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Thursday 10 September 2015 02:35:55 AM
बंगलुरू। रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने कर्नाटक के कारवाड़ में आईएनएस वज्रकोष राष्ट्र को समर्पित किया। रक्षामंत्री ने इस मौके पर कहा कि भारत जैसे राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि उसकी नौसेना मजबूत और आधुनिक हो। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना राष्ट्रीय विकास और सामाजिक-आर्थिक वृद्धि के लिए शांतिपूर्ण, स्थिर तथा व्यवस्थित वातावरण कायम करने में सहायक है, इसके साथ ही एक जटिल और आधुनिक परियोजना कामयाबी के साथ पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय जल सेना का नवीनतम अधिष्ठान है, निकट भविष्य में कारवाड़ पश्चिमी कमान के अंतर्गत भारतीय नौसेना का एक प्रमुख आधार बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना है कि इस स्थान पर महत्वपूर्ण नौसेना परिसंपत्तियों को तैनात किया जाए।
रक्षामंत्री ने कहा कि कारवाड़ से गतिविधियां चलाने वाली नौसेना इकाइयों के लिए जरूरी है कि उन्हें विशिष्ट हथियारों और मिसाइलों से लैस किया जाए, इन संवेदनशील मिसाइलों और साजो-सामान के लिए आवश्यक है कि उनके भंडारण की विशेष सुविधा हो, जिनके लिए विशिष्ट सेवाएं देने का स्थान बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आईएनएस वज्रकोष में ये सभी आवश्यक संरचनाएं मौजूद हैं, जिन्हें विशेषज्ञ अपनी निगरानी में रखेंगे, ताकि यहां से सामरिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। समारोह में पारंपरिक नौसेना परेड आन-बान-शान के साथ पूर्ण की गई। कमांडिंग अफसर कैप्टन अरविंद चारी ने कमीशनिंग वारंट पढ़ा, नौसेना ध्वजारोहण हुआ और नौसेना बैंड ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। रक्षामंत्री ने नौसैनिकों का आह्वान किया कि वे वज्रकोष की मिसाइलों को हमेशा तैयार रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर उनका संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
रक्षामंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे भारतवर्ष की समुद्री सुरक्षा समर्थ हाथों में है और हमारे प्रत्येक पोत, जहाज और नौसेना कर्मी राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि देश की दुश्मनों से सुरक्षा करने का दायित्व नौसेना कर्मियों पर है और हमारा यह दायित्व है कि हम सशस्त्र बलों के हितों की सुरक्षा करें। नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आरके धवन ने बताया कि निकट भविष्य में कारवाड़ पश्चिमी कमान के अंतर्गत ही भारतीय नौसेना का एक प्रमुख आधार बनने जा रहा है। भारतीय नौसेना के मौजूदा विस्तार के अंतर्गत पोतों, पनडुब्बियों और जहाजों की संख्या में वृद्धि हो रही है और उन्हें विशिष्ट हथियारों और मिसाइलों से लैस किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। नौसेना अध्यक्ष ने कहा कि इसे कायम रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आईएनएस वज्रकोष के नौसेना कर्मियों को बधाई दी और उनका आह्वान किया कि वे अपने तकनीकी चुनौतियों से भरे दायित्वों को शानदार तरीके से पूरा करें।
आईएनएस वज्रकोष कारवाड़ में नौसेना का तीसरा अधिष्ठान है, जिसे राष्ट्र को समर्पित किए जाने के बाद भारतीय नौसेना की आक्रामक और सुरक्षात्मक क्षमताओं में बहुत इजाफा होगा। रक्षामंत्री ने सैंकड़ों एकड़ भूमि में फैले विस्तृत परिसर का दौरा भी किया। उन्हें प्रस्तावित नौसेना वायु स्टेशन और आवासीय परिसर सहित भावी विस्तार योजनाओं की जानकारी दी गई। उनके समक्ष युद्ध पोतों की मरम्मत इत्यादि का एक प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया गया। रक्षामंत्री ने उन मछुआरों का भी स्वागत किया, जिन्होंने डॉरनियर (डीओ-240) के हवाई जहाज के बेहोश पायलट को बचाया था। यह विमान 24 मार्च 2015 को गोवा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्भाग्यशाली दुर्घटना में कोमोडोर निखिल जोशी बच गए थे, वे आज केवल इसलिए जीवित हैं, क्योंकि मछुआरे समुदाय ने उसी रात उन्हें समय पर मदद पहुंचाई थी।