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Tuesday 28 July 2015 06:46:49 AM
नई दिल्ली। भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शोक जताया है। आज सुबह मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निधन से देश ने एक दूरदृष्टा वैज्ञानिक, एक सच्चा राष्ट्रवादी और महान सपूत खो दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार और पूरे देश की ओर से शोक संतप्त परिवार को हार्दिक संवेदनाएं भेजी गईं। राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को कल आइआइएम शिलांग में छात्रों के बीच ‘जीवन योग्य ग्रह’ विषय पर व्याख्यान देते हुए ह्रदयाघात हुआ था और थोड़ी देर बाद शिलॉग के बैथानी अस्पताल में उनका देहांत हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम का उस वक्त इलाज करने वाले डॉक्टर ने बताया कि उनका अस्पताल पहुंचने से पहले ही निधन हो चुका था। रामेश्वरम में उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
प्रस्ताव के मूल पाठ के अनुसार 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्में डॉ अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम ने मद्रास प्रौद्योगिकी संस्थान से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की। उन्होंने देश में पहले सेटेलाइट प्रक्षेपणयान को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत को अंतरिक्ष क्लब का विशिष्ट सदस्य बना दिया। 'भारत के मिसाइल मैन' के रूप में प्रसिद्ध डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अग्नि और पृथ्वी मिसाइल के निर्माण और परिचालन के लिए विख्यात हुए। उन्होंने हल्के लड़ाकू विमान प्रयुक्त कर सुरक्षा पद्धति में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार हुए और 1992-99 के दौरान रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग में सचिव। इस अवधि में रणनीतिक मिसाइल पद्धति विकसित की गई और पोखरण-II परमाणु परीक्षण किए गए। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 1999 से 2001 तक भारत सरकार में प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार रहे और उन्होंने विकास विनियोग के लिए कई नीतियां-रणनीतियां और अभियान तैयार किए। उन्होंने इंडिया मिलेनियम मिशन 2020 की शुरूआत की। उनके साहित्यिक कार्यों में उनकी पुस्तकें-'विंग्स ऑफ फायर,' 'इंडिया 2020-ए विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम', 'माइ जर्नी' और 'इग्नाइटेड माइंड्स-अनलिशिंग द पावर विद इन इंडिया' देश और विश्व में प्रसिद्ध हुईं।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी में विशेष रूप से देश के युवाओं को मानव कल्याण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रेरित करके समाज में तब्दीली लाना चाहते थे। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को 48 विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि सहित देश और दुनियाभर में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए। उन्हें वर्ष 1997 में देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' प्रदान किया गया था। अपने जीवन की अत्यंत साधारण शुरूआत से वे देश के सर्वोच्च स्थान तक पहुंचे एवं 2002 से 2007 तक देश के 11वें राष्ट्रपति रहे। अपने कार्यकाल के दौरान वे लोगों के राष्ट्रपति के रूप में प्रसिद्ध हुए। अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर को आईएएफ के विमान से आज दोपहर करीब साढ़े 12 बजे दिल्ली के पालम हवाई अड्डे लाया गया। उनके परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर उनका अंतिम संस्कार कल उनके गृह नगर तमिलनाडु के रामेश्वरम में किया जाएगा। उनके निधन से देशभर में शोक है। आज सुबह शिलांग में अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी गई। अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर को रात में सैन्य अस्पताल में रखा गया था। वायुसेना के हेलिकॉप्टर से पार्थिव शरीर को आज गुवाहाटी से दिल्ली लाया गया।
एपीजे अब्दुल कलाम ने अटल बिहारी वाजपेयी की राजग सरकार के समय में 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था। राष्ट्रपति पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए भी उनका नाम चला था पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। वह राजनीतिक गलियारों से बाहर के राष्ट्रपति थे। अटल बिहारी वाजपेयी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार रहे अब्दुल कलाम ने 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण में निर्णायक भूमिका निभाई थी। उन्होंने छात्रों से संवाद के हर मौके का इस्तेमाल किया और खासतौर से स्कूली बच्चों को बड़े सपने देखने को कहा, ताकि वे ज़िंदगी में कुछ बड़ा हासिल कर सकें। अब्दुल कलाम ने विवाह नहीं किया था। वह वीणा बजाते थे और कर्नाटक संगीत में उनकी खास रुचि थी। वह जीवन पर्यंत शाकाहारी रहे। अब्दुल कलाम के बड़े भाई 99 साल के मोहम्मद मुथू मीरा लेबाई मारैकर बहुत गमगीन हैं और अपने भाई का चेहरा देखना चाहते हैं। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
संसद ने एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर शोक प्रकट किया है। संसद के दोनों सदनों में मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद दो दिन के लिए संसद स्थगित कर दी गई। इस्पात एवं खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर शोक प्रकट किया है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर, क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल, रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार, केंद्रीय कृषिमंत्री राधामोहन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, भारत निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर शोक प्रकट किया है। आयोग ने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व, महान वैज्ञानिक, लोकप्रिय राष्ट्रपति और इन सबसे ऊपर नए विचारों और ऊर्जा से भरे अदम्य व्यक्ति थे। देश और विदेश के करोड़ों लोगों के लिए विशेष रूप से युवाओं को मार्गदर्शन देने की उनकी क्षमता और प्रेरणा अनुकरणीय है। चुनाव आयोग ने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 2010 में चुनाव में हिस्सा लेने और मतदाता जागरुकता फैलाने के लिए ईसीआई के पहले राष्ट्रीय नायक थे, तब से देश में मजबूत जनतंत्र के लिए मतदाताओं की भागीदारी बढ़ी है।