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Sunday 17 January 2016 11:33:13 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर वर्ष 2016 के लिए पल्स पोलियो कार्यक्रम की शुरूआत की। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा भी उपस्थित थे। रविवार को देश भर में पोलियो को जड़ के समाप्त करने के अभियान के तहत राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस मनाया गया। इस मौके पर 5 वर्ष से कम आयु के 17.4 करोड़ बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई। राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि पोलियो से मुक्त ये पांच वर्ष हम सब के लिए बहुमूल्य हैं। उन्होंने कहा कि भारत को मई 2015 में मातृत्व एवं प्रसवपूर्व टिटनेस उन्मूलन मुक्त घोषित किया गया, जबकि इसका विश्व स्तर पर लक्ष्य दिसंबर 2015 था, यह सर्वव्यापी स्वास्थ्य लाभ और स्वास्थ्य सुविधाओं में अंतर को समाप्त के प्रति देश की स्मरणीय उपलब्धि है।
जेपी नड्डा ने कहा कि ये कोई लक्ष्य प्राप्ति नहीं है, बल्कि संपूर्ण देशवासियों की कठिन मेहनत और धैर्य को बनाए रखने की नई शुरूआत है। उन्होंने कहा कि विश्व से पोलियो की समाप्ति अंतिम चरण में है और वर्तमान में पोलियो विश्व के सिर्फ दो देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रभावी है, पोलियो ग्रस्त इन देशों के पोलियो संक्रमण से बचाव के लिए राष्ट्रीय और अंतरक्षेत्रीय स्तर पर सतत निगरानी रखने के साथ-साथ विशेष सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि हम चौकस हैं और इसी कारण हम भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर पोलियो टीकाकरण अभियान चला रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुरूप भारत और आठ देशों के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यात्रा सलाह जारी की गई है। इन देशों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाईजीरिया, कैमरून, सीरिया, इथोपिया, सोमालिया और केन्या शामिल हैं। इसके अतिरिक्त पोलिया के विषाणु के दूसरी जगहों से पहुंचने की स्थिति में नियंत्रण के लिए सभी राज्य और संघशासित प्रदेशों में आपातकालीन तत्परता और प्रतिक्रिया योजना के अंर्तगत त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है।
पाकिस्तान सहित दुनिया के कई मुस्लिम देशों में पोलियो की स्थिति भयावह है और ऐसा लगता है कि इन देशों की सरकारों और वहां के नागरिकों में पोलियो संक्रमण और उसके उपचार के प्रति भारी असहयोग और उदासीनता है। भारत के सीमावर्ती देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो के संक्रमण से बच्चों का बुरा हाल है। इन देशों में मुस्लिम कट्टरपंथी और अनेक मुस्लिम धार्मिक नेता पोलियो की दवा के खिलाफ हैं, जिससे यहां की सरकारें असहाय हैं और कुछ ही लोग इसे अपना रहे हैं। भारत में भी मुस्लिम समाज में कहीं-कहीं पोलियो की दवा नहीं पिलाई जाती है, जिसका वे खामियाजा भी भुगत रहे हैं, तथापि भारत ने पोलियो पर विजय हासिल की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाईजीरिया, कैमरून, सीरिया, इथोपिया, सोमालिया और केन्या को खासतौर से पोलियो से संकटग्रस्त देश घोषित किया हुआ है, इन देशों के पोलियो के संक्रमण से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खास हिदायत दी है कि इन देशों के नागरिकों और बच्चों को अपने यहां प्रवेश देते समय उनका पोलियो परीक्षण किया जाए और इससे संक्रमित व्यक्ति को उपचार के लिए रोका जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी है कि पोलियो के प्रति उदासीनता बरतने वालों को अलग-थलग किया जा सकता है और जो देश पोलियो की दवा को लेकर बेतुकी अफवाह दूर नहीं कर रहे हैं या पोलियो प्रतिरक्षण में उदासीनता बरत रहे हैं, उन्हें दूसरे देशों में आवागमन में कड़े प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या खासतौर से कुछ मुस्लिम देशों में ज्यादा है, जहां कट्टरपंथी मुसलमान अफवाहों के पीछे चल रहे हैं और वहां की सरकारें भी अपने वोट बैंक के लिए चुप्पी मारे बैठी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का लक्ष्य सबको रोग मुक्त करना है, जिसमें पोलियो के टीकाकरण पर खास ध्यान है और यह संक्रमण बच्चे के जीवन को नरक बना देता है। भारत में मुसलमानों में पोलियो की दवा के प्रति शंकाएं पैदा की गई थीं कि इससे बच्चे पैदा नहीं होते हैं, जो परीक्षणों में निर्मूल पाई गईं और भारत में मुस्लिम धार्मिक नेता आगे आए और उन्होंने मुसलमानों का अपने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का आह्वान किया, जिससे आज भारत दुनिया में पोलियो मुक्त घोषित है।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि बच्चों को और अधिक सुरक्षा देने और पोलियो उन्मूलन में मिली सफलता को कायम रखने के लिए केंद्र सरकार ने 30 नबंवर 2015 से इंजेक्शन युक्त पोलियो वैक्सीन (आईपीवी) की शुरूआत की है। पहले चरण में छह राज्यों असम, गुजरात, पंजाब, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदेश में इसकी शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि कुछ माह में ट्राइवेलेंट ओपीवी से बाईवेलेंट ओपीवी में बदलने की योजना बनाई जा रही है। जेपी नड्डा ने भारत को पोलिया से मुक्त बनाने में हजारों स्वंयसेवियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों और भागीदार संस्थाओं के अथक प्रयासों की सराहना की है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव बीपी शर्मा, स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।