स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 9 January 2015 01:05:21 AM
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय समुदाय से मानवता के हित में सकारात्मक वैश्विक ताकत के तौर पर एकजुट होने और भारत को विश्व की महाशक्ति होने में अपना भरपूर योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज आपके लिए यह संकेत है कि भारत में असीम अवसर उपलब्ध हैं, आज विश्व, भारत को उम्मीद भरी नज़रों से देखता है, समय तेजी से बदल रहा है और भारत बड़ी मजबूती से आगे बढ़ रहा है। गांधीनगर के महात्मा मंदिर में प्रवासी भारतीय दिवस के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्मरण करते हुए कहा कि ठीक 100 वर्ष पहले एक प्रवासी-गांधी भारत आए और आज 100 साल के बाद सभी प्रवासी भारतीयों का एक प्रवासी गुजराती स्वागत करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 200 से अधिक देशों में प्रवासी भारतीय बसे हुए हैं और प्रवासी भारतीयों के माध्यम से ही भारत वैश्विक बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले भारतीयों ने अवसरों की खोज या ज्ञान और जानकारी हासिल करने के लिए विदेश यात्राएं की थीं।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से भारत के विकास में ज्ञान, दक्षता या कौशल सहित किसी भी संभावित तरीके से अपना योगदान करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने गंगा नदी को स्वच्छ बनाने और इसे भारत की 40 फीसदी आबादी के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का स्रोत बनाने के लिए विशेष रूप से 'नमामि गंगे' परियोजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मुझे यह विश्वास है कि सभी प्रवासी भारतीय इसमें योगदान के लिए प्रेरित होंगे। प्रधानमंत्री ने गुयाना, दक्षिण अफ्रीका और मॉरीशस से आए गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि गुयाना में किस तरह से होली और दीपावली जैसे भारतीय त्यौहार हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 8 जनवरी के दिन ही दक्षिण अफ्रीका में अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी। उन्होंने यह उल्लेख किया कि मॉरीशस में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती भारत से भी कहीं ज्यादा उत्साह से मनाई जाती है।
प्रधानमंत्री ने विश्व में रह रहे प्रवासी भारतीयों से आगे बढ़ने, अपनी समान पहचान और विरासत पर गर्व करने तथा इस सामर्थ्य का सामूहिक रूप से इस्तेमाल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर विश्व के किसी भी कोने में एक भी प्रवासी भारतीय मौजूद है तो भारत जीवंत है और उसके जरिए विश्व में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पदभार संभालने के बाद वह 50 देशों के प्रतिनिधियों से मिले हैं और वह यह बात पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि विश्व के सभी देश चाहे वे अमीर हों या गरीब, आज यह महसूस करते हैं कि भारत के साथ भागीदारी करके ही वे अपने उद्देश्य और लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक दुर्लभ अवसर है और यह प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर है कि वह इस अवसर का मानवता और भारत के लाभ के लिए इस्तेमाल करे।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरा विश्व भारत के साथ अपना लगाव दिखा रहा है और यह इस बात से साबित होता है कि संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के भारतीय प्रस्ताव पर 193 देशों में से 177 देशों ने अपनी सहमति व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय, भारत के लिए एक बड़ी ताकत हैं और उन लोगों तक पहुंच कर भारत विश्व स्तर पर अपना प्रभाव डाल सकता है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि उन्होंने प्रवासी भारतीयों के साथ किए गए सभी वायदों को पूरा किया है, इनमें भारतीय मूल के कार्डधारकों के लिए आजीवन वीजा, पीआईओ और ओसीआई योजनाओं का विलय, 43 देशों के नागरिकों के लिए आगमन पर तत्काल वीजा और यात्रा संबंधी इलेक्ट्रॉनिक प्राधिकार पत्र शामिल हैं।
