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Wednesday 4 November 2015 03:04:20 AM
नई दिल्ली। वित्त, कॉरपोरेट मामले और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव-2015 से पहले कर्टन रेज़र संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव विशेष महत्व रखता है और वह सिनेमा की दुनिया में वैश्विक ब्रांड बन चुका है। उन्होंने कहा कि महोत्सव ने उत्कृष्टता को प्रोत्साहन दिया है और बेहतरीन घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया है। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर और सूचना एवं प्रसारण सचिव सुनील अरोड़ा भी उपस्थित थे।
अरुण जेटली ने महोत्सव की रूपरेखा के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आईएफएफआई 2015 के विश्व सिनेमा खंड में 89 देशों की 187 फिल्में दिखायी जाएंगी, जबकि भारतीय पैनोरमा खंड में 26 फीचर और 21 गैर-फीचर फिल्में होंगी। उन्होंने बताया कि अनिल कपूर उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड की ज्यूरी के अध्यक्ष शेखर कपूर और अन्य सदस्यों में माइकल रेडफोर्ड, जूलिया जेंश, सुहा अर्राफ और ज्यां क्यू-हवान शामिल हैं। तेरह सदस्यों वाली फीचर ज्यूरी की अध्यक्षता अरिबम श्याम शर्मा और 7 सदस्यों वाली गैर-फीचर ज्यूरी की अध्यक्षता राजेंद्र जांगले करेंगे। आईएफएफआई 2015 की उद्घाटन फिल्म मैथ्यू ब्राउन की ‘द मैन हू न्यू इंफिनिटी’ होगी, यह फिल्म भारतीय गणितज्ञ रामानुजन और प्रोफेसर जीएच हार्डी की दोस्ती की सच्ची कहानी पर आधारित है, जिसने गणित की दुनिया को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आईएफएफआई 2015 में फोकस देश ‘किंगडम ऑफ स्पेन’ होगा। फिल्म महोत्सव के दौरान स्पेन के दिग्गज फिल्मकार कार्लोस सारा और पेड्रो आल्माडोवार के साथ एलेजांद्रो एमेनाबार जैसे समकालीन फिल्मकारों की फिल्म में प्रदर्शित की जाएंगी। इस खंड में स्पेनिश अभिनेत्री लेटिशिया डोलेरा की बतौर निर्देशक पहली फिल्म ‘रिक्वॉयरमैंट्स टू बी ए नॉर्मल पर्सन’ भी दिखाई जाएगी। आईएफएफआई 2015 के अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में दुनियाभर की 15 फिल्में शामिल होंगी। उन्होंने आईएफएफआई 2015 की नई पहलों पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि इस साल आईएफएफआई के दौरान विशेष खंड ‘विश्व सिनेमा रिस्टोर्ड क्लासिक’ में फिल्मों के जीर्णोद्धार के विचार को उजागर किया जाएगा, इसमें राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन (एनएफएचएम) को आलोकित करने के लिए कुछ क्लासिक फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
अरुण जेटली ने कहा कि सिनेमा के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए फिल्म महोत्सव में एक नया खण्ड ‘फर्स्ट कट’ भी शुरू किया जाएगा और इसमें 2015 में पहली बार फिल्म बनाने वाले फिल्मकारों की कुछ बेहतरीन फिल्में दिखाई जाएंगी। आईएफएफआई में ब्रायन पर्किंस (फिल्म-गोल्डन किंगडम, अमेरिका) माइकल क्लैट (फिल्म-सॉलनेस, जर्मनी) दिखाई जाएंगी। महोत्सव में ऑस्कर अकादमी के साथ मिलकर फिल्म निर्माण में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए साउण्ड डिजाइनिंग, फिल्म आर्काइव और फिल्म संपादन जैसे विषयों पर मॉस्टर क्लासेज भी आयोजित की जाएंगी। अरुण जेटली ने कहा कि यूनेस्को के आदर्शों के प्रचार के लिए अंतर्राष्ट्रीय फिल्म, टेलीविजन व दृश्य-श्रव्य संचार परिषद (आईसीएफटी), पेरिस और यूनेस्को के साथ मिलकर आईएफएफआई 2015 में विशेष पुरस्कार-आईसीएफटी-यूनेस्को फेलिनी पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार यूनेस्को के शांति, सहिष्णुता, अहिंसा और मैत्री को व्यक्त करने वाले आर्दशों को प्रदर्शित करनी वाली फिल्म को दिया जायेगा।
अरुण जेटली ने संवाददाता सम्मेलन में 46वे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का पोस्टर भी जारी किया। सूचना एवं प्रसारण सचिव सुनील अरोड़ा ने कहा कि आईएफएफआई एशिया का सबसे बड़ा फिल्म समारोह और कला एवं रचनात्मकता का प्रमुख मंच है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्ष से गोवा इस फिल्म महोत्सव के आयोजन का सबसे उपयुक्त स्थल रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल महोत्सव में पूर्वोत्तर सिनेमा पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा और दुनिया को इस क्षेत्र के फिल्मकारों की बेहतरीन फिल्में दिखाई जाएंगी। इस खंड में पूर्वोत्तर की अगली पीढ़ी फिल्मकारों की फिल्मों के साथ-साथ अरिबम श्याम शर्मा पर एक विशेष पुनरावलोकन रहेगा। आईएफएफआई 2015 फिल्म और सांस्कृतिक विविधता पर विशेष संगोष्ठी भी आयोजित की जाएगी। दर्शकों के साथ फिल्मों और फिल्म निर्माण की कला के बारे में चर्चा करने के लिए श्याम बेनेगल, वेट्टरीमारन जैसे प्रमुख भारतीय फिल्मकारों के साथ विशेष श्रृंखला ‘इन कान्वर्सेशन’ का भी आयोजन किया जाएगा।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्म समारोह निदेशालय ने गोवा सरकार के सहयोग से आयोजित आईएफएफआई सिनेमा के जरिए विविध सामाजिक और सांस्कृतिक लोकाचारों को समझने का एक प्रयास है। एशिया के कलात्मक केंद्रों से विश्व के सिनेमाई रंगभूमि तक, महोत्सव के स्थापित सिद्धांत समस्त प्रकार की फिल्मों का अन्वेषण, प्रचार और सहयोग है और इस प्रकार वह शैलियों, सौंदर्य बोध और विषय वस्तु को एक साथ लाता है। यह महोत्सव वैश्विक सिनेमा प्रेमियों के बीच बहुत लोकप्रिय हो चुका है।