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Friday 4 December 2015 01:46:56 AM
चैन्नई। तमिलनाडु में ऐसी बाढ़ त्रास्दी कभी नहीं देखी गई। यह प्रलय का एक साक्षात रूप है। किसी को अंदाजा नहीं था कि बाढ़ आपदा की दृष्टि से अति सुरक्षित चैन्नई के अनेक स्थान और शहर जलमग्न हो जाएंगे, एयरपोर्ट भी डूब जाएगा। तमिलनाडु में जनसामान्य संकट में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संकट पर लगातार नज़र गड़ाए हैं और उन्होंने तमिलनाडु की जनता को भरोसा दिया है कि भारत सरकार राहत में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में जानकारी दी है कि बाढ़-बारिश की वजह से मरने वालों की तादाद 269 पहुंच चुकी है। भारी बारिश की वजह से चेन्नई के रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया है। बारिश का पानी भर जाने के बाद एयरपोर्ट भी बंद करना पड़ा है। राजनाथ सिंह ने बताया कि चेन्नई में 40 फीसदी मोबाइल फोन और टेलिफोन कनेक्शन काम नहीं कर रहे हैं। एनडीआरएफ, सेना, नौसेना, पुलिस कमांडो और दमकलकर्मियों के दल बेहद प्रभावित इलाकों कोट्टूरपुरम, जाफेरखानपेट और नंदनम में बचाव कार्य में लगे हैं। चालीस साल से अधिक वक्त में पहली बार नदी में जलस्तर इतना अधिक बढ़ा कि इससे सैदापेट में सड़क और मराईमलाई आडिगल पुल टूट गए। बारिश के पूर्वानुमान के कारण भी लोग बेहद चिंतित हैं। खाने-पीने की चीजें महंगी हो गई हैं। दूध और सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित है। डीजल और पेट्रोल की कम सप्लाई हो रही है। पेट्रोल पंपों पर मोटर सवारों की लंबी कतार लगी हुई है। वायुसेना और सेना संकट में फंसे लोगों को जरुरी सामान उपलब्ध करा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विनाशकारी बाढ़ से उपजे हालात का जायजा लेने के लिए चैन्नई का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में चैन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के साथ ताजा स्थिति पर चर्चा की। बाद में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने बेहद भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान और विपत्ति को खुद अपनी आंखों से देखा है, भारत सरकार इस मुश्किल घड़ी में तमिलनाडु की जनता के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि मैंने भारत सरकार की ओर से तमिलनाडु सरकार को बतौर राहत 1,000 करोड़ रुपये तत्काल जारी करने का निर्देश दिया है, ताकि वहां तुरंत राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि यह राशि उस 940 करोड़ रुपये के अलावा है, जिसे पहले ही जारी किया जा चुका है। उधर तमिलनाडु में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में भारतीय वायुसेना की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है और राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की 4 टीमों को दिल्ली से और 10 टीमों को भुवनेश्वर से विमान के जरिए अराक्कोणम ले जाने का कार्य पूरा हो चुका है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना की 4 टुकड़ियों को भारतीय वायुसेना के मालवाहक विमान से ले जाया गया है। विमानों से फंसे हुए मुसाफिरों को बेगमपेट दिल्ली ले जाया जा रहा है। राहत एवं बचाव कार्यों में हेलिकॉप्टरों का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके तहत 4 मीडियम लिफ्ट हेलिकॉप्टर, एक एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर, (एएलएच) और 5 चेतक चीता को उपयोग में लाया जा रहा है। एक हेलिकॉप्टर को आंध्र प्रदेश सरकार की सहायता के लिए तिरूपति में तैनात किया गया है। तमिलनाडु में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए वित्तीय सेवाओं के विभाग ने बैंक और अन्य वित्तीय संगठनों को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों की हर संभव मदद के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। बाढ़ के कारण बैंकों की शाखाओं और एटीएम के प्रभावित होने की संभावना है। बैंकों से एटीएम के संचालन को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है और जहां ऐसा करना संभव न हो वहां वैकल्पिक व्यवस्थाओं जैसे मोबाइल एटीएम, एटीएम बैंक और नावों पर लगाए गए मोबाइल एटीएम की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके साथ ही बैंक विभिन्न स्थानों पर धन की निकासी के लिए अपने कर्मचारियों को लैपटॉप के साथ तैनात कर सकते है।
