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Saturday 8 November 2014 01:58:55 PM
नई दिल्ली। श्रम और रोजगार मंत्रालय के रोज़गार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीई एंड टी) ने देश के विभिन्न स्थानों पर 200 करोड़ रुपए से भी अधिक परियोजना लागत से 12 उन्नत प्रशिक्षण संस्थानों (एटीआई) की स्थापना करने का प्रस्ताव किया है। निदेशालय की शिल्प अनुदेशक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) के अधीन निदेशालय की योजना का यह पायलट चरण है, जिसे पीपीपी प्रणाली से लागू किया जाना है। इसका उद्देश्य प्रारंभ में 9200 व्यावसायिक अनुदेशकों को प्रशिक्षण देना है।‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का यह एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को एक सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण हब में परिवर्तित करना है, जिसमें कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाल में दिए भाषण में भी भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने के लिए कौशल, स्तर और गति पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया है। देश में कुशल प्रशिक्षकों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे शिक्षक समाज की सबसे बड़ी जरुरत हैं। व्यावसायिक प्रशिक्षकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डीजीई एंड टी ने प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए 27 उन्नत प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना करने का निर्णय लिया है। दक्षता और नवाचार को प्रेरित करने के लिए निजी भागीदारी पर स्पष्ट रुप से जोर देते हुए निदेशालय ने इन संस्थानों को विकसित करने के लिए एक मॉडल के रुप में सार्वजनिक-निजी भागीदारी का पता लगाने का फैसला किया है। यह निदेशालय देश में व्यावसायिक प्रशिक्षण के विकास और समन्वय के लिए एक शीर्ष संगठन है।