गांधीनगर में विदेश और प्रवासी भारतीय मामलों की मंत्री सुषमा स्वराज ने युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया था। उन्होंने वैश्विक भारतीय युवाओं से आने, जुड़ने, सराहने और एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया। सुषमा स्वराज ने प्रवासी भारतीयों से कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनियाभर को रोमांचित कर रही है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार के साथ नई ऊर्जा प्रदर्शित कर रही है। उन्होंने कहा कि हजारों मील दूर होने के बावजूद भारतीय डायसपोरा ने भारत की भावना को जीवंत रखा है। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों विशेषकर युवाओं को कौशल प्रदान करना भी हमारी प्राथमिकता है। सुषमा स्वराज ने कहा कि खासतौर से उन युवाओं को संबोधित करते हुए उन्हें आपार प्रसन्नता हो रही है, जिनका भारत के साथ विशेष संबंध है, दिल का रिश्ता है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि युवा प्रवासी दिवस 3सी से संबंधित है-पहला सी कनेक्ट-यानी जुड़ाव, दूसरा सी सेलिब्रेट-यानी सराहना और तीसरा सी-कंट्रीब्यूट यानी योगदान। उन्होंने कहा कि आज लगभग ढाई करोड़ भारतीय मूल के लोग और प्रवासी भारतीय, देश के बाहर रहते और कार्य करते हैं, प्रवासी भारतीय दिवस इस प्रवासी भारतीय समुदाय को उनकी मातृभूमि से जोड़ने और भारतीय समुदाय को भारत के विकास और प्रगति में शामिल करने का अनिवार्य मंच है। उन्होंने कहा कि इस पीबीडी को हम महान प्रवासी भारतीय मोहनदास करमचंद गांधी की स्वदेश वापसी के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कर रहे हैं, वे 9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, आज भारत को उभरती ताकत के रूप में देखा जा रहा है और तेजी से विकास के साथ मजबूत लोकतांत्रिक संस्थानों में परिवर्तन के लिए विश्वभर में इसकी सराहना की गई है। सुषमा स्वराज ने कहा कि नए भारत की सबसे बड़ी संपदा इसके युवा हैं और हम चाहते हैं कि युवा प्रवासी भारत के इतिहास और सभ्यता की धरोहर पर गर्व करें, जो उनकी भी सांस्कृतिक धरोहर है।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के बारे में और अधिक जानकारी, उसकी परंपरा और कला एवं संस्कृति के बारे में जानने के लिए ‘भारत को जानो’ सत्र से मिलेगी और आपको पता चलेगा कि शून्य और दशमलव प्रणाली दुनिया को भारत का ही तोहफा है। उन्होंने जानकारी दी कि ‘पाई’ के मान की पहली बार गणना छठी शताब्दी में बुद्धयान ने ही की थी, दुनिया का पहला विश्वविद्यालय 700 ईसा पूर्व तक्षशिला में स्थापित किया गया था, मानव को सबसे पहले चिकित्सा के बारे में ज्ञान आयुर्वेद से प्राप्त हुआ, जो करीब 2500 वर्ष पहले चिकित्सा के जनक, चरक ने संकलित किया था। उन्होंने कहा कि अहिंसा, सहनशीलता, विविधता और अनेकता का सम्मान जैसे और बड़े महत्वपूर्ण विचार यह हमारी जीवनशैली का हिस्सा है, जिन्होंने दुनिया को दिखाया है कि कैसे शांति और सद्भाव के साथ रहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 'भारत को मानो' सत्र युवाओं को बताएगा कि आधुनिक भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समेत तमाम क्षेत्रों में किन बुलंदियों को छू चुका है। उन्होंने कहा कि ‘शून्य’ से भारत ने आज न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी में महारत हासिल की है और इसी की बदौलत भारत ने अंटार्कटिका, चांद और मंगल पर मानवरहित अभियान में सफलता पाई है, प्रतिष्ठित 'टाइम पत्रिका' ने भारत के 'मंगलयान' को 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रवासी भारतीय देश के विकास में योगदान दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के मुताबिक भारत के भविष्य के निर्माण का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम हमारी उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें भारत को विश्व में सबसे बड़ा उत्पादन का केंद्र बनाना है, डिजिटल इंडिया की पहल का लक्ष्य वर्ष 2018 तक