तमिलनाडु में बारिश के कारण कुछ स्टेशन और पटरियां जलमग्न हो गई हैं। इस अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए भारतीय रेलवे का दक्षिणी जोन (मुख्यालय-चैन्नई) जुटा हुआ है। चैन्नई डिवीजन के तहत आने वाले कई स्टेशनों की हालत जलमग्न होने की वजह से खराब है। रेल पटरियों पर पानी के भारी बहाव के कारण चैन्नई-विल्लूपुरम और चैन्नई-गुडुर सेक्शन सबसे ज्यादा प्रभावित है। भारी बारिश के चलते इस इलाके में ट्रेनों का अवागमन प्रभावित हुआ है, इसकी वजह से कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि कई के मार्गों में बदलाव किए गए हैं। रेलमंत्री सुरेश प्रभु स्थितियों पर नज़र बनाए हुए हैं और उन्होंने रेलवे प्रशासन को यात्रियों की सहूलियत के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा है। उन्होंने दक्षिण रेलवे को फंसे हुए यात्रियों के लिए निशुल्क भोजन, पानी, सुरक्षा और उनके पुर्नभुगतान के लिए भी निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वे स्वयं स्टेशनों पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी करें। रेलवे बोर्ड एवं दक्षिण रेलवे हालात पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं, जबकि महाप्रबंधक समेत अन्य अधिकारी भी स्वयं चैन्नई संभाग की ट्रेनों के संचालन पर निगरानी रख रहे हैं।
दक्षिण रेलवे कुछ अहम कदम उठाए हैं, जिनमें उपनगरीय यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ ट्रेने चलाई जा रही हैं। फंसे यात्रियों के लिए की गई व्यवस्था की देखरेख के लिए प्रमुख स्टेशनों पर अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। प्रमुख स्टेशनों पर फंसे हुए यात्रियों को भोजन के पैकेट और पानी के पैकेट का जैन एसोसिएशन और अन्य गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से मुफ्त में वितरण किया गया है। फूड आउटलेट भी यात्रियों को भोजन बेच रहे हैं। पर्याप्त पीने के पानी और खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति स्टेशनों पर यह सुनिश्चित किया गया है। बाढ़ के कारण जिन स्टेशनों को बंद किया गया है, वहां भी चौबीस घंटे चिकित्सा सुविधाओं को विस्तारित किया गया है। जो ट्रेने ठप हैं वहां भी चिकित्सा सुविधा पहुंचाई जा रही है। प्रमुख स्टेशनों पर पर्याप्त दवाओं के साथ मेडिकल बूथ उपलब्ध कराया जा रहा है। रेल यात्रियों और उनके सामानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ कर्मियों को चैन्नई सेंट्रल, चैन्नई एग्मोर, पल्लावरम, गुडुवैचेरी, चेंगलपट्टू, अराकोणम, तिरुवल्लुर, कट्पडी और जोलार्पेट्टई में तैनात कर दिया गया है। हेल्पलाइन, एसएमएस, ट्विटर, फेसबुक, वेबसाइट, घोषणा, प्रेस नोट, सूचना पट्ट, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड, पूछताछ काउंटर, एनटीईएस इत्यादि के माध्यम से प्रभावी उपायों की सूचना को जनता के लिए प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में भारी बारिश के कारण हुए जान-माल के नुकसान पर शोक व्यक्त किया है। तमिलनाडु के राज्यपाल डॉ के रोसैय्या को भेजे संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि चैन्नई और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में भारी बारिश के कारण हुई मौतों और चैन्नई की बुनियादी सुविधाओं के भारी नुकसान के समाचार से मुझे बेहद दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि राहत और बचाव के प्रयास जारी हैं और मुझे विश्वास है कि तमिलनाडु की जनता इस त्रासदी का साहस के साथ मुकाबला करेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं लोगों को बचाने और उनकी तकलीफें कम करने में जुटी सेना, राज्य सरकार, एनडीआरएफ, सामाजिक संगठनों और बचाव कर्मियों के प्रयासों की भी सराहना करता हूं और राज्य सरकार और अन्य प्राधिकरणों से पीड़ित परिवारों एवं प्रभावितों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने का आह्वान करता हूं।