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Wednesday 5 August 2015 08:19:01 AM
ऊधमपुर/ नई दिल्ली। पाकिस्तान में मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य जांचकर्ता तारिक खोसा ने कल पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ में मुंबई हमले के संबंध में अपने लेख में बड़ा रहस्योद्घाटन किया ही था कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान में ही रची गई थी और हमले का अभियान भी इसी देश से छेड़ा गया था, जिसका ऑपरेशन रूम भी कराची में था, कि उसके ज़िंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब के बाद उसी के यहां का रहने वाला एक और ज़िंदा हत्यारा पाकिस्तानी आतंकवादी आज भारत के हाथ आया, जिसने अपने हथियारबंद साथी के साथ आज सवेरे जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर क्षेत्र में बीएसएफ पर हमला किया और बीएसएफ के दो जवान शहीद कर कम से कम बारह जवानों को घायल कर दिया। इस हमले में बीएसएफ ने भी एक आतंकवादी को मौके पर ही मार गिराया, जबकि यह दूसरा आतंकवादी वहां से भागकर पाकिस्तान निकलने के चक्कर में ग्राम सुरक्षा समिति के हत्थे चढ़ गया और उसको भारतीय सुरक्षाबलों ने उसकी एके-47 के साथ गिरफ्तार कर लिया।
घटनाक्रम अत्यंत लोमहर्षक है, जिसके अनुसार आज सवेरे करीब साढ़े छह बजे लश्कर-ए-तैयबा के दो पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर बीएसएफ की बस पर हमला करना चाहा और दोनों ओर से हुई फायरिंग में दो जवान शहीद हो गए और इसका साथी एक आतंकवादी मारा गया, जबकि यह पकड़ा गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार पकड़े गए आतंकवादी ने मारे गए आतंकवादी का नाम नोमान उर्फ मौमीन निवासी बहावलपुर पाकिस्तान बताया है, जबकि वह अपने कई नाम बता रहा है, उसने अपना नाम कभी उस्मान खान और कभी कासिम खान बताया है, जो पाकिस्तान में गुलाम मुस्तफाबाद (फैसलाबाद) का रहने वाला बता रहा है। वह कह रहा है कि उसने पाकिस्तान के अपने आकाओं के कहने पर यह काम किया है, उसे ऐसा करने में मज़ा आता है और उसका काम सिर्फ़ हिंदुओं को मारना और मारना है। उसने पकड़े जाने पर चिरडी गांव की ग्राम रक्षा समिति के कार्यकर्ताओं को भी बंधक बनाकर मार कर भागना चाहा था, लेकिन उनकी हिम्मत और उनकी रणनीति के कारण वह भाग नहीं सका, जिसे आकर सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया।
आतंकवादी कासिम से पूछताछ हो रही है। उसे जम्मू ले जाया गया है, जहां उसने पूछताछ एजेंसियों को बड़ी जानकारियां दे रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। कश्मीर में सुरक्षाबलों के हाथ यह बड़ी सफलता है, जिसमें कसाब के बाद भारत के पास भारत में पाकिस्तानी आतंकवाद का यह दूसरा ज़िदा सबूत है। पूछताछ में इसने अपना नाम पहले कासिम बताया और फिर उस्मान खान और फिर नावेद खान बताया और कहा कि वे दोनों जंगल के रास्ते पाकिस्तान से निहत्थे आए थे, उन्हें हथियार कश्मीर में स्थानीय संरक्षणदाताओं से मिले हैं। वह कह रहा है कि वे दो लोग थे और दस-बारह दिन से इस इलाके में थे और स्थानीय संरक्षणदाताओं के संपर्क में थे। ये दोनों लश्कर के प्रशिक्षण प्राप्त आतंकवादी हैं, कासिम से यह पता चलेगा कि ये लोग किनके संरक्षण में थे और इन्हें किनसे हथियार मिले या कितने लोगों ने और कब से यह घुसपैठ की थी। कासिम भी अपने को वहीं का रहने वाला बता रहा है, जहां का अजमल कसाब था। उससे पूछताछ जारी है।