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Thursday 15 October 2015 04:58:39 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर शत-शत नमन किया। प्रधानमंत्री ने कहा है कि आज हम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को नमन करने के साथ एक वैज्ञानिक, विद्वान और भारत के राष्ट्रपति के तौर पर उनकी उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सानुराग शिक्षण एवं शिक्षा के लिए उनके जुनून को याद करते हैं, डॉ कलाम ने युवा मन को सोचने की क्षमता और नवाचार के लिए प्रज्वलित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ कलाम आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार, आदर्श और भारत की परिकल्पना हमेशा जीवंत रहेगी।
प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली के डीआरडीओ भवन में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती समारोह में उनको राष्ट्रपति से पहले 'राष्ट्र-रत्न' बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए रामेश्वरम में डॉ कलाम का एक स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां ज्यादातर लोग जिंदगी में अवसरों को खोजते हैं, वहीं डॉ कलाम हमेशा नई चुनौतियों की तलाश में रहते थे। उन्होंने कच्छ में भूकंप के बाद किए गए पुनर्निर्माण के दौरान डॉ कलाम के साथ नजदीकी से किए काम को याद किया। एक शिक्षक के रूप में याद किए जाने की डॉ कलाम की इच्छा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे भविष्य की पीढ़ियों के पोषण के महत्व से अच्छी तरह से वाकिफ थे। उन्होंने कहा कि उनकी जयंती पर हमें यह पता लगाना चाहिए कि हम भारत में नवाचार को कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं।
नरेंद्र मोदी ने कई ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों का उल्लेख किया जहां नवाचार जरूरी है, इनमें साइबर सुरक्षा, सभी के लिए आवास, नदियों को जोड़ना, कृषि उत्पादकता बढ़ाना, समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी) और शून्य दोष, शून्य प्रभाव (जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट) वाला निर्माण शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ कलाम न केवल एक बेहद सामान्य पृष्ठभूमि से भारत के सर्वोच्च पद तक पहुंचे, बल्कि वस्तुतः साधारण से असाधारण संस्थाओं का निर्माण किया, हम सभी को उनके उदाहरण से प्रेरणा लेते रहनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने डीआरडीओ भवन में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की एक प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने 'डॉ कलाम का जीवन उत्सव' शीर्षक वाली एक फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और उसे देखा। उन्होंने डॉ कलाम पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, मनोहर पार्रिकर, रविशंकर प्रसाद और डॉ हर्षवर्धन भी उपस्थित थे।