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Saturday 23 August 2014 05:00:13 AM
नई दिल्ली। बिहार में सिवान जिले के दारौली में घाघरा नदी में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। आज सुबह छह बजे यह 61.42 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो 60.82 मीटर के खतरे के निशान से 0.60 मीटर ऊपर है। इससे पहले 29 अगस्त, 1998 को इस नदी में बाढ़ का पानी 61.74 मीटर के निशान तक पहुंच गया था। इसकी तुलना में अभी बाढ़ के जल का स्तर केवल 0.32 मीटर नीचे है। सिवान जिले के गंगापुर में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है, जहां आज सुबह छह बजे से नदी 57.04 मीटर के खतरे के निशान से 0.81 मीटर ऊपर बह रही है और इससे पहले के उच्चतर स्तर 58.01 मीटर (18.09.1983) की तुलना में अभी बाढ़ के जल का स्तर केवल 0.16 मीटर नीचे है।
उत्तर प्रदेश में बलरामपुर में राप्ती नदी में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है। आज सुबह छह बजे यह 104.62 मीटर के खतरे के निशान से 0.21 मीटर ऊपर 104.83 मीटर पर बह रही थी। यह इससे पहले के 105.25 मीटर (11.09.200) की तुलना में अभी बाढ़ के जल का स्तर केवल 0.42 मीटर नीचे है। देश के महत्वपूर्ण जलाशयों की भंडारण स्थिति इस प्रकार है-21 अगस्त के अनुसार देश में 85 महत्वपूर्ण जलाशयों की भंडारण क्षमता 101.253 बीसीएम थी, जो इन जलाशयों की कुल वर्तमान भंडारण क्षमता का 65 प्रतिशत है। यह भंडारण क्षमता पिछले दस वर्ष के 105 प्रतिशत भंडारण के औसत के सापेक्ष गतवर्ष इसी अवधि के भंडारण की 85 प्रतिशत है। चालू वर्ष के दौरान भंडारण की वर्तमान स्थिति गतवर्ष की भंडारण की स्थिति से कम है, लेकिन पिछले दस वर्ष के औसत भंडारण से बेहतर है।
केंद्रीय जल आयोग देश के 85 महत्वपूर्ण जलाशयों की भंडारण स्थिति पर साप्ताहिक आधार पर निगरानी रखता है। इन जलाशयों में 60 मेगावाट से अधिक स्थापित क्षमता युक्त पनबिजली वाले 37 जलाशय शामिल हैं। इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 155.046 बीसीएम है, जो देश में सृजित 253.388 बीसीएम अनुमानित भंडारण क्षमता का करीब 61 प्रतिशत है। क्षेत्रवार भंडारण की स्थिति इस प्रकार है-उत्तर क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं। इस क्षेत्र में 6 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 18.01 बीसीएम है। इन जलाशयों की उपलब्ध कुल भंडारण क्षमता 13.88 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 77 प्रतिशत है। इन जलाशयों की पिछले दस वर्ष के दौरान संबंधित अवधि के लिए औसत भंडारण क्षमता 89 प्रतिशत की तुलना में गतवर्ष की संबंधित अवधि के दौरान भंडारण क्षमता 69 प्रतिशत थी। इस प्रकार पिछले दस वर्ष के दौरान संबंधित अवधि के लिए औसत भंडारण की तुलना में चालू वर्ष के दौरान स्थिति बेहतर है और गतवर्ष की संबंधित अवधि की तुलना में वर्तमान वर्ष के दौरान जल भंडारण कम है।
पूर्व क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा शामिल हैं। इस क्षेत्र में 15 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 18.83 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्ध कुल भंडारण 11.94 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 63 प्रतिशत है। पिछले दस वर्ष के दौरान संबंधित अवधि में कुल जलाशयों की भंडारण क्षमता 52 प्रतिशत थी, जिसकी तुलना में गतवर्ष के दौरान इनकी भंडारण क्षमता 62 प्रतिशत रही। इस प्रकार पिछले दस वर्ष के दौरान संबंधित अवधि के औसत भंडारण और गतवर्ष संबंधित अवधि की तुलना में वर्तमान वर्ष के दौरान जल भंडारण कहीं बेहतर है। पश्चिम क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 22 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 24.54 बीसीएम है। इन जलाशयों में कुल जल का भंडारण 14.62बीसीएम है, जो इन जलाशयों की भंडारण क्षमता का 60 प्रतिशत है। पिछले दस वर्ष की संबंधित अवधि के दौरान इन जलाशयों की औसत भंडारण क्षमता 65 प्रतिशत थी और गतवर्ष के दौरान यह भंडारण 73 प्रतिशत था। इस प्रकार गतवर्ष की तुलना में वर्तमान वर्ष के दौरान जल भंडारण कम है और पिछले दस वर्ष के दौरान संबंधित अवधि के औसत भंडारण भी कम है।
मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 12 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 42.30 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्ध कुल जल का भंडारण 30.76 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 73 प्रतिशत है। इन जलाशयों की भंडारण क्षमता पिछले दस वर्ष के दौरान संबंधित अवधि में 51 प्रतिशत थी और गतवर्ष संबंधित अवधि में जल का भंडारण 79 प्रतिशत था। इस प्रकार गतवर्ष की तुलना में वर्तमान वर्ष के दौरान जल भंडारण कम है, लेकिन पिछले दस वर्ष के दौरान संबंधित अवधि के औसत भंडारण से बेहतर है।
दक्षिण क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 30 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 51.37 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्धकुल भंडारण क्षमता 30.05 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 59 प्रतिशत है। पिछले दस वर्ष की संबंधित अवधि के दौरान इन जलाशयों की औसत भंडारण क्षमता 70 प्रतिशत थी और गतवर्ष के दौरान यह भंडारण 78 प्रतिशत था। इस प्रकार गतवर्ष की संबंधित अवधि की अपेक्षा वर्तमान वर्ष के दौरान जल का भंडारण कम रहा और पिछले दस वर्ष के दौरान संबंधित अवधि के औसत भंडारण से यह कम है। झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों के जलाशयों में संबंधित अवधि के लिए गतवर्ष की तुलना में बेहतर भंडारण रहा, वहीं दूसरी ओर संबंधित अवधि के लिए हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पिछले वर्ष की तुलना में कम भंडारण रहा।