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'पुरस्कार एक सम्मान है, इसे संजोकर रखें'

राष्ट्रपति ने समारोहपूर्वक सम्मानित किए मीडियाकर्मी

दिल्ली सहित देश में मनाया गया राष्ट्रीय प्रेस दिवस

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 16 November 2015 11:27:56 PM

pranab mukherjee at the national press day celebrations

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में भारतीय प्रेस परिषद के राष्ट्रीय प्रेस दिवस-2015 समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा है कि पुरस्कार पेशेवर क्षेत्र में साथियों और नेताओं की प्रतिभा, मेधा और कठिन परिश्रम की सार्वजनिक मान्यता होते हैं, ऐसे पुरस्कार संजोकर रखे जाने चाहिएं और पुरस्कार पाने वाले लोगों को इसे सम्मान और मूल्यवान समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक भारतीय के रूप में भारत के विचार तथा संविधान में दिए गए मूल्यों और सिद्धांतों में हमें विश्वास होना चाहिए, खुलापन और सही आलोचना की सराहना तो हमारी देश की परंपरा रही है, इसे संरक्षित और मजबूत बनाया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि बहस और विचार-विमर्श के माध्यम से असहमति प्रकट की जानी चाहिए। उन्होंने पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इतिहास से उदाहरण देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में समाचार पत्रों और एजेंसियों के विकास का मूल हमारे स्वतंत्रता संग्राम में हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रेस का विकास सरकारी कृपा से नहीं हुआ है, बल्कि उन व्यक्तियों की प्रतिबद्धता के कारण हुआ है, जिन्होंने औपनिवेशिक सरकार की दमनकारी नीतियों से संघर्ष में पत्रकारिता को औजार के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि आज हमारी मीडिया का प्रभाव, साख और गुणवत्ता की पूरी दुनिया में मान्यता है। भारतीय प्रेस परिषद की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रेस परिषद के दो काम हैं-प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना और दूसरा पत्रकारिता की नैतिकता और कानूनी रूपरेखा के दायरे में प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना। उन्होंने कहा कि मीडिया को लोकहित के प्रहरी के रूप में काम करना चाहिए और हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज़ बनना चाहिए।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस की इस वर्ष की वार्ता की थीम की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कार्टून और व्यंग्य चित्र तनाव कम करते हैं, एक कार्टूनिस्ट समय के भाव को चित्रित करता है, इस भाव को बड़े लेख भी व्यक्त नहीं कर पाते। सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौर ने कहा कि गवर्नेंस में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रेस औजार के रूप में काम करता है, तकनीकी विकासों से सरकार की नीतियों पर लोगों की त्वरित और विस्तृत राय पाना संभव है। कर्नल राठौर ने कहा कि दुनिया के रुझानों से अलग भारत में प्रिंट मीडिया का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि उचित और संतुलित सूचना देना मीडिया की जिम्मेदारी है और सरकार भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय प्रेस परिषद ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रिंट पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार गठित किए हैं। इनमें देश के महान सुधारवादी पत्रकार के सम्मान में राजाराममोहन राय राष्ट्रीय पत्रकारिता उत्कृष्टता पुरस्कार शामिल है।
प्रणब मुखर्जी ने ग्रामीण पत्रकारिता एवं विकास की श्रेणी में संयुक्त रूप से चुने गए इंडो-एशिएन न्यूज़ सर्विस के सुजीत चक्रवर्ती तथा मातृभूमि के विनय मैथ्यू को पुरस्कृत किया। खोजी पत्रकारिता श्रेणी में मीड-डे के शरद व्यास सम्मानित किए गए। एकल समाचार चित्र श्रेणी में फोटो पत्रकारिता के लिए पीटीआई के शाहबाज़ खान तथा फोटो फीचर श्रेणी में इंडियन एक्सप्रेस के ताशी तोबग्याल सम्मानित किए गए। कार्टून कैरिकेचर तथा इलेस्ट्रेशन के श्रेष्ठ न्यूज़ पेपर आर्ट श्रेणी में इंडियन एक्सप्रेस के सीआर शशिकुमार पुरस्कृत किए गए। प्रेस परिषद ने प्रेस दिवस समारोह 2015 को जाने माने कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण की स्मृति में समर्पित किया है। इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रमौली कुमार प्रसाद भी उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि सोलह नवंबर को भारत में स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस के प्रतीक के रूप में राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारतीय प्रेस परिषद ने अपना कार्य प्रारंभ किया था।

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