देश के सभी नागरिकों को सरकारी सेवाएं कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए इलेक्ट्रोनिक रूप से उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार महात्मा गांधी अपने समय में शांति, अहिंसा और सत्य के महानतम दूत थे, उसी प्रकार आप भी नए भारत के दूत बन सकते हैं, प्रवासी आज भारत की सॉफ्ट पॉवर का सबसे बड़ा उदाहरण हैं, उसने पूरे विश्व को भारत की सामर्थ्य, योग्यता एवं क्षमता के बारे में एक स्पष्ट एवं सशक्त संदेश दिया है, आपकी ईमानदारी से काम करने की नैतिक प्रवृत्ति, नियमों का पालन और कठोर मेहनत करने की आदतों ने विश्व में भारत और भारतीयों की अमिट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि विश्व में रहने वाले भारतीयों, आइए, जुड़िए, सराहना करिए और एक भारत श्रेष्ठ भारत को बनाने की इस परिवर्तनकारी महत्वपूर्ण प्रक्रिया का हिस्सा बनिए।
केंद्रीय युवा मामले एवं खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सर्बानंद सोनोवाल ने भी प्रवासियों को संबोधित किया और कहा कि भारतीय डायसपोरा का अपनी मातृभूमि से मजबूत संबंध बना हुआ है और वे इसकी प्रगति में भागीदार रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में प्रवासी भारतीयों ने 70 बिलियन अमरीकी डॉलर स्वदेश भेजे। सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भागीदारी के लिए यह रोमांचकारी समय है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ गंगा,स्मार्ट सिटीज और मेक इन इंडिया जैसी पहल के लिए विचारों और निवेश की आवश्यकता है, जो बदले में अपार अवसरों की पेशकश करती हैं। इस अवसर पर ब्रिटिश सांसद प्रीति पटेल ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन भारत के साथ गहरे संबंधों के इच्छुक हैं। विश्व छात्र एवं युवा संगठन की अध्यक्ष डॉ रश्मि दास ने भारतीयों के गुणों की सराहना करते हुए उन्हें ज्ञान के इच्छुक और शांतिपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब भारतीय कार्य दक्षता का गुण भी प्राप्त कर रहे हैं।
प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर गांधीनगर पधारे गुयाना के राष्ट्रपति डोनाल्ड आर रामोतार से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान वर्ष 2014 में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर लैटिन अमेरिका के नेताओं के साथ अपनी बातचीत को स्मरण किया। उन्होंने बताया कि भारत अपना पहला सूचना प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र लैटिन अमेरिकी महाद्वीप के गुयाना में खोलेगा। भारत ने ईस्ट बैंक डेमेरारा-पूर्वी तट सड़क संपर्क परियोजना के लिए 5 करोड़ डॉलर के नए ऋण को मंजूरी दी है। भारत ने एक यात्री जहाज की सप्लाई के लिए रियायती कर्ज देने पर भी अपनी सहमति जता दी है, ताकि गुयाना उत्तरी क्षेत्र में आवागमन से जुड़ी समस्याओं से निजात पा सके।
मॉरीशस के उपप्रधानमंत्री शोकाटैली सोधुन के साथ अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को उनकी हालिया चुनावी विजय पर बधाई दी और उन्हें फिर से भारत आने का न्यौता दिया। सर अनिरुद्ध जगन्नाथ ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉरीशस आने का निमंत्रण दिया। दोनों ही पक्षों ने बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के साथ-साथ समुद्री अर्थव्यवस्था से जुड़े मसलों पर आपसी सहयोग बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाई। दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री मैते नकोआना-माशाबने के साथ अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मरण करते हुए कहा कि आज अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस का स्थापना दिवस है। उन्होंने इस मौके पर साम्राज्यवादी शासन के खिलाफ संघर्ष समेत दोनों देशों की साझा विरासत को भी स्मरण किया। दोनों ही पक्षों ने अनेक क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचागत एवं रक्षा निर्माण में आपसी सहयोग बढ़ाने और द्विपक्षीय मंचों पर साझेदारी मजबूत करने में रुचि दिखाई।