेट, सिगार और पान मसाला महंगा हो गया है। कोल्ड ड्रिंग और डिब्बा बंद फ्रूट जूस महंगे होंगे, मोबाइल फोन सस्ते होंगे। सेवा कर का दायरा बढ़ाया गया है, रेडियो टैक्सी की सेवाएं, इंटरनेट पर विज्ञापन भी सेवा कर के दायरे में होगा। दवाइयां और स्टील का सामान सस्ता होगा। अप्रत्यक्ष कर प्रस्ताव से 7525 करोड़ रूपए की अतिरिक्त आय होगी। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विलय एवं अधिग्रहण के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गई है। बैंकों को बिना किसी नियामकीय अड़चन के दीर्घकालिक कोष जुटाने की अनुमति होगी। सरकार का गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित रहेगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि बजट के मेरे अनुमान लंबे समय तक 7-8 प्रतिशत वृद्धि की यात्रा की शुरूआत के हैं। कई उभरती अर्थव्यवस्थाएं लगातार मंदी से प्रभावित हैं। उन्‍होंने कहा कि 7 से 8 फीसदी विकास दर हासिल करना है। दुनिया भर कीमंदी का असर भारत पर भी पड़ा है। सरकार के सामने महंगाई बड़ी चुनौती है। तीन से चार साल में विकास जरूर दिखेगा। विकास दर को 2 अंकों में लाने का लक्ष्य रखा गया है। अरुण जेटली ने कहा कि भारत विकास करना चाहता है, भारत की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है, गरीब ऊपर उठना चाहते हैं, वे मिडल क्लास का हिस्सा बनना चाहते हैं, देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाना है। 

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