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Wednesday 18 February 2015 04:25:35 AM
बंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलुरू स्थित नैनो सांइस इंजीनियरिंग केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने बाद में भारतीय विज्ञान संस्थान को देखा, जिसे भारत में माइक्रो और नैनो-टेक प्रयोगशालाओं का सबसे अत्याधुनिक और व्यापक समूह माना जाता है। इस केंद्र को नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स और नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है, जो इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ की प्रमुख पहल है।
प्रधानमंत्री ने संस्थान में ब्रेन रिसर्च केंद्र की आधारशिला रखी, इसे भारतीय विज्ञान संस्थान के एक स्वायत्त केंद्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है। ओएनजीसी और मैसर्स सुपर वेव टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इस सहमति पत्र से तेल और गैस की खुदाई के लिए नई टेक्नोलॉजी विकसित होगी। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा, अनंत कुमार और धर्मेंद्र प्रधान मौजूद थे। प्रधानमंत्री को संस्थान में चल रही अनुसंधान गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने सौर ऊर्जा, जल प्रबंधन, कृषि के क्षेत्र में की गई पहलों में काफी दिलचस्पी दिखाई और भारतीय विज्ञान संस्थान तथा अन्य संस्थानों के बीच सहयोग के बारे में जानकारी हासिल की।
विज्ञानियों से विचार-विमर्श
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगलुरू में राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र स्थित स्टेम सेल अनुसंधान संस्थान का भी दौरा किया। उन्होंने इस संस्थान में स्टेम सेल प्रयोगशाला को देखा, जहां वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी और उन्होंने युवा वैज्ञानिकों के साथ विचार-विमर्श किया। इस दौरान पारंपरिक भारतीय दवाओं, जीन चिकित्सा पद्धति के इस्तेमाल से सिकल सेल अनीमिया के उपचार का पता लगाने में हुई प्रगति, जीन बैंक के जरिए वन्य जीव संरक्षण और मेक इन इंडिया पहल पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों के साथ स्कूली बच्चों के साथ विचार-विमर्श करने और उन्हें इस क्षेत्र में रोज़गार हासिल देने को प्रेरित करने का आग्रह किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और अनंत कुमार उपस्थित थे।