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Saturday 7 November 2015 05:01:16 AM
नई दिल्ली/ मुंबई। सत्ताईस साल बाद भारत के हाथ लगा है, मुंबई का अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और वह भी इंडोनेशिया की पुलिस ने पकड़कर भारत को सौंपा है। भारतीय पुलिस उसको बाली से विशेष विमान से भारत ले आई है। जानकारी मिली है कि उसे सीधे दिल्ली लाया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच कड़ी निगरानी में सीबीआई मुख्यालय की उच्च सुरक्षायुक्त हवालात में भेज दिया गया। बाली में हिरासत के दौरान यूं तो वह तात्कालिक पूछताछ में अपने को निर्दोष बताते हुए कह रहा है कि उसके जीवन का मकसद पाकिस्तान में बैठे दाऊद इब्राहिम को नेस्तनाबूत करना है, वह आतंकवाद के खिलाफ है, मगर सत्ताईस साल तक देश के बाहर क्या करता रहा, इस सवाल का उसके पास जवाब नहीं है। हां! मुंबई और देश के अन्य शहरों में धन्नासेठों से करोड़ों रुपयों का वसूली कारोबार करने वाले छोटा राजन से इस समय कईयों की नींद हराम है, चाहे वे पुलिस वाले हों या फिल्म वाले, राजनीतिज्ञ हों या फिर फिल्मी दुनिया के एक्टर और फिल्म फाईनेंसर। इनके सारे राज उससे उगलवाना बाकी है।
मुंबई में बम धमाके कराकर अपने गैंग के खास गुर्गों के साथ पाकिस्तान में पनाह लिए बैठा डॉन दाऊद इब्राहिम का छोटा राजन कभी दाहिना हाथ हुआ करता था, किंतु धन और दहशत की ज्यादा शोहरत कमाने के चक्कर में दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन हो गए। अपने मनसूबों एवं सुरक्षा के लिए दोनों ही अपनी सहूलियत से देश से भाग गए। छोटा राजन अपना अलग वसूली धंधा करते हुए दुनिया में इधर-उधर घूमता-फिरता रहा, जबकि मुंबई में बम धमाके करवाने के बाद दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान ने गोद ले लिया। किसी तरह सत्ताईस साल बाद डॉन छोटा राजन तो हत्थे चढ़ गया है, अब दाऊद इब्राहिम को जिंदा या मुर्दा हासिल करना बाकी है। भारत सरकार ने जिस मुस्तैदी से दाऊद इब्राहिम की घेराबंदी की हुई है, उससे अब उसके किसी तीसरे देश जाने की उम्मीद कम ही लगती है, क्योंकि पाकिस्तान को अच्छी तरह मालूम है कि जो हालात हैं, उनमें दाऊद इब्राहिम छोटा राजन की ही तरह किसी देश में पकड़ लिया जाएगा या फिर पाकिस्तान में ही वहां की सेना उसका काम तमाम कर देगी। जहां तक छोटा राजन का सवाल है तो वह भी अपना ग्लैमरस जीवन जी चुका है। वह जानबूझकर गिरफ्तार हुआ है या हत्थे चढ़ा है, इसका विश्लेषण करने पर यही तथ्य उभरता है कि उसके पास बाकी जीवन जीने और न जीने की कोई खास तमन्ना नहीं होगी और अंततः वह मुंबई की जेल से अपना बचाखुचा धंधा चलाता रहेगा।
दाऊद इब्राहिम इस समय पाकिस्तान में है और पाकिस्तानी सेना के कब्जे में है। वह पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान का न केवल बड़ा राजदार है, अपितु भारत के लिए एक ऐसा सबूत है, जिसके भारत के हाथ लगने से पाकिस्तान कहीं का नहीं रहेगा और वह एक अनावश्यक युद्ध का कारण भी बन सकता है, जो पाकिस्तान नहीं चाहता। दुनिया जानती है कि भारत को दाऊद इब्राहिम की कितनी बेसब्री से जरूरत है, इसलिए यह संभावना कम ही लगती है कि दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तानी सेना उसकी मर्जी से जीने देगी। पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर भारी अंतर्राष्ट्रीय दबाव में है और दाऊद इब्राहिम जैसों के लिए वह ज्यादा झूंठ नहीं बोल सकेगा, वैसे भी उसके कभी दाहिने हाथ रहे छोटा राजन के राजफाश की कड़ियां शुरू होने वाली हैं, इसलिए यह, खबर भी मिल सकती है कि दाऊद इब्राहिम की मौत हो गई है।
