स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 1 July 2015 07:19:07 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने पहली जुलाई से सात जुलाई के बीच मनाए जा रहे डिजिटल इंडिया सप्ताह के अवसर पर डिजिटल गुड्डा-गुड्डी बोर्ड को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत श्रेष्ठ व्यवहार के रूप में अपनाया है। इस डिजिटल बोर्ड को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में लोकप्रिय बनाया गया है और यह बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के बारे में सूचना, शिक्षा, संचार सामग्री के प्रसार तथा मासिक जन्म आंकड़ों को अद्यतन बनाने के लिए किया जाता है।
जलगांव के क्लेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट रूबल अग्रवाल ने जलगांव की सांसद रक्षा खडसे के साथ आज महिला और बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी के साथ मुलाकात की और उनके समक्ष गुड्डा-गुड्डी बोर्ड के कामकाज का प्रदर्शन किया। डिजिटल बोर्ड में सूचना के प्रसार के लिए श्रव्य-दृश्य सामग्री और फोटो का इस्तेमाल किया जाता है। गुड्डा-गुड्डी बोर्ड को मुख्यमंत्री कार्यालय, जिला स्तर कार्यालयों, जिला पंचायत कार्यालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य सार्वजनिक स्थानों समेत राज्य के महत्वपूर्ण कार्यालयों में लगाया गया है, इन स्थानों पर बड़ी मात्रा में लोग बार-बार आते हैं। जिला मजिस्ट्रेट, रावेर और जलगांव के सांसदों के प्रयासों की सराहना करते हुए मेनका संजय गांधी ने कहा कि यह बोर्ड डिजिटल नवोन्मेश और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना से जुड़े श्रेष्ठ व्यवहार का उत्तम उदाहरण है।
मेनका संजय गांधी ने आशा व्यक्त की कि अन्य जिलों के क्लेक्टर और विशेष रूप से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के लिए चयनित जिलों के क्लेक्टर महिला सशक्तिकरण के लिए सरकारी योजनाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित आसान तरीकों का इस्तेमाल करेंगे। ऐसे श्रेष्ठ व्यवहारों को जिला क्लेक्टर के साथ साझा करने से इस दिशा में ऐसे और कदम उठाए जा सकेंगे। गुड्डा-गुड्डी बोर्ड में विभिन्न जन्म आंकड़ों के प्रदर्शन के अलावा इसमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ से संबंधित सूचना, शिक्षा, संचार की दृश्य-श्रव्य सामग्री भी है। डिजिटल गुड्डा-गुड्डी बोर्ड जलगांव जिले का नवोन्मेश है। क्लेक्टर रूबल अग्रवाल ने रावेर की सांसद रक्षा खडसे और जलगांव के सांसद एटी नाना पाटिल के साथ मिलकर इसकी पहल की थी।