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Saturday 25 July 2015 04:48:10 AM
पटना/ मुजफ्फरपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार की जनता के लिए अपना करिश्मा बिखेरते हुए विभिन्न महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाओं की शुरूआत की। बिहार में चुनावी जंग की शुरूआत करते हुए उन्होंने पहले पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में विकास योजनाओं को लांच किया और उसके बाद मुजफ्फरपुर की परिर्वतन रैली में चुनाव के गोले छोड़े। पटना में प्रधानमंत्री ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना प्रारंभ की, दनियावा-बिहार शरीफ रेलवे लाइन का उद्घाटन किया, राजगीर-बिहार शरीफ-दनियावां-फतुहा सवारी गाड़ी और पटना-मुंबई वातानुकूलित सुविधा एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, पटना में आईआईटी का स्थायी परिसर राष्ट्र को समर्पित किया, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, पटना के लिए इनक्यूबेशन सेंटर प्रारंभ किया एवं उसकी आधारशिला रखी और जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन परियोजना के प्रथम चरण के निर्माण का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना में कहा कि विकास, गरीबी और बेरोज़गारी से जुड़ी समस्त समस्याओं की दवाई है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि अब इस बात पर आम सहमति है और विकास को लेकर राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल बन रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ राज्यों के विकास के जरिए ही भारत की प्रगति होगी और इसके लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर कार्य करना होगा। बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज प्रारंभ की गई गैस पाइपलाइन और रेल परियोजनाओं से विकास होगा और राज्य की जनता के जीवन स्तर में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत को तरक्की करनी है तो पूर्वी भारत का विकास अनिवार्य है। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से बिहार के लिए मंजूर की गई अनेक सड़क परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे बिहार हो, चाहे पूर्वी उत्तर प्रदेश हो, चाहे ओडीशा हो, चाहे पश्चिम बंगाल हो, चाहे झारखंड हो, असम हो, नागालैंड हो, मिजोरम हो, यह सारा हिंदुस्तान का पूर्वी भाग, जब विकसित नहीं होता है, हमारी भारत माता समृद्ध नहीं हो सकती है, इसलिए बिहार का विकास, हमारा प्राइम एजेंडा है। पूर्वी भारत का विकास, हमारा मकसद है, उसको आगे बढ़ाने के लिए हम अनेक नई योजनाएं ला रहे हैं, उनको पूरा करेंगे।
पटना को आईआईटी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब इस बात को अब भलीभांति समझने लगे हैं कि विकास का कोई पर्याय नहीं है, अगर हमें गरीबी से लड़ना है तो विकास करना ही होगा, हमें बेरोज़गारी से लड़ना है, तो विकास करना होगा, हमें अशिक्षा से लड़ना है तो विकास करना होगा, यदि हमें आरोग्य की सुविधाएं मुहैया करानी हैं तो विकास करना होगा, सब दुखों की अगर कोई एक दवाई है तो वो दवाई है-विकास। उन्होंने कहा कि विकास के कामों में राजनीति बहुत नुकसान करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की भूमि पर सरस्वती वास करती है, यहां के नौजवान तेजस्वी हैं और मैं मानता हूं कि यहां की तेजस्विता पूरे हिंदुस्तान को तेजस्वी बना सकती है। उन्होंने कहा कि आईआईटी के रूप में पटना की धरती पर बिहार के नौजवानों की प्रतिभा को एक अवसर दिया जा रहा है कि वे नए विषयों में आविष्कार करें, उसका उत्पादन करें, ताकि गरीब से गरीब के लिए हमारे अस्पतालों में भारत में बने हुए उत्तम से उत्तम साधन तैयार हों।
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि आईआईटी पटना, जिसके नए परिसर का आज उद्घाटन किया गया है, उसे राज्य की विकास संबंधी जरूरतों को भी पूरा करना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईआईटी में चिकित्सा उपकरणों के लिए प्रारंभ किए गए के लिए इनक्यूबेशन सेंटर से भारत में चिकित्सा उपकरण बनाने में सहायता मिलेगी, ताकि वे आसानी से सभी को उपलब्ध हो सकें। पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मंच साझा किया। नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का धन्यवाद, आईआईटी पटना से देश को लाभ होगा, आईआईटी पटना पर और ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की जो योजनाएं हैं, उनको लेकर अगर कोई समस्या है तो राज्य के अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग करके समाधान पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि बिहार के विकास के लिए जो जरूरी कदम हैं, वो कदम जरूर उठाएं जाएंगे।
बिहार में इन परियोजनाओं से सभी गांवों और घरों को बिजली मिलेगी। कृषि पैदावार में बढ़ोत्तरी होगी। लघु और घरेलू उद्यमों का कारोबार बढ़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे। स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग (एटीएम) सेवाओं में सुधार होगा। रेडियो, टेलीफोन, टेलीविजन, इंटरनेट और मोबाइल आदि तक पहुंच में सुधार होगा। बिजली की उपलब्धता के कारण सामाजिक सुरक्षा बेहतर होगी। स्कूलों, पंचायतों, अस्पतालों और थानों आदि में बिजली की पहुंच होगी। ग्रामीण इलाकों के समग्र विकास के अधिक अवसर मिलेंगे। बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य को फीडर सेपरेशन के कार्यों से लाभ मिलेगा। हजारों किलोमीटर की नई लाइनें बिछाई जाएंगी और सैंकड़ों नए सब-स्टेशन होंगे। इस योजनाओं के कार्यांवयन से कृषि उत्पादकता में सुधार होगा और सभी घरों को बिजली मिल सकेगी।
वास्तव में बिहार को आज बड़ी उम्मीदें जगा गए प्रधानमंत्री यह प्रश्न भी छोड़ गए कि बिहार की जनता अपने राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गौरव को वापस लाना चाहती है या फिर बिहार की इस विघटन और घुटनभरी राजनीति में रहना चाहती है? पटना में राजनीतिक शांति के बाद आज का दिन मुजफ्फरपुर में राजनीतिक घमासान के नाम रहा। छाती पर कमल का बिल्ला लगाए नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार और लालू यादव की कंपनी को जमकर ललकारा। इन दोनों ने भी नरेंद्र मोदी को जवाब दिए, लेकिन मुजफ्फरपुर में नरेंद्र मोदी की सभा में मौजूद जनसमूह के संदेश ने नीतीश और लालू यादव को गहरी चिंता में जरूर डाल दिया है। बड़ा साफ संकेत है कि बिहार में नरेंद्र मोदी की लहर बनी हुई है। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु, खाद्यमंत्री राम विलास पासवान, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, उपेंद्र कुशवाहा और राम कृपाल यादव उपस्थित थे।