छोटा राजन ऐसे समय पर भारत की गिरफ्त में आया है, जब उसके पास यह सिद्ध करने के लिए कुछ नहीं है कि वह दाऊद इब्राहिम को कैसे खत्म कर सकता है, सिवाए इसके कि वह यह उगले कि सत्ताईस साल में उसके मुंबई में संपर्क सहयोगी कौन-कौन थे, उसने किन-किन को मरवाया। कड़ी पूछताछ में ज्यादा से ज्यादा वह कुछ शरणदाताओं के नाम ले सकता है या नाम लिवाए जा सकते हैं, जिससे एक समय तक भारत में सनसनी व्याप्त रहेगी। भारत के लिए छोटा राजन एक ऐसा वांटेड रहा है, जो पाकिस्तान के लिए भी भारी मुसीबतें खड़ी करेगा और मुसीबतें इसलिए कि वह जो उगलेगा, भारत सरकार के पास पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को शह देने के और सबूत और ज्यादा पुख्ता होंगे। यही कारण है कि अब इन आशंकाओं को बल मिलता है कि पाकिस्तानी सेना दाऊद इब्राहिम का कभी भी काम तमाम कर सकती है और भारत सरकार को कह सकती है कि आईए देखिए बताईए हमारे यहां कहां है दाऊद इब्राहिम? जहां तक उसके परिवार का ताल्लुक है तो उसके लिए अनेक कानूनी बहाने बनाए जा सकते हैं। भारत के कई शहरों की पुलिस को छोटा राजन की आवश्यकता है, मगर फिलहाल सीबीआई मुंबई धमाकों से जुड़े और तारों एवं उसके स्थानीय गुर्गों पर केंद्रित रहेगी। रहा दाऊद इब्राहिम से उसके पूर्व संबंधों का महत्व तो वह अब उतना प्रासंगिक नहीं रहा है, हां कुछ सनसनीखेज़ और मसालेदार खबरों की आशा की जा सकती है।
मुंबई में महाराष्ट्र के अतिरिक्त गृह सचिव केपी बख्शी ने कहा है कि 55 साल के छोटा राजन के खिलाफ सभी मामलों को अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने में सीबीआई की विशेषज्ञता के कारण उसे सौंपा जा रहा है। केपी बख्शी के अनुसार छोटा राजन अंतरराष्ट्रीय स्तर का अपराधी रहा है और भारत संगठित अंतरराष्ट्रीय अपराध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन पर हस्ताक्षर कर चुका है। मुंबई पुलिस कमिश्नर अहमद जावेद का कहना है कि मुंबई पुलिस छोटा राजन को सज़ा दिलाने के लिए सीबीआई की हर संभव मदद करेगी, ताकि ये मामला मज़बूत तरीक़े से अपने निष्कर्ष तक पहुंच सके। दी गई जानकारी के अनुसार छोटा राजन को बीते माह सिडनी से बाली पहुंचने पर इंटरपोल ने हिरासत में लिया था। इसका पूरा नाम राजेंद्र सदाशिव निकलजे उर्फ़ छोटा राजन है और यह मुंबई में हत्या के कई मामलों में नामजद है। छोटा राजन पर अकेले मुंबई में 70 मामले दर्ज बताए जाते हैं, जबकि दिल्ली में भी उसके ख़िलाफ़ कई केस दर्ज है। उसपर वसूली और ड्रग तस्करी के भी आरोप हैं। वह काफी समय से फ़र्ज़ी पहचान के साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था।
माफिया सरगना छोटा राजन की इंडोनेशिया में गिरफ्तारी के फौरन बाद भारत ने इंडोनेशियाई अधिकारियों से भारत को सौंपने का अनुरोध किया था। छोटा राजन के लिए दिल्ली और मुंबई में कड़ी सुरक्षा की गई है। महाराष्ट्र सरकार ने छोटा राजन से संबंधित मामले सीबीआई को सौंप दिए हैं। मुंबई के पुलिस आयुक्त जावेद अहमद ने बताया कि उसे जल्द मुंबई लाया जा सकता है, हालांकि पता चला है कि छोटा राजन को फिलहाल दिल्ली में रखकर पूछताछ की जाएगी। इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि छोटा राजन ने कहा है कि मुंबई पुलिस के कई अधिकारी अभी भी दाऊद इब्राहिम के संपर्क में हैं, इसलिए सभी तथ्यों पर ध्यान दिया जा रहा है। मुंबई पुलिस छोटा राजन से पूछताछ करना चाहती है, लेकिन उसे उनके सुपुर्द किए जाने की अभी संभावना नहीं लगती। उत्तर प्रदेश में भी छोटा राजन के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। बाली में 25 अक्तूबर को गिरफ्तार किए गए छोटा राजन को विशेष विमान से दिल्ली रवाना करने से पहले अनिवार्य स्वास्थ्य जांच से गुजरना पड़ा। छोटा राजन को कुछ समय के लिए दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की हिरासत में दिया जाएगा, जिससे कई एजेंसियों के अधिकारी पूछताछ करेंगे। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स भी छोटा राजन गैंग से संबद्ध तीन अपराधियों की गिरफ्तारी के सिलसिले में मुंबई जाएगी।