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Tuesday 23 December 2014 05:00:47 AM
नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु तथा रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने नई दिल्ली में रेल भवन की छत पर 30 किलोवाट के सौर संयंत्र का शुभारंभ किया। इस मौके पर रेलवे विद्युत बोर्ड के सदस्य एके मित्तल, अभियांत्रिकी रेलवे बोर्ड के सदस्य वीके गुप्ता, रेलवे बोर्ड की वित्त आयुक्त राजालक्ष्मी रविकुमार तथा रेलवे बोर्ड उत्तर रेलवे और दिल्ली खंड के अधिकारी उपस्थित थे। इस संयंत्र से लगभग 800 लाईट फिटिंग्स के लिए बिजली प्रदान की जा सकती है, इसके अलावा इस संयंत्र से प्रति वर्ष लगभग 45,000 किलोवाट प्रति घंटा बिजली उत्पन्न होगी तथा बिजली बिलों में प्रतिवर्ष बचत होगी।
सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि रेलवे बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का दोहन करने की योजना बना रहा है, जो वर्तमान समय में हमारी पर्यावरण संबंधी चुनौतियों को गंभीरता से कम करने की तरफ एक कदम होगा। उन्होंने अन्य रेल भवनों के साथ-साथ सार्वजनिक-निजी साझेदार मॉडल में भी सौर संयंत्र को स्थापित करने के प्रावधानों में तेजी लाने पर बल दिया। भारतीय रेलवे ने पर्यावरण को बचाने, वैश्विक जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के समाधान, सतत विकास को बढ़ावा देने और जीवाष्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं तथा पवन और सौर ऊर्जा को बड़े पैमाने पर पर्यावरण के अनुकूल प्रदूषण मुक्त यातायात प्रणाली के लिए दोहन करने का प्रयास कर रहा है।
भारतीय रेल में 500 रेलवे स्टेशन, 4,000 एलसी गेट्स तथा कई कार्यालयों, अस्पतालों, कारखानों तथा सौर ऊर्जा आधारित जल तापन अनुप्रयोगों के लिए प्रशिक्षण संस्थानों, आराम करने वाले कमरों की छतों पर 10 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा का संयंत्र कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त भारतीय रेलवे कटरा रेलवे स्टेशन सहित 200 रेलवे स्टेशनों, 26 इमारतों और 2,000 एलसी गेट्स पर 10 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। भारतीय रेलवे अगले पांच वर्ष में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में फैलाव के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण सहयोग और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की केंद्रीय वित्त सहायता योजनाओं के अंतर्गत 100 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए ‘सौर नीति’ तैयार कर रहा है।