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Saturday 17 January 2015 02:01:18 AM
नई दिल्ली। जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बैंक (जेबीआईसी) ने जुलाई 2014 में जापान की विनिर्माण क्षेत्र की एक हजार कंपनियों का एक सर्वेक्षण आयोजित किया, जिसमें भविष्य के निवेश के लिए भारत को पहला स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि इंडोनेशिया को दूसरा तथा चीन को तीसरा स्थान मिला है। अक्तूबर 2014 में भारत में जापानी कंपनियों की संख्या 1,209 तक पहुंच गई थी, जो 13.67 प्रतिशत सीएजीआर (2010 से 2014 तक, पिछले पांच वर्ष के लिए) के साथ पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
जापान की कुछ कंपनियां अगले 2-3 वर्ष में ही भारत में लगभग 75,000 करोड़ रूपये यानी लगभग 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही हैं। जून 2014 से सितंबर 2014 की अवधि के दौरान जापान से 618 मिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्रवाह हुआ है, जबकि 2013 की इसी अवधि में यह 273 मिलियन अमरीकी डॉलर रहा था। अक्तूबर 2014 में 103.14 अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्रवाह हुआ।
भारत सरकार ने जापानी निवेशकों की मदद के लिए एक विशेष प्रबंधन दल जापान प्लस की स्थापना की है। यह दल जापानी कंपनियों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है और आवश्यकतानुसार उन्हें विभिन्न मंजूरशुदा प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देता है। सरकारी स्तर पर बताया गया है कि डेडिकेटिड फ्राइट कॉरिडोर (डीएफसी) के लिए कार्यरत सोजित्ज़ के बारे राजस्थान सरकार की चिंता से संबंधित मुद्दों को भी हल कर लिया गया है। जापान प्लस को जापानी एकीकृत औद्योगिक पार्कों के विकास में मदद करनी है। इसके लिए जापानी कंपनियों और संबंधित राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है।