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Tuesday 19 January 2016 04:33:24 AM
गौतमबुद्ध नगर। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी कस्बे में शिव नादर यूनिवर्सिटी का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने संकाय सदस्यों के लिए आवासीय भवन की आधारशिला रखी और एचसीएल सिटीजन ग्रांट्स अवार्ड भी दिए। राष्ट्रपति ने एचसीएल के संस्थापक अध्यक्ष शिव नादर को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि दो दशक पहले स्थापित शिव नादर फाउंडेशन बदलाव की शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। शिव नादर यूनिवर्सिटी 2011 में स्थापित हुई थी। उन्होंने कहा कि इसे समग्र, अंतर-विषयक और विद्यार्थी उन्मुख संस्थान के तौर पर शुरू किया गया है, जो नए ज्ञान के सृजन और पेशेवर दक्षता पैदा करने पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किए हुए है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिव नादर यूनिवर्सिटी ने नए और भविष्य में पैदा होने वाले अवसरों के मद्देनज़र छात्र-छात्राओं को तैयार करने के लिए खास पाठ्यक्रम अपनाया है, अपने अनोखे नज़रिए की वजह से यूनिवर्सिटी में अगले दो-तीन दशक के दौरान उच्च शिक्षा परिदृश्य को सकारात्मक तौर पर प्रभावित करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले 60 प्रतिशत विद्यार्थी निजी विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं, हालाकि निजी विश्वविद्यालयों की तादाद बढ़ी है, लेकिन शिक्षा के स्तर पर इनके नकारात्मक असर चौंकाने वाला है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अगर उच्च शिक्षा के स्तर में आ रही समस्या जल्द सुलझाई नहीं गई तो हमारे पास डिग्रीधारक लोग तो होंगे, लेकिन दक्ष मानव संसाधन नहीं होंगे, हम नई अर्थव्यवस्था के मुताबिक कामकाजी लोग और पेशेवर पैदा न करने का जोखिम मोल नहीं ले सकते, इसलिए सीखने के मौकों और श्रेष्ठता की खोज दोनों पर समान रूप से ध्यान देना होगा। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि वर्ष 2015 में पहली बार दो भारतीय शैक्षणिक संस्थान दुनिया के शीर्ष 200 शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि उच्च शिक्षा संस्थानों की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में आगे और भी भारतीय शिक्षा संस्थान शामिल होंगे।