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Thursday 5 February 2015 05:56:57 AM
नई दिल्ली। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने गृह मंत्रालय में गृह सचिव के पद पर ग्रामीण विकास मंत्रालय में सचिव एलसी गोयल की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। यह नियुक्ति गृह सचिव अनिल गोस्वामी की जगह दो वर्ष के लिए की गई है। शारदा घोटाले में आरोपी और केंद्र में मंत्री रह चुके कांग्रेस नेता मतंग सिंह की गिरफ्तारी में अड़ंगा लगाने की कथित कोशिश के मुद्दे पर पैदा हुए विवाद के बाद बुधवार को केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी को हटा दिया गया। इस सरकार में ऐसा दूसरा मामला है, जब किसी शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी के विरुद्ध इतनी सख्त कार्रवाई की गई कि एसीसी ने नोटिस अवधि को दरकिनार करते हुए अनिल गोस्वामी के तत्काल प्रभाव से स्वेच्छा से सेवानिवृति के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया है।
गृह सचिव पद पर अनिल गोस्वामी के कार्यकाल में तत्काल प्रभाव से कटौती की गई है। अनिल गोस्वामी को यूपीए सरकार ने 2013 में गृह सचिव नियुक्त किया था। वे पिछले महीने 60 साल के हुए थे और उनका कार्यकाल 30 जून तक था। विदेश सचिव के पद से सुजाता सिंह को हटाए जाने के बाद पिछले एक हफ्ते में यह दूसरे शीर्ष नौकरशाह को हटाए जाने की घटना है। सुजाता सिंह ने जब पद से इस्तीफा देने से इंकार किया था तो उनकी सेवा में कटौती कर दी गई थी। पूर्व विदेश सचिव के खिलाफ किसी कदाचार का आरोप तो नहीं था, लेकिन समझा जाता है कि मोदी सरकार विदेश मंत्रालय में उनकी कार्यप्रणाली से खुश नहीं थी। अनिल गोस्वामी को पद पर बनाए रखना उस वक्त मुश्किल हो गया, जब उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष माना कि उन्होंने शनिवार को कोलकाता में मतंग सिंह की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई अधिकारियों से बात की थी। सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा सर्वप्रथम यह मामला पीएमओ की जानकारी में लाए, उसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ मंत्रणा हुई और अनिल गोस्वामी को चलता कर देने का फैसला हो गया।
पीएमओ गृह मंत्रालय के कामकाज से खुश नहीं बताया जाता है। गृह सचिव अनिल गोस्वामी की मतंग सिंह की गिरफ्तारी में अनिल गोस्वामी के दखल से सीबीआई भी असहज थी। शीर्ष पद पर बैठे प्रशासनिक अधिकारी क्या कर रहे हैं, यह देखना भी गृह मंत्रालय का काम है। इसके बावजूद कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर कोई आक्षेप नहीं है, किंतु इस मामले में उनपर भी कम से कम विफलता की जिम्मेदारी तो आती ही है। सीबीआई ने इस मुद्दे पर अनिल गोस्वामी और सीबीआई के एक संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी के बारे में पीएमओ को एक रिपोर्ट दी थी। मंगलवार को दिल्ली पहुंचे राजनाथ सिंह ने भी अनिल गोस्वामी से बात की थी। बताया गया है कि अनिल गोस्वामी ने बातचीत में कबूल किया कि उन्होंने शारदा घोटाले की जांच कर रहे अधिकारियों को मतंग सिंह की गिरफ्तारी के मामले में फोन किया था। मतंग सिंह पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में गृह राज्यमंत्री के पद पर रह चुके हैं। इस मामले में अनिल गोस्वामी का पक्ष सामने नहीं आया है, यदि वे कुछ बोलते हैं तो इस विवाद की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। जानकारी के अनुसार इस मामले में सीबीआई के संयुक्त निदेशक स्तर के कुछ अधिकारियों पर भी जांच और तबादले की कार्रवाई की गई है।
एलसी गोयल केरल काडर के 79 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, जिन्होंने आज केंद्रीय गृह सचिव का पदभार संभाल लिया है। कुछ साल पहले भी एलसी गोयल गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव, आंतरिक सुरक्षा के रूप में कार्य कर चुके हैं। कार्यभार संभालने के बाद एलसी गोयल ने कहा कि मैं पूरी निष्ठा, प्रतिबद्धता, तत्परता और जिम्मेदारी से अपना कार्य करूंगा, ऐसा करने में मैं सभी समर्थकों और हितधारकों का सहयोग चाहता हूं। गृह मंत्रालय के आदेश पत्र में कहा गया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है, जिसे हासिल करने के लिए आवश्यक तरीके, नीतियां और उपाय हैं। आवश्यकता पड़ने पर दी गई समय सीमा के भीतर राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों के सहयोग से उचित सुधार किए जाएंगे। इस पूरे प्रकरण में सवाल उठता है कि क्या अधिकारियों पर सत्ता परिवर्तन का कोई असर नहीं है या फिर इस विभाग के मुखिया की उसपर कोई पकड़ नहीं है? गृहमंत्री राजनाथ सिंह की कार्यप्रणाली पर तो एक प्रश्न लग ही गया है, आगे देखिए और क्या